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Wheat rate : गेहूं की बढ़ती कीमतों को लेकर सरकार ने उठाया बड़ा कदम

Gehoon ke Daam : गेहूं की आवक के बाद से ही गेहूं के दाम में लगातार बढ़ौतरी हुई है जो कि अभी तक कम होने का नाम नही ले रही है। ऐसे में आम जनता के हित को ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से आवश्यक कदम उठाए जा रहे है। हाल ही में सरकार के द्वारा आम जनता को गेहूं के दाम (wheat rate today) से राहत दिलाने के लिए एक जरूरी कदम उठाया गया है। आइए नीचे खबर में विस्तार से जान लें क्या है सरकार की ये पहल... 
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Wheat rate :  गेहूं की बढ़ती कीमतों को लेकर सरकार ने उठाया बड़ा कदम

My Job Alarm - (Wheat price) आम जनता को अब गेहूं के दाम से घबराने की कोई जरूरत नही है।  हाल ही में सरकार की ओर से एक अपडेट जारी करते हुए ये जानकारी साझा की गई है कि अब लोगों को गेहूं के दामों को लेकर चिंतित होने की कोई आवश्यक्ता नही है। अब सरकार के द्वारा गेहूं की कीमतें घटाने के लिए सरकार ने खुले बाजार में गेहूं बेचने का फैसला (government wheat sale) लिया गया है। सरकार द्वारा गेहूं की बंपर खरीद की जाएगी और जनता को इसे सस्ते दामों (wheat at lowest price) पर उपलब्ध कराया जाएगा। 


कितना गेहूं बेचेगी सरकार


हाल ही में सामने आ रही जानकारी के अनुसार फूड कॉरपोरेशन आफ इंडिया द्वारा करीब 25 लाख टन गेहूं बेचा जाएगा। डाटा के हिसाब से इस साल गेहूं की कीमतों में करीब 13 फीसदी इजाफा हुआ है। बता दें कि जून 2024 में सरकार ने गेहूं पर स्टॉक लिमिट लगाने का एलान किया था। वैसे आमतौर पर तो केंद्र सरकार गेहूं और आटा की बढ़ती कीमतों पर ब्रेक (rising prices of wheat and flour) लगाने के लिए आटा मिल मालिकों, प्रॉसेसिंग यूनिट्स और बड़े ट्रेडर्स के लिए स्टॉक लिमिट लगाते हैं।

इससे गेहूं और आटा की जमाखोरी रोकने में मदद मिलती है। सरकार का कहना है कि गेंहू पर आयात ड्यूटी (import duty on wheat) घटाने का विकल्प खुला है। इसके अलावा ये बात भी जान लें कि अगर आपको लगता है कि देश में उत्पादन कम है तो ऐसा बिलकुल भी नही है। देश में गेहूं (wheat in India) की कोई कमी नहीं है।


गेहूं की कीमतें घटाने के लिए सरकार ने किया ये काम


सरकार के बड़े ऐलान के अनुसार-गेहूं की कीमतें (gehoon ki kimat) घटाने के लिए सरकार ने खुले बाजार में गेहूं बेचने का फैसला किया। फूड कॉरपोरेशन आफ इंडिया करीब 25 लाख टन गेहूं बचेगा। गेहूं की कीमत 2325 रुपए प्रति क्विंटल तय की गई हैं।


जानकारों के अनुसार गेहूं की कीमतों में तेजी आने की प्रमुख वजह मंडियों (whreat mandi price) में इसकी आवक में कमी आना है। गेहूं की बुआई शुरू होने लगी है।


मंडियों में गेहूं की आवक 


अब देश की मंडियों में गेहूं की आवक कमजोर पड़ गई है। आवक घटने से गेहूं के दाम बढ़ रहे हैं। गेहूं की आवक की बात करें तो पिछले एक महीने के दौरान मंडियों में करीब 9.15 लाख टन गेहूं की आवक (mandi bhaav) हुई है, जो पिछले साल इसी अवधि में हुई 11.35 लाख टन आवक से 20 फीसदी कम है। आवक में कमी के साथ ही गेहूं की मांग मजबूत बनी हुई है। इससे भी गेहूं की कीमतों (wheat price) में तेजी को सहारा मिला है।


जानकार कह रहें थे कि गेहूं के दाम (wheat price rise) तब तक नीचे नहीं आएंगे, जब तक सरकार बड़े स्तर पर अपने भंडार से खुले बाजार में गेहूं की बिक्री शुरु नहीं करती है। सरकार अब इसे लेकर सही कदम उठा रही है। सरकार की ओर से जल्द ही गेहूं की सरकारी बिक्री (government sale of wheat) शुरू की जाने वाली