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Expressways : यूपी समेत देश में बनेंगे 17 नए एक्सप्रेसवे, 2027 में होंगे तैयार, यह होगा रूट

Latest Expressway : सरकार देशभर में सड़कों और एक्सप्रेसवे का एक विशाल जाल बिछाने की तैयारी कर रही है, जो देश के आर्थिक विकास, क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और यात्रियों की सुविधाओं को नई ऊचाईयो पर पहुंचाएगा। अब यूपी समेत देश में 17 नए एक्सप्रेसवे (Expressways  Updates ) का निर्माण किया जा रहा है। इनके रूट भी तैयार कर लिए गए हैं। आइए खबर में जानते हैं इन एक्सप्रेसवे के बारे में।

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Expressways : यूपी समेत देश में बनेंगे 17 नए एक्सप्रेसवे, 2027 में होंगे तैयार, यह होगा रूट

MY Job Alarm : (Expressway) यूपी सरकार ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों में भी सड़कों और एक्सप्रेसवे का एक विशाल और आधुनिक नेटवर्क तैयार होने जा रहा है। इस एक्सप्रेसवे (Latest Expressway In India) के निर्माण से यात्रा तेज और सुगम होने के साथ ही आर्थिक विकास और क्षेत्रीय संतुलन को भी नई दिशा मिलेगी। आज हम आपको इस खबर के माध्यम से देश के 17 बड़े एक्सप्रेसवे के बारे में बताने वाले हैं।

कब तक शुरू हो जाएंगे ये एक्सप्रेसवे 

वैसे तो इस समय में भारत में 17 प्रमुख एक्सप्रेसवे (Latest Expressway In India) पर काम चल रहा है, जिनमें से कई परियोजनाएं 2024 से लेकर 2027 तक कंप्लिट भी होने वाली हैं। इन एक्सप्रेसवे के जरिए देश के विभिन्न हिस्सों को आपस में कनेक्ट किया जाएगा, जिससे यात्रा का समय घटेगा, यात्री अनुभव बेहतर होगा, और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।

इन 17 एक्सप्रेसवे पर चल रहा काम 

अभी इस समय में जिन 17 प्रमुख एक्सप्रेसवे (17 major expressways) पर काम चल रहा है, उन एक्सप्रेसवे में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का नाम शामिल है, जो 1350 KM लंबा है। इसके साथ ही द्वारका एक्सप्रेसवे जो 29।1 KM लंबा, मुंबई-नागपुर समृद्धि महामार्ग (Mumbai-Nagpur Samriddhi Highway), जिसकी लंबाई 701 KM है पर काम चल रहा है। इसके अलावा गंगा एक्सप्रेसवे पर काम चल रहा है, जिसकी लंबाई 594 KM है। इसके साथ ही दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे , जिसकी लंबाई 650 KM होगी। इस पर काम चल रहा है।


ये परियोजनाए भी है शामिल

इसके अलावा अन्य एक्सप्रेसवे पर भी काम चल रहा है। इन एक्सप्रेसवे में अहमदाबाद-धोलेरा एक्सप्रेसवे (Ahmedabad-Dholera Expressway) जो कि 109 KM लंबा है, बैंगलोर-चेन्नई एक्सप्रेसवे जो 260 KM लंबा है और रायपुर-विशाखापट्टनम एक्सप्रेसवे पर काम चल रहा है। इसके साथ ही नर्मदा एक्सप्रेसवे जिसकी लंबाई 1300 KM है, लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे , जिसकी लंबाई 62 KM है और गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे जिसकी लंबाई 700 KM है और अमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे जिसकी लंबाई 230 KM है। इन एक्सप्रेसवे पर भी काम चल रहा है।


जानिए कौन-कौन से हैं ये एक्सप्रेसवे

इसके साथ ही कई बड़े एक्सप्रेसवे (UP New Expressway) पर भी काम चल रहा है, जिसमे फरीदाबाद-जेवर एयरपोर्ट एक्सप्रेसवे का नाम शामिल है। इसकी लंबाई 31.4 KM है और रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे, जिसकी लंबाई 719 KM है और आगरा-बरेली एक्सप्रेसवे , जिसकी लंबाई 228 KM होगी। वहीं NH-913, अरुणाचल प्रदेश एक्सप्रेसवे जिसकी लंबाई 1700 KM होगी और अलीगढ़-पलवल एक्सप्रेसवे, जिसकी लंबाई 32 KM होने वाली है। 

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे की खासियत

ऐसे भी कई एक्सप्रेसवे हैं, जिन पर भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने अभ्यास किया था। जैसे कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, जिसकी एयरस्ट्रिप लंबाई 3.2 किमी होने वाली है और इस एक्सप्रेसवे की खासियत यह है कि यह  भारत का पहला एक्सप्रेसवे जिस पर भारतीय वायुसेना ने 2017 में अभ्यास किया था। इस एक्सप्रेसवे पर मिराज-2000, जगुआर और Su-30MKI जैसे लड़ाकू विमानों ने सफल लैंडिंग की थी।

यूपी का पूर्वांचल एक्सप्रेसवे

वहीं, यूपी का पूर्वांचल एक्सप्रेसवे (Purvanchal Expressway of UP) का स्थान  सुल्तानपुर में हैं और इकसी एयरस्ट्रिप लंबाई 3.2 किमी होने वाली है। इस एक्सप्रेसेव का उद्घाटन 2021 में किया गया था और उद्घाटन के समय मिराज-2000 और एएन-32 विमानों ने लाइव टेक-ऑफ और लैंडिंग का प्रदर्शन किया।

यूपी का यमूना एक्सप्रेसवे

इसके साथ ही यूपी का यमूना एक्सप्रेसवे (Yamuna Expressway of UP), जो जेवर के पास मौजुद है। इस एक्सप्रेसवे का यूज 2015 में मिराज-2000 की ट्रायल लैंडिंग पर किया गया था। यह पहला ऐसा हाईवे था जहां IAF ने लैंडिंग का परीक्षण किया।


राजस्थान के राष्ट्रीय राजमार्ग 925A की खासियत

इसके साथ ही राजस्थान के राष्ट्रीय राजमार्ग 925A (National Highway 925A of Rajasthan), जो गंधव भाकासर, बाड़मेर में हैं। इसकी लंबाई 3।5 किमी होने वाली है और  इसका उद्घाटन सितंबर 2021 में किया गया था। इस एक्सप्रेसवे का यूज राफेल, जगुआर और Su-30MKI विमानों ने किया था। इसके साथ ही ओडिशा के राष्ट्रीय राजमार्ग 16 , जो बालासोर के पास मौजुद है। इसका यूज रणनीतिक अभ्यास और आपात लैंडिंग के लिए विकसित किया गया था। चांदीपुर और व्हीलर द्वीप जैसे रक्षा प्रतिष्ठानों के पास स्थित होने के चलते यह हवाई पट्टी सुरक्षा दृष्टिकोण से काफी जरूरी मानी जाती है।

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