UP के इस जिले में बनेगा 16 किलोमीटर लंबा सबसे छोटा एक्सप्रेसवे, जमीन अधिग्रहण का प्रोसेस तेज
UP - एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें कि यूपी के इस जिले में 16 किलोमीटर लंबा सबसे छोटा एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा. इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) को मंजूरी के लिए राज्य सरकार के पास भेज दिया गया है... इस एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया (land acquisition process) को तेज़ कर दिया गया है.आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.

MY Job Alarm : (UP News) यमुना प्राधिकरण की बहुप्रतीक्षित मास्टर प्लान 2041 को यूपी सरकार की मंजूरी मिल गई है. इस मंजूरी के बाद, जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) को न्यू नोएडा से जोड़ने वाले 16 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे (expressway) के निर्माण का रास्ता खुल गया है. यह एक्सप्रेसवे बुलंदशहर और अन्य जिलों को सीधे एयरपोर्ट से जोड़ेगा, जिससे क्षेत्र में कनेक्टिविटी बेहतर होगी और विकास को गति मिलेगी. यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो नोएडा को एक विश्वस्तरीय हब के रूप में स्थापित करेगा.
एक रिपोर्ट के अनुसार, अथॉरिटी के एक अधिकारी ने बताया कि एयरपोर्ट को रुंधी से चोला तक रेलवे लाइन से जोड़े जाने की योजना है, इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) को मंजूरी के लिए राज्य सरकार के पास भेज दिया गया है.
जेवर एयरपोर्ट और न्यू नोएडा के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए एक नया एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा. यह एक्सप्रेसवे 4 से 6 लेन का होगा. इसे एयरपोर्ट से चोला तक रेलवे लाइन के समानांतर बनाया जाएगा. मास्टर प्लान-2041 को मंजूरी मिलने के बाद, इस एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया (land acquisition process) को तेज़ कर दिया गया है. यह नई सड़क परियोजना, दोनों प्रमुख स्थानों के बीच यात्रा को आसान बनाएगी.
चोला तक रेलवे लाइन के साथ एक्सप्रेसवे बनने से न्यू नोए़डा भी एयरपोर्ट से सीधे तौर पर जुड़ जाएगा. इसके अलावा, आसपास के जिलों के लोगों को भी बेहतर कनेक्टिविटी का फायदा मिलेगा. दरअसल इस एक्सप्रेसवे के लिए जमीन अधिग्रहण एक बड़ी अड़चन थी, लेकिन मास्टर प्लान- 2041 को मंजूरी मिलने के बाद यह परेशानी दूर होने की संभावना है.
नोएडा मास्टर प्लान (Noida Master Plan) 2041 दादरी-नोएडा-गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन (न्यू नोएडा) के विस्तार पर केंद्रित है. इसमें गौतम बुद्ध नगर और बुलंदशहर जिलों के 80 गांवों से भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा. 6 लाख निवासियों के लिए डिज़ाइन किए गए इस क्षेत्र में 2041 तक 37 लाख तक की आबादी होने का अनुमान है. इस योजना का लक्ष्य औद्योगिक, आवासीय और संस्थागत विकास के साथ क्षेत्र की बढ़ती जरूरतों को पूरा करना है.