My job alarm (Tree Farming Tips) : नौकरी है नहीं और बिजनेस के लिए पैसा नहीं तो फिर एक ही ऑप्शन बचता है वो है खेती। जिसमें अब पढ़े लिखे युवाओं का रूझान बढ़ रहा है। आम तौर पर हमारे देश में ज्यादातर किसान पारंपरिक खेती करते हैं। लेकिन पारंपरिक खेती से हटकर कुछ नया किया जाए तो आप भी करोड़पति बन सकते हैं। इसके लिए आपको कुछ सालों का इंतजार तो अवश्य करना पड़ेगा लेकिन रिजल्ट शानदार होगा। आज बढ़ती महंगाई के इस दौर में सबकुछ महंगा हो गया है जिसके चलते खेती (Farming Cost) में लागत भी पहले से ज्यादा हो गई है और किसानों को फसलों का रेट उम्मीद से कम मिलता है। लेकिन अगर चाहें तो आपकी ये चिंता दूर हो सकती है, आज हम आपको 5 पेड़ों की खेती (Tree Farming) के बारे में जानकारी देने वाले हैं। दरअसल, जिन 5 पेड़ों की खेती के बारे में हम आपको बता रहे हैं, इनकी लकड़ी की मार्केट में तगड़ी डिमांड है। हालांकि, पेड़ों की खेती (Tree Plantation) से किसानों को मुनाफा कमाने के लिए धैर्य बनाए रखने की आवश्यकता होती है। यह एक लॉन्ग टाइम इन्वेस्टमेंट तो जरूर है लेकिन कमाई भी उतनी ही शानदार है।
चंदन की खेती (chandan ki kheti)
सबसे पहले आती है चंदन की खेती। चंदन की लकड़ी से औषधियां, इत्र, साबुन, कॉस्मेटिक प्रोडेक्ट और तेल जैसी कई उपयोगी चीजें बनाई जाती है. इसकी एक किलो लकड़ी ही बाजार में 28,000 रुपये के दाम पर बिकती है। जानकारों की मानें तो आप एक चंदन के पेड़ से आसानी से 6 से 7 लाख रुपये कमा सकते हैं। एक एकड़ जमीन पर करीब 500 चंदनके पेड़ लगा सकते हैं। अगर आप 500 पेड़ लगा रहे हैं तो आप 12 साल में करीब 30 करोड़ रुपये कमा लेंगे। सागवान की खेती (sagwan ki kheti)
दूसरी है सागवान की खेती। सागवान के लकड़ी की गिनती सबसे मजबूत और महंगी लकड़ियों में होती है। इससे फर्नीचर, प्लाइवुड तैयार होता है। इसके अलावा सागवान का इस्तेमाल दवा बनाने में भी होता है। इसकी लंबे वक्त तक टिकने की क्षमता होने के कारण इसकी मांग बाजार में हमेशा बनी रहती है। सागवान की लकड़ी में बहुत कम सिकुड़न होती है। जानकारों का मानना है कि, अगर किसान एक एकड़ खेत में सागवान की खेती करते हैं तो लगभग 130 सागवान के पौधे लगते हैं।ये पौधे कटाई के लिए तैयार होते हैं तो जो कमाई करोड़ों में होती है। सफेदा की खेती (safeda ki kheti)
तीसरी है सफेदा की खेती। सफेदा की लकड़ियों का इस्तेमाल पेटियां, ईंधन, हार्ड बोर्ड, फर्नीचर और पार्टिकल बोर्ड बनाने के लिए होता है। यह पेड़ केवल 5 सालों में अच्छी तरह से तैयार हो जाता है, जिसके बाद इसे काटा जा सकता है। एक पेड़ से लगभग 400 किलो लकड़ी निकलती है। मार्केट में यूकलिप्टस की लकड़ी 7-8 रुपए प्रति एक किलो के भाव से बिकती है। ऐसे में अगर हम एक हेक्टेयर में 3000 पेड़ लगाते हैं तो आसानी से 72 लाख रुपये कमा सकते है। महोगनी की खेती (mahogany ki kheti)
चौथी है महोगनी की खेती। इसका इस्तेमाल उपयोग जहाज, गहने, फर्नीचर, प्लाईवुड, सजावट और मूर्तियां बनाने में किया जाता है। इसके साथ ही इस पेड़ की पत्तियों में कैंसर, अस्थमा, रक्तचाप, सर्दी और मधुमेह सहित कई बीमारियों के खिलाफ उपचारात्मक गुण होते हैं। महोगनी के पेड़ (mahogany ki kheti) 12 साल में लकड़ी की फसल के लिए तैयार हो जाते हैं और 5 साल में एक बार बीज देते हैं इसके बीजों की कीमत बहुत अधिक होती है और ये ये 1000 रुपये प्रति किलो तक बिक जाते हैं जबकि इसकी लकड़ी 2000 से 2200 रुपये प्रति क्यूबिक फीट थोक में आसानी से मिल जाती है। इसकी खेती से आसनी से 50-60 लाख तक का मुनाफा आसानी से कमा सकते हैं। गम्हार की खेती (gamhar ki kheti)
पांचवी हैं गम्हार की खेती। इस पेड़ का विकास बेहद तेजी से होता है। साथ ही इसके पत्तो का उपयोग कई दवाओं में भी किया जाता है। माना जाता है कि अलसर जैसी समस्या के खिलाफ भी इसकी पत्तियां बेहद फायदेमंद है। इसके अलावा इसकी लकड़ियों से कई तरह के फर्नीचर भी बनते हैं। एक एकड़ में गम्हार के 500 पौधे लगाए जाते हैं। अगर गम्हार के पेड़ की खेती में लागत की बात करें तो इसमें कुल लागत 40 -55 हज़ार रुपये तक लागत आती है। इस पेड़ से एक एकड़ में कुल एक करोड़ की कमाई कर सकते हैं।