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Wheat Rate Hike : इस राज्य में 50 रुपये किलो हुई गेहूं की कीमत, अभी और बढ़ेंगे रेट

Aaj Ka Mandi Bhav : जहां एक ओर देशभर में महंगाई बढ़ रही है, वहीं दूसरी ओर गेहूं व आटे के भाव ने भी लोगों के पसीने छुड़वा दिए हैं। देशभर में महंगाई लोगों को तंग कर रही है। पिछले कुछ दिनों से गेहूं के भाव (Wheat rates) में भी बंपर तेजी देखने को मिल रही है। एक राज्य में तो गेहूं के दाम 50 रुपये किलो तक पहुंच गए हैं, यहां रेट और भी बढ़ने की संभावना है। इससे लोगों का पूरा बजट ही बिगड़ता दिखाई दे रहा है। इससे आटे और ब्रेड के दाम भी बढ़ सकते हैं।

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Wheat Rate Hike : इस राज्य में 50 रुपये किलो हुई गेहूं की कीमत, अभी और बढ़ेंगे रेट

My Job Alarm - (Wheat Price Hike) रबी की फसलों के बिजाई के इस मौसम में किसानों ने गेहूं की खेती पर भी जोर दे दिया है। हाल ही में सरकार ने एक नया अपडेट जारी किया है। आपको बता दें कि फिलहाल गेहूं (Wheat MSP) का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2275 रुपये प्रति क्विंटल है।

जोकि किसानों के लिए काफी खुशी की बात है लेकिन आम लोगों के लिए ये उनकी मुश्किलों को बढ़ा रहा है। गेहूं के रेट (Wheat Price today) बढ़ जाने व आवक न होने की वजह से व्यापारियों को काफी परेशानी हो रही है। अभी गेहूं की नई फसल की आवक में भी समय लगेगा, इसलिए रेट और बढ़ने के आसार हैं।

58 रुपये प्रति किलो के भाव पर बिक रहा गेहूं

जानकारी के लिए बता दें कि दो दिन पहले ही गेहूं की थोक (Gehu Ke taja bhav) और खुदरा की नई कीमतें को जारी किया गया था। हाल ही में जारी किये अपडेट में सरकार ने गेहूं पर लगने वाली MSP को दुगना कर दिया है। जिसकी वजह से देश के कुछ हिस्सों में गेहूं का अधिकतम थोक दाम 5800 रुपये प्रति क्विंटल (Gehu Ke taza bhav per quantal) के रेट पर जा पहुंचा है।

गेहूं की ये कीमत एमएसपी की तुलना में दोगुनी है। हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक  मंडियों में गेहूं का औसत भाव 31.92 रुपये प्रति किलो (Wheat Price today 22 november) बिक रहा है। वहीं अगर अधिकतम कीमत के बारे में बात करें तो वो 58 रुपये प्रति किलोग्राम तक है, जिससे रोटी महंगी हो गई है।


इस राज्य में मिल रहा सबसे महंगा आटा 


दक्षिण भारत में गेहूं व गेहूं के आटे के दाम काफी ज्यादा हैं। यहां गेहूं उगाने वाले राज्यों में से उत्तर प्रदेश से ही कुछ गेहूं जा रहा है। अगर गेहूं के सबसे महंगे रेटों के बारे में बात करें तो आपको बता दें कि गोवा में अभी तक का सबसे महंगा गेहूं मिल रहा है। हाल ही में आए ताजा आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में गेहूं का थोक दाम (Gehu ka taaj bhav) 28.70  रुपये प्रति किलो है।

वहीं दिल्ली में गेहूं के रेट के बारे में बात करें तो वो लगभग 32 रुपये प्रति किलो है। वहीं गुजरात में भी गेहूं 35.20 रुपये प्रति किलो के दाम से बिक रहा है। वहीं महाराष्ट्र में गेहूं (Maharashtra Mandi rate) की औसत कीमत के बारे में बात करें तो वो लगभग 40 रुपये प्रति किलोग्राम है। गेहूं की सबसे महंगी कीमत गोवा में है जोकि लगभग 50 रुपये प्रति किलो है। ऐसे में गोवा के लोग सबसे महंगा आटा खा रहे हैं।  

सरकार के पास है गेहूं का पर्याप्त भंडार


भारतीय खाद्य निगम के मुताबिक राज्य एजेंसियों के पास गेहूं का काफी ज्यादा स्टॉक है। सरकारी गोदामों में 31 अक्टूबर 2024 तक गेहूं काफी मात्रा में था, इसलिए दिक्कत नहीं आएगी। प्राप्त हुई जानकारी के मुताबिक सरकार के पास 222.64 लाख टन गेहूं (Wheat retail price) मौजूद है। हाल ही में जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक एजेंसियों के पास 205.20 लाख मीट्रिक टन मौजूद है। जिसकी वजह से अधिक गेहूं की उपलब्धता के बावजूद गेहूं की कीमत मंडियों में खरीद कीमत (flour price rising) की तुलना में दोगुनी के पार हो चुकी है। ऐसे होने की वजह से आम लोगों के कंधों पर महंगाई का बोझ पड़ रहा है और उनको परेशानी हो रही है। 


इन चीजों पर भी पड़ रहा है बढ़ते दामों का असर


गेहूं की इन बढ़ती कीमतों का सीधा प्रभाव गेहूं से बनने वाले प्रोडक्ट जैसे आटा, ब्रेड और बिस्किट पड़ेगा। माना जा रहा है कि गेहूं के रेट (gehu ka aaj ka bhav) बढ़ने की वजह से इन सभी चीजों की कीमतें भी काफी हद तक प्रभावित हो सकती हैं। सरकारी एजेंसियों के पास बफर के मुताबिक ज्यादा गेहूं की मौजूदगी होने के बावजूद भी इसकी कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। वहीं इसकी वजह से गरीब लोगों के लिए आटा खरीदना भी भारी हो गया है। इसके अलावा ऑफ सीजन चल रहा है, जिसका फायदा कारोबारियों को गेहूं (mandi bhav today) की अधिक कीमतों के रूप में हो रहा है। 

अब खुल सकते हैं सरकारी गोदाम
माना जा रहा है कि फूड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया (food corporation of india) बाजार में अपना गेहूं उतार सकता है। यानी गेहूं के सरकारी गोदाम जल्द खुल सकते हैं। इससे कम रेट में गेहूं उपलब्ध होने की संभावना है।  व्यापारियों का कहना है कि एफसीआई को खुले बाजार में गेहूं (wheat rate update)को उतारना चाहिए, जिसकी वजह से गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने में आसानी हो सके।

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