My job alarm

UP News : पैतृक संपत्ति के बंटवारे को लेकर योगी सरकार का अहम फैसला, लोगों को बड़ी राहत

UP News - आमतौर पर प्राेपर्टी से जुड़े नियमों और कानूनों को लेकर लोगों में जानकारी का अभाव होता है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) की अध्यक्षता में हुई बैठक में एक महत्तवूपर्ण फैसला लिया गया है, जिससे परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी और संपत्ति के बंटवारे में आने वाली कानूनी अड़चनें कम होंगी।आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.

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UP News : पैतृक संपत्ति के बंटवारे को लेकर योगी सरकार का अहम फैसला, लोगों को बड़ी राहत

MY Job Alarm : (UP News) उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने पारिवारिक संपत्ति बंटवारे को आसान बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है. अब पार्टीशन डीड (partition deed) पर लगने वाला स्टाम्प शुल्क और पंजीकरण शुल्क ₹5,000 तक सीमित रहेगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में यह फैसला लिया गया है, जिससे परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी और संपत्ति के बंटवारे में आने वाली कानूनी अड़चनें कम होंगी.
 

नया सरकारी आदेश जारी होते ही संपत्ति के बंटवारे पर लगने वाला स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क कम हो जाएगा, जिससे लोग इसका आसानी से लाभ उठा पाएंगे. पहले, संपत्ति के कुल मूल्य का 4% स्टांप शुल्क और 1% पंजीकरण शुल्क देना पड़ता था. इस भारी शुल्क के कारण लोग बंटवारे के कागजात पंजीकृत नहीं करवाते थे, जिससे अदालतों में संपत्ति विवादों की संख्या बढ़ जाती थी. इस नए नियम से पारिवारिक विवाद (family dispute) कम होंगे और लोग आसानी से संपत्ति का बंटवारा करा सकेंगे.


यूपी सरकार (UP Government) में स्टांप एवं पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल ने कहा कि इस नई व्यवस्था से मुकदमों में कमी आएगी, आपसी समझौते आसान होंगे, और भूमि व राजस्व रिकॉर्ड (land and revenue records) अपडेट होंगे. इससे संपत्तियां बाजार में आसानी से उपलब्ध होंगी. सरकार को शुरू में स्टांप शुल्क (stamp duty) से 5.58 करोड़ और पंजीकरण शुल्क से 80.67 लाख रुपये का राजस्व नुकसान हो सकता है, लेकिन पंजीकरण बढ़ने से इसकी भरपाई की उम्मीद है. 


 

यूपी सरकार (UP Governement) ने पारिवारिक संपत्तियों के बंटवारे के लिए 10,000 रुपये के खर्च पर स्थायी पंजीकरण की घोषणा की है. यह कदम कानूनी स्पष्टता और पारिवारिक सौहार्द को बढ़ावा देगा. इस प्रणाली को तमिलनाडु (tamilnadu), कर्नाटक, राजस्थान (rajasthan) और मध्य प्रदेश में सकारात्मक परिणामों के साथ लागू किया गया है. जल्द ही एक सरकारी आदेश जारी किया जाएगा, जिससे यह प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.

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