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wheat rate hike : सातवें आसामान में पहुंचे गेहूं के भाव, MSP से इतने ज्यादा हो गए रेट

wheat rate hike : गेहूं के दामों में तगड़ी तेजी आई है। गेहूं के दाम बढ़ने से किसानों को लाभ मिलेगा। वहीं, जिनकों जरूरत के लिए गेहूं खरीदना उनको परेशानी हो सकती है। देश की अधिकतर मंडियों में सरकारी खरीद बंद होने के बाद दामों में ये बेहिसाब बढ़ौतरी देखने को मिली है। गेहूं के दाम (wheat price) काफी तेजी से बढ़ गए हैं।

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wheat rate hike today : सातवें आसामान में पहुंचे गेहूं के भाव, MSP से इतने ज्यादा हो गए रेट

My Job Alarm (wheat rate hike) : देश की मंडियों में गेहूं के दाम फिर से बढ़ गए हैं। गेहूं के दामों में न्यूनतम समर्थन मूल्स से भी ज्यादा तेजी देखने को मिली है। गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 रुपये प्रति क्विंटल है। देश के कई राज्यों की मंडियों में गेहूं के दाम एमसपी से बहुत ऊपर चले गए हैं। 

 

गेहूं की सरकारी खरीद पड़ी कमजोर


देश की मंडियों में सरकारी खरीद कमजोर पड़ चुकी है। वहीं, प्राइवेट कारोबारी किसानों को एमएसपी से भी ज्यादा भाव (wheat rate hike) दे रहे हैं। देश के गेहूं के मामले में बड़े राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान की मंडियों में गेहूं के दाम किसानों को राहत दे रहे हैं। 

 

किसानों को हुआ सीधा फायदा


गेहूं के दाम अब मंडी में सरकारी भाव एमएसपी से (Wheat MSP) ऊपर चल रहे हैं। गेहूं के भावों में बढ़ौतरी ने सीधे ही किसानों को फायदा दिया है। गेहूं के दामों में ये बढ़ौतरी कब तक रहने वाली है, इसको लेकर अभी कुछ कहा नहीं जा सकता। सोने के दामों की ये स्थिति कब तक रहेगी, यह मार्केट रेट, सरकार की नीतियों व गेहूं के स्टॉक व उपलब्धता पर निर्भर करेगा।  

 

प्राइवेट प्लेयर्स को गेहूं बेच रहे किसान


किसानों के लिए भी हाल में गेहूं बेचना फायदे का सौदा बना हुआ है। हाल में किसान अपना गेहूं एमएसपी (Wheat Minimum Support Price) पर सरकारी एजेंसियों को बेचने की बजाय प्राइवेट प्लेयर्स को बेच रहे हैं। इसका सीधा सा कारण यहीं है कि किसानों को यहां गेहूं बेचने में लाभ मिल रहा है। गेहूं के दाम 3450 रुपये तक जा चुके हैं। देश की राजधानी दिल्ली एनसीआर में गेहूं के आटे के दाम (wheat flour price delhi NCR) 48 रुपये किलो तक पहुंच चुके हैं। 

 

मध्य प्रदेश में क्या चल रहे हैं गेहूं के दाम (wheat rate madhya pradesh)


मध्ययप्रदेश में कमोडिटी ऑनलाइन मंडी भाव के मुताबिक गेहूं का औसत मुल्य 2510 रुपये प्रति क्विंटल है। वहीं, कुछ मार्केट में कीमत एमसीपी से कम भी है। गेहूं की सबसे कम कीमत 2060 रुपये प्रति क्विंटल है। दूसरी ओर गेहूं का हाईएस्ट प्राइज 3800 रुपये प्रति क्विंटल (wheat rate hike) है।   

आइए जानते हैं मंडी वाइज भाव (wheat rate today)


अलीराजपुर की जोबाट मंडी : 2500 रुपये 
खंडवा मंडी :  2520 रुपये  
राजगढ़ की बिहोरा मंडी : 2430 रुपये 
सतना की नागोड मंडी : 2395 रुपये  
सीहोर मंडी : 2580 रुपये  
देवास मंडी : 2470 रुपये  
इंदौर मंडी : 2590 रुपये  
इंदौर मंडी : 2520 रुपये  
झाबुआ की थांदला मंडी : 2420 रुपये  
मन्दसौरकी सीतमऊ मंडी : 2475 रुपये  
राजगढ़ की पचौर मंडी : 2450 रुपये  
रीवा की चाकघाट मंडी : 2450 रुपये   
सागर की बीना मंडी : 2480 रुपये

यूपी की मंडियों में ( UP wheat rate hike) गेहूं के दाम


उत्तर प्रदेश में बहुत ज्यादा अनाज पैदा होता है। यूपी में हाल में गेहूं के औसत दाम 2500 रुपये प्रति क्विंटल है। यूपी की मंडियों में गेहूं के दाम (wheat rate hike)  न्यूनतक 2280 रुपये प्रति क्विंटल तो, अधिकतम 2680 रुपये प्रति क्विंटल है।  

जानिए यूपी की मंडियों में भाव (wheat price in uttar pradesh)

अलीगढ़ की खैर मंडी : 2560 रुपये  
महराजगंज की आनंदनगर मंडी : 2480 रुपये  
सीतापुर की हरगांव (लहरपुर) मंडी : 2495 रुपये 
बदायूं की दातागंज मंडी : 2590 रुपये 
हाथरस की सिकंदराराऊ मंडी : 2490 रुपये  
जालौन (उरई) की अयित मंडी : 2480 रुपये  
अलीगढ़ की छर्रा मंडी : 2550 रुपये 
लखीमपुर की मैगलगंज मंडी : 2550 रुपये 
सम्भल की भेजोई मंडी : 2550 रुपये 

