हिन्दुओं का एक ऐसा रहस्यमय ग्रंथ जो आपका दिमाग हिला देगा। रामायण और महाभारत के युद्ध में इस्तेमाल किए गए सभी दिव्यास्त्रों की जानकारी देने वाला एक ऐसा रहस्यमय ग्रंथ जिसका नाम शायद ही आपने सुना होगा।

प्राचीन भारतीय इतिहास में जिस तरह से चार मुख्य वेद हैं, ठीक उसी तरह से चार मुख्य उपवेद भी हैं और इन चार उप वेदों में से एक उपवेद धनुर्वेद है।

श्रीराम के गुरु ऋषि वशिष्ठ ने इस ग्रंथ को लिखा था और उन्होंने ग्रंथ में युद्धकला, अस्त्र विद्या और अलग अलग प्रकार के अस्त्रों का वर्णन किया है। धनुर्वेद में अस्त्रों को चार भागों में बांटा है।

पहला है मुक्त अस्त्र , इस शस्त्र का प्रयोग करने के लिए उसे हाथों से छोड़ना पड़ता है, जैसे कि श्रीकृष्ण भगवान का सुदर्शन चक्र।

दूसरा है मुक्त अस्त्र, इस शस्त्रों का प्रयोग करने के लिए उन्हें हमेशा हाथ में पकड़कर रखना पड़ता है, जैसे कि भीम की गदा।

तीसरा है मुक्त अमुक्त अस्त्र, इस शस्त्रों को हाथों में लेकर या फिर हाथ से छोड़कर दोनों तरह से चलाया जा सकता है, जैसे कि कुठार।

चौथा प्रकार है यंत्र मुक्त अस्त्र, इस शस्त्रों को छोड़ने के लिए किसी खास यंत्र का इस्तेमाल किया जाता है, जैसे कि धनुष बाण।

क्या इसके पहले तक ये सब आप जानते थे?