Wheat : गेहूं की ये नई किस्म कर देगी मौज, 90 क्विंटल होगी पैदावार
Wheat New Variety :कुछ दिनों में रबी की बिजाई का सीजन शुरू होने वाला है। रबी की फसलों की बिजाई से पहले किसान अच्छी वैरायटी के बीजों की तलाश करेंगे। अगर आप भी गेहूं की बढ़िया पैदावार (Best Wheat Variety) लेने के लिए अच्छी वैरायटी की तलाश कर रहे हैं तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। क्योंकि हम आपको गेहूं की एक अच्छी किस्म बारे में बताएंगे, जिसकी पैदावार भी ज्यादा होगी wheat best production और किसी प्रकार की बीमारी भी नहीं आएगी। आइये गेहूं की इस नई किस्म के बारे में विस्तार से जानते हैं।
My job alarm (ब्यूरो)। इस समय खरीफ की फसलों के सीजन का अंतिम दौर चल रहा है। कुछ दिनों के बाद किसान खरीफ की फसलों की कटाई में जुट जाएंगे और उसके बाद रबी की फसल यानी गेहूं की बिजाई शुरू हो जाएगी। हर किसान चाहता है कि वो अपने खेत में अच्छी वैरायटी के गेहूं की बिजाई करे ताकि वो कम खर्च में अच्छी पैदावार (Best Wheat Variety) ले सके।
अगर आप भी गेहूं की बिजाई (kab kare gehu ki bijai) के लिए बढ़िया क्वालिटी के बीज की तलाश कर रहे हैं तो यह खबर आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। क्योंकि कृषि वैज्ञानिकों ने गेहूं की (Wheat New Variety ) नई किस्म तैयार की है, जिस पर न तो खराब मौसम का प्रभाव पड़ेगा और न ही किसी बीमारी का असर होगा। इसके साथ ही इसकी पैदावार भी 90 क्विंटल तक आसानी से हो सकती है।
खराब मौसम में भी होगी अच्छी पैदावार
बता दें कि पिछले कुछ वर्षों से गेहूं की खेती किसानों के लिए लाभदायक साबित हो रही है। गेहूं की फसल (wheat variety) से किसानों को अच्छा खासा मुनाफा हो रहा है। हालांकि खराब मौसम के कारण गेहूं की कई किस्मों पर विपरीत प्रभाव पड़ने के कारण पैदावार में कमी भी आई है और अनेक किसानों को घाटा भी उठाना पड़ा है। किसानों की इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए कृषि वैज्ञानिकों ने गेहूं (farming news) की एक ऐसी वैरायटी तैयार की है, जो खराब मौसम में भी अच्छी पैदावार दे सकती है। इसके साथ ही यह नई किस्म रोग प्रतिरोधी भी है।
एचडी 3385 रखा है नई वैरायटी की गेहूं का नाम
बता दें कि कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों की समस्या को ध्यान में रखते हुए गेहूं की एक नई किस्म तैयार की है, जिसका नाम (wheat variety HD 3385) एचडी 3385 रखा गया है। गेहूं की यह नई किस्म अच्छी पैदावार देने वाली किस्म है। गेहूं की इस नई किस्म की (new varieties of wheat) अगर समय पर बुवाई कर दी जाए तो यह नई वैरायटी 90 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक की पैदावार दे सकती है। गेहूं की इस बेहतरीन वैरायटी को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान करनाल के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार गेहूं की यह नई किस्म उत्तर पश्चिमी और पूर्वी मैदानी इलाकों के लिए उपयुक्त है।
सभी राज्यों में किया जाएगा इस नई किस्म का प्रसार
कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक ज्यादा से ज्यादा किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए गेहूं की इस नई वैरायटी (new wheat variety) का सभी राज्यों में प्रसार किया जाएगा। गेहूं की इस नई किस्म पर न तो मौसम परिवर्तन का कोई प्रभाव पड़ेगा और न ही पीला रतुआ रोग का इस पर असर होगा। इस नई किस्म का औसत उत्पादन 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है, जबकि इसकी अधिकतम पैदावार 90 क्विंटल प्रति हेक्टेयर (Wheat farming) तक ली जा सकती है। कृषि वैज्ञानिकों ने विभिन्न परिस्थितियों में इसका परीक्षण भी किया है और इस दौरान सामान्य तौर पर इसका उत्पादन 75 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक रहा है।
अधिक तापमान का भी नहीं कोई असर
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार गेहूं की इस नई किस्म (Gehun ki nyi kism) पर अधिक तापमान का कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा और इसमें करनाल बंट नामक बीमारी भी नहीं आएगी। इसके साथ ही (gehun ki kon si variety best hoti hai) गेहूं की नई किस्म एचडी 3385 में टिलरिंग की भी दिक्कत नहीं आती और इसमें येलो, ब्राउन और ब्लैक रस्ट का रोग भी नहीं लगता।
अक्टूबर के अंतिम और नवंबर के पहले सप्ताह में करें बुवाई
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार किसान अक्टूबर माह के अंतिम सप्ताह और नवंबर माह के शुरुआती दिनों में इसकी बुवाई कर सकते हैं। गेहूं की इस किस्म (Varieties of Wheat) में करनाल बंट नामक रोग नहीं लगता है, साथ ही यह अधिक तापमान को भी बर्दाश्त कर सकता है. इसके पौधे की ऊंचाई 98 सेंटीमीटर तक होती है. गेहूं की नई किस्म एचडी 3385 में टिलरिंग (HD 3385 kism ke fayde) की समस्या नहीं आती। इसके साथ ही इसमें येलो, ब्राउन और ब्लैक रस्ट का रोग भी नहीं आता। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार गेहूं की यह नई किस्म पंजाब, हरियाणा, यूपी और दिल्ली-NCR क्षेत्र के लिए एकदम सही है।