UP में बनाया जाएगा 6 लेन नया एक्सप्रेसवे, इन जिलों को होगा बड़ा फायदा, जमीन के रेट में भी तगड़ा उछाल
UP News - उत्तर प्रदेश, जो भारत में सबसे ज़्यादा एक्सप्रेसवे वाला राज्य है, अब एक और नया और सबसे लंबा एक्सप्रेसवे बनाने जा रहा है. यह नया एक्सप्रेसवे लगभग 700 किलोमीटर लंबा होगा. यह महत्वाकांक्षी परियोजना राज्य की कनेक्टिविटी को और भी बेहतर बनाएगी, जिससे यात्रा सुगम और तेज़ हो जाएगी... यह एक्सप्रेसवे 6 लेन का बनाया जाएगा-

MY Job Alarm : (UP News) उत्तर प्रदेश, जो भारत में सबसे ज़्यादा एक्सप्रेसवे वाला राज्य है, अब एक और नया और सबसे लंबा एक्सप्रेसवे बनाने जा रहा है. यह नया एक्सप्रेसवे लगभग 700 किलोमीटर लंबा होगा, जो वर्तमान में 570 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway) को पीछे छोड़ देगा. यह महत्वाकांक्षी परियोजना राज्य की कनेक्टिविटी को और भी बेहतर बनाएगी, जिससे यात्रा सुगम और तेज़ हो जाएगी.
यह एक्सप्रेसवे 6 लेन का बनाया जाएगा और इसे पूरी तरह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के रूप में विकसित किया जाएगा. इस एक्सप्रेसवे का फायदा 22 जिले के लोगों को होगा और यहां किसानों की जमीनों के दाम भी बढ़ जाएंगे.
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे (Gorakhpur-Shamli Expressway), लगभग 700 किलोमीटर लंबा, पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाला दूसरा प्रमुख एक्सप्रेसवे होगा. यह नया प्रस्तावित मार्ग गोरखपुर से शामली तक जाएगा. इसके बनने के बाद, पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों जैसे मसूरी, देहरादून, हरिद्वार और ऋषिकेश तक पहुंचना बहुत आसान हो जाएगा. वर्तमान में, मेरठ से प्रयागराज तक का एक्सप्रेसवे निर्माणाधीन है.
अभी तक इस सफर को पूरा करने में 12 घंटे से भी ज्यादा का समय लग जाता है, जबकि नए एक्सप्रेसवे से यह दूरी महज 6 घंटे में पूरी हो जाएगी.
37 तहसीलों में महंगी हो जाएंगी जमीनें-
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे (Gorakhpur-Shamli Expressway) प्रदेश के 22 जिलों और 37 तहसीलों से होकर गुजरेगा. इसके निर्माण के बाद इन जिलों की जमीनों के दाम भी बढ़ जाएंगे. यह एक्सप्रेसवे पूरी तरह ग्रीनफील्ड तकनीक पर बनाया जाएगा, जिसका मतलब है कि एक्सप्रेसवे की सभी ऊर्जा आधारित जरूरतों को सौर ऊर्जा के जरिये पूरा किया जाएगा. नए एक्सप्रेसवे से न सिर्फ सफर का समय कम हो जाएगा, बल्कि गोरखपुर से शामली तक की दूरी भी करीब 200 किलोमीटर कम हो जाएगी.
राज्य के पिछड़े जिलों को भी होगा फायदा-
गोरखपुर से पश्चिमी यूपी के शामली तक जाने वाले नये एक्सप्रेसवे में गोरखपुर, संत कबीर नगर, सिद्धार्थ नगर, बलरामपुर, बहराइच, सीतापुर, लखनऊ, हरदोई, बिजनौर, अमरोहा, सहारनपुर, आगरा, मुजफ्फरनगर, शाहजहांपुर, बदायूं, रामपुर, मुरादाबाद, बरेली, संभल, मेरठ और शामली जिले शामिल हैं. इन सभी जिलों में जमीनों के दाम भी बढ़ेंगे और रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे. इसके तैयार होने के बाद गोरखपुर से हरिद्वार (Gorakhpur to Haridwar) तक महज 8 घंटे में ही पहुंचा जा सकेगा.
कितने रुपये आएगी लागत-
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा एक नए एक्सप्रेसवे के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार की जा रही है, जिसका उद्देश्य औद्योगिक और पर्यटन विकास को बढ़ावा देना है. इस परियोजना के तहत कई जिलों में सर्वेक्षण का कार्य पूरा हो चुका है. अनुमानित है कि भूमि अधिग्रहण के बाद इस पर लगभग 35,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा.
यह एक्सप्रेसवे (expressway) पूर्वी उत्तर प्रदेश के धार्मिक स्थलों को उत्तराखंड (religious places in uttarakhand) के पहाड़ी और पर्यटक क्षेत्रों से जोड़कर यात्रा को सुगम बनाएगा. इसके अलावा, यह 22 जिलों में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में भी सहायक होगा, जिससे क्षेत्र का समग्र विकास सुनिश्चित हो सकेगा.