राजस्थान में गेहूं का भाव (wheat price in rajasthan)


देश के सबसे बड़े राज्य राजस्थान में भी गेहूं के दाम (Rajasthan wheat rate hike)बढ़े हैं। राजस्थान में गेहूं का औसत दाम 2700 रुपये प्रति क्विंटल है। राजस्थान में न्यूनतम दाम 2350 रुपये क्विंटल है व सबसे ज्यादा दाम 3450 रुपये क्विंटल है।  

राजस्थान में मंडी वाइज दाम
उदयपुर की अनाज मंडी : 3450 रुपये 
जयपुर ग्रामीण की बस्सी मंडी : 2450 रुपये  
बीकानेर की श्रीडूंगरगढ़ मंडी : 2760 रुपये 
ब्यावर मंडी : 2550 रुपये  
गंगानगर की सूरतगढ़ मंडी : 2625 रुपये  
कोटा मंडी : 2575 रुपये  

 

महाराष्ट्र में गेहूं के दाम  (wheat price in maharashtra)


महाराष्ट्र में गेहूं का औसत भाव ही (wheat rate hike) एमएसपी से ऊपर है। यहां गेहूं के औसत भाव 2900 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास है। गेहूं की न्यूनतम कीमत 1700 रुपये प्रति क्विंटल है तो सबसे उच्च कीमत 5600 रुपये प्रति क्विंटल है। 


जानिए मंडी वाइज गेहूं के दाम


अहमदनगर की राहुरी मंडी : 2650 रुपये  
बुलढाणा की मेहकर मंडी : 3050 रुपये 
छत्रपति संभाजीनगर मंडी : 2450 रुपये 
अमरावती मंडी : 3050 रुपये  
उस्मानाबाद की तुलजापुर मंडी : 2850 रुपये  
धुले मंडी : 2600 रुपये 
जलगांव की चालीस गांव मंडी : 2850 रुपये  
नागपुर की कटोल मंडी : 2600 रुपये 
नासिक की लासलगांव मंडी : 2475 रुपये  
नंदगांव मंडी (नासिक) : 2550 रुपये  
नासिक की सताना मंडी : 2950 रुपये 
परभनी की गंगाखेड़ मंडी : 3050 रुपये 
पुणे की डाउंड मंडी : 2950 रुपये 


 

जानिए गुजरात की मंडियों में गेहूं का भाव (wheat rate hike)


गुजरात की मंडियों में भी गेहूं तेजी से बढ़ा है। गुजरात की मंडियों में गेहूं का औसत भाव (wheat rate hike) 2500 रुपये प्रति क्विंटल है। गेहूं के न्यूनतम दाम 1795 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज किए गए हैं। वहीं, गेहूं की हाई वैल्यू 2945 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज की गई है। 

गुजरात में मंडी वार गेहूं दाम (wheat price in gujarat)
मेहसाणा की कादी मंडी : 2785 रुपये 
अमरेली की बबरा मंडी : 2585 रुपये 
साबरकांठा की मोडासा (तिनतोई) मंडी : 2555 रुपये 
दाहोद मंडी : 2780 रुपये 
गांधीनगर की देहगाम मंडी : 2530 रुपये  
गांधीनगर की कलोल मंडी : 2685 रुपये  
मोरबी की हलवद मंडी : 2595 रुपये  
राजकोट की जस्दन मंडी  2580 रुपये 
साबरकांठा की खेडब्रह्मा मंडी : 2455 रुपये 
साबरकांठा की वडाली मंडी : 2585 रुपये  
सुरेंद्रनगर की चोटिला मंडी : 2680 रुपये  
जामनगर की ढोली मंडी : 2550 रुपये 
जामनगर की कलावाद मंडी : 2555 रुपये  
राजकोट की जेतपुर मंडी : 2580 रुपये 

क्यों बढ़ गए (Why wheat rate hike) गेहूं के दाम


गेहूं के दाम बढ़ने का हाल में सीधा कारण खेतों में गेहूं न होना है। गेहूं को किसानों ने एमएसपी पर नहीं बेचा। इसलिए किसान गेहूं का भाव (wheat rate hike) बढ़ रहा है। मंडी में गेहूं की डिमांड और खेत में गेहूं न होना गेहूं को इतनी ऊपर लेकर चला गया। ज्यादातर प्रावईट व्यपारी  ही गेहूं खरीद रहे हैं। 

भविष्य में गेहूं के दाम कितने रहेंगे 


भविष्य में गेहूं के दामों में तेजी देखने को मिल सकती है। हालांकि दाम एक समय पर स्थिर हो सकते हैं। मानसून के कारण सरकार की नीतियों का असर भी गेहूं पर पड़ता है। अगर सरकार गेहूं के आयात या निर्यात पर नई नीति लागू कर देती है तो भंडारण की सीमा में बदलाव हो जाता है तो बाजार में गेहूं के दाम में चढ़ाव देखने को मिलेगा।  त्योहारी सीजन में गेहूं की मांग और गेहूं के आटे की मांग बढ़ जाती है। इससे गेहूं के दाम और बढ़ जाएंगे। सप्लाई अभी सीमित है, दाम 2600 से  3000 रुपये प्रति क्विंटल के बीच जा सकते हैं।

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