PM Vishwakarma Yojana 2024 : 2024 में आएगा देश का सबसे बड़ा उद्यमिता बदलाव! पीएम विश्वकर्म योजना का खुला राज
पीएम विश्वकर्मा भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय की एक योजना है, जिसका उद्देश्य हाथ से/ औजारों का उपयोग करके काम करने वाले पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को पहचानना और सशक्त बनाना है। इस योजना को वर्ष 2027-28 तक पांच वर्षों के लिए लागू किया जाएगा।
पात्रता
- पीएम विश्वकर्मा के तहत, 18 वर्ष से अधिक आयु के कारीगर या शिल्पकार है, जो स्व-रोजगार के आधार पर असंगठित क्षेत्र में हाथों और औजारों से काम करते हैं और दिशानिर्देशों में निर्दिष्ट परिवार-आधारित पारंपरिक व्यवसायों में लगे हुए हैं।
- लाभार्थी को स्व-रोजगार/व्यवसाय विकास के लिए केंद्र सरकार या राज्य सरकार द्वारा पिछले 5 वर्षों में चलाई जा रही क्रेडिट-आधारित योजनाओं जैसे की पीएमईजीपी, पीएम स्वनिधि, मुद्रा के तहत ऋण नहीं लिया होना चाहिए। हालांकि, मुद्रा और स्वनिधि के लाभार्थी जिन्होंने अपना ऋण चुका दिया है, पीएम विश्वकर्मा के तहत पात्र होंगे। 5 वर्ष की इस अवधि की गणना ऋण स्वीकृत होने की तिथि से की जाएगी।
- योजना के तहत पंजीकरण और लाभ परिवार के एक सदस्य तक ही सीमित रहेगा। एक 'परिवार' को पति, पत्नी और अविवाहित बच्चों से मिलकर परिभाषित किया गया है।
- सरकारी सेवा में कार्यरत व्यक्ति और उनके परिवार के सदस्य इस योजना के तहत पात्र नहीं होंगे। प्रारंभ में पीएम विश्वकर्मा के अंतर्गत आने वाले Trades :
लकड़ी आधारित - बढ़ई, नाव वनाने वाला
पत्थर आधारित - मूर्तिकार (पत्थर तराशने वाला), पत्थर तोड़ने वाला
चमड़े पर आधारित - मोची (चर्मकार) /जूता कारीगर
लोहा/धातु आधारित - अखकार, लोहार, ताला बनाने वाला, हथौड़ा, टूल किट निर्माता
निर्माण आधारित - राजमिस्त्री
सोना/चांदी आधारित - सुनार
मिट्टी आधारित - कुम्हार
अन्य - टोकरी/चटाई झाड़ निर्माता/कॉयर बुनकर, गुड़िया और खिलौना निर्माता (पारंपरिक), माला निर्माता (मालाकार), नाई, धोबी, दर्जी, मछली पकड़ने का जाल निर्माता
पीएम विश्वकर्मा के तहत लाभ
- पंजीकरण (Registration)
- क्रेडिट सहायता (Credit Support)
3.कौशल उन्नयन (Skill Upgradation)
4टूलकिट प्रोत्साहन (Toolkit Incentive)
5.डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन (Incentive for Digital Transaction)
6.विपणन सहायता (Marketing Support
विवरण :-
पंजीकरण (Registration) :-विश्वकर्मा के रूप में पंजीकरण: पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड
क्रेडिट सहायता (Credit Support) :-
(क) बिना जमानत के (collateral free) उद्यम विकास ऋण
पहली किश्त । लाख रुपये तक, 18 महीने में चुकानी होगी , दूसरी किश्त 2 लाख रुपये तक, 30 महीने में चुकानी होगी
(ख) 5% की दर पर रियायती ब्याज दर
(ग) ऋण प्राप्त करने के लिए किसी जमानत (collateral) की आवश्यकता नहीं होगी। ऋण की दूसरी किश्त उन कुशल लाभार्थियों के लिए उपलब्ध होगी जो एक standard loan account रखते हैं और जिन्होंने अपने व्यवसाय में डिजिटल लेनदेन को अपनाया है या उन्नत कौशल प्रशिक्षण (advance skill training) प्राप्त किया है। दूसरी किश्त का लाभ उठाने से पहले उन्हें ऋण की पहली किश्त चुकानी होगी।
कौशल उन्नयन (Skill Upgradation) :-
कौशल सत्यापन और उसके बाद 5 दिन दोनों की (Basic training)
(ख) 15 दिन या उससे अधिक उन्नत कौशल प्रशिक्षण (ग) प्रशिक्षण भत्ता: 500 रुपये प्रतिदिन
टूलकिट प्रोत्साहन (Toolkit Incentive) :- विश्वकर्मा द्वारा अपनाए गए व्यवसाय के लिए उन्नत उपकरणों की खरीद के लिए ईआरयूपीआई/ई वाउचर के माध्यम से 15,000 रु.
डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन (Incentive for Digital Transaction) :- 1 रु. प्रति लेनदेन, अधिकतम 100 लेनदेन प्रति माह के लिए प्रोत्साहन
विपणन सहायता :- राष्ट्रीय विपणन समिति (National Committee for Marketing) गुणवत्ता प्रमाणन, (Quality Certification) ब्रांडिंग, विज्ञापन, प्रचार और अन्य विपणन गतिविधियों (Publicity & Other Marketing activities) के रूप में योजना के तहत पंजीकृत कारीगरों और शिल्पकारों के उत्पादों के लिए विपणन (Marketing) और ब्रांडिंग सहायता प्रदान करेगी।
पंजीकरण की प्रक्रिया
- पंजीकरण सामान्य सेवा केंद्रों (CSC) / अटल सेवा केंद्रों के माध्यम से किया जाएगा।
- आवश्यक दस्तावेज:- आधार, मोबाइल नंबर, बैंक विवरण, राशन कार्ड है। यदि किसी लाभार्थी के पास राशन कार्ड नहीं
है तो उन्हें परिवार के सभी सदस्यों के आधार कार्ड प्रस्तुत करने होंगे।
- पीएम विश्वकर्मा के तहत पंजीकरण/नामांकरण के लिए कोई शुल्क नहीं होगा।
- कारीगरों/शिल्पकारो को एक पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और आईडी कार्ड प्राप्त होगा। प्रमाण पत्र से आवेदक की
पहचान विश्वकर्मा के रूप में हो जाएगी, जिससे वे योजना के तहत सभी लाभ प्राप्त करने के पात्र होंगे। कारीगरों से अनुरोध है कि वे पंजीकरण के लिए अपने निकटतम सामान्य सेवा केंद्रों (CSC) / अटल सेवा केंद्रों से संपर्क करें और योजना का लाभ उठाएं।