भारत के एक IAS अधिकारी को 100 करोड रुपे का स्कोलर्शिप घोटाला उजागर करने पर यूपी के माफियाओं ने 7 गोलियां मार दी थी। जिसकी वज़ह से उनकी एक आख चली गई थी, उनका चेहरा बिगड़ गया था।
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इमानदारी के चलते उन्हें कई बार सस्पेंड भी किया गया , पागल खाने भेजा गया और कई झूठे आरोप भी लगाए गये। लेकिन वो नहीं हारे। उन्होंने फिर से खड़े होकर समाज की बुराईयों के खिलाफअपनी आवाज उठाना जारी रखा।
साल 2009 में यूपी के मुजफ्फर नगर में समाज कल्याण अधिकारी के रूप में रिंकू सिंह राही की नियुक्ती हुई थी। इसी दौरान रिंकू की नजर परदेश में हो रहे स्कोलरशिप स्कैम पर पड़ी और जब उन्होंने स्कैम को एक्सपोज किया तो उन पर जान लेवा हमला कर दिया गया ।
अब इससे ठीक होने के बाद जब उन्होंने फिर से माफियाओं के खिलाफ अंशन किया तो पुलिस ने उन्हें पागल खाने भेज दिया पर इसके बाद भी वो रुके नहीं और अरोपियों को 10 साल की सजा दिलवा कर रहें।
एक PCS अधिकारी के पास करप्षन और समाजिक बुराईयों के खिलाफ लडने के लिए इतने अधिकार नहीं होते हैं।इसलिए उन्होंने UPSC एक्जाम दी और फिर IAS अधिकारी बने।
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