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तेल मिलों की मांग बनी रहने से लगातार तीसरे दिन सरसों तेज, दैनिक आवकों में कमी


नई दिल्ली। तेल मिलों की मांग बनी रहने से घरेलू बाजार में गुरुवार को लगातार तीसरे दिन सरसों की कीमतों में तेजी जारी रही। जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 50 रुपये की तेजी आकर दाम 5,575 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। इस दौरान सरसों की दैनिक आवक घटकर 13.50 लाख बोरियों की हुई। विश्व बाजार में खाद्वय तेलों की कीमतों में आज भी तेजी का रुख रहा।

मलेशियाई पाम तेल के भाव में दो फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई, वहीं शिकागो में सोया तेल की कीमतों में तेजी दर्ज की गई थी। जानकारों के अनुसार विश्व बाजार में खाद्वय तेलों में मुनाफावसूली से नरम तो आ सकती है, लेकिन बड़ी गिरावट के आसार नहीं है। घरेलू बाजार में सरसों तेल की कीमतों में लगातार तीसरे दिन तेजी दर्ज की गई, जबकि इस दौरान सरसों खल के भाव तेज हो गए।,


उत्पादक मंडियों में गुरूवार को सरसों की दैनिक आवकों में कमी दर्ज की गई। हालांकि उत्पादक राज्यों में मौसम साफ है, इसलिए सरसों की दैनिक आवकों का दबाव बना रहेगा। चालू रबी में सरसों का उत्पादन अनुमान ज्यादा है तथा किसान माल नहीं रोक रहे हैं। दैनिक आवकों का देखते हुए तेल मिलें भी केवल जरुरत के हिसाब से ही खरीद कर रही हैं। खपत का सीजन होने के कारण सरसों तेल में मांग अभी बनी रहेगी तथा आयातित खाद्वय तेलों में आई तेजी के कारण घरेलू बाजार में सरसों एवं तेल की कीमतों में और भी सुधार आने की उम्मीद है। अन्य खाद्य तेलों और प्रमुख खरीदारों की मजबूत मांग के कारण मलेशियाई पाम तेल वायदा में गुरुवार को लगातार
चौथे सत्र में तेजी दर्ज की गई तथा, इसके दाम एक साल से अधिक के उच्चतम स्तर पर बंद हुए। बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (बीएमडी) पर मई डिलीवरी वायदा अनुबंध में पाम तेल की कीमतें 96 रिंगिट यानी की 2.29 फीसदी तेज होकर 4,291 रिंगिट प्रति टन पर बंद हुई। इस दौरान शिकागो में सीबीओटी सोया तेल की कीमतें 0.68 फीसदी तेज हुई।


डालियान के सबसे सक्रिय सोया तेल वायदा अनुबंध में 1.28 फीसदी की वृद्धि हुई, जबकि इसके पाम तेल वायदा अनुबंध में 3.54 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई।


जानकारों के विश्व बाजार में खाद्वय तेलों के दाम तेज होने के साथ ही दुनिया के दूसरे सबसे बड़े पाम तेल उत्पादक मलेशिया में स्टॉक कम होने की आशंकाओं के बीच भारत, चीन और मध्य पूर्व जैसे प्रमुख आयातकों से मांग बढ़ गई है। उद्योग के अनुसार फरवरी में भारत का पाम तेल आयात नौ महीनों में सबसे निचले स्तर पर आ गया, क्योंकि ऊंची कीमतों ने खरीदारों को अन्य खाद्वय तेल सूरजमुखी की खरीदारी करने के लिए प्रेरित किया। जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी और एक्सपेलर की कीमतों में गुरुवार को लगातार तीसरे दिन तेजी दर्ज की गई। कच्ची घानी सरसों तेल के भाव 23 रुपये तेज होकर दाम 1,061 रुपये प्रति 10 किलो हो गए, जबकि सरसों एक्सपेलर तेल के दाम भी 23 बढ़कर भाव 1,051 रुपये प्रति 10 किलो हो गए। जयपुर में गुरुवार को सरसों खल की कीमतें 20 रुपये बढ़कर 2,505 रुपये प्रति क्विंटल हो गई।


देशभर की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक घटकर 13.50 लाख बोरियों की ही हुई, जबकि पिछले कारोबारी दिवस में आवक 14 लाख बोरियों की हुई थी। कुल आवकों में से प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान की मंडियों में नई सरसों की 7 लाख
बोरी, जबकि मध्य प्रदेश की मंडियों में 1.70 लाख बोरी, उत्तर प्रदेश की मंडियों में 1.70 लाख बोरी, पंजाब एवं हरियाणा की मंडियों में 75 हजार बोरी तथा गुजरात में 60 हजार बोरी, एवं अन्य राज्यों की मंडियों में 1.75 लाख बोरियों की आवक हुई।

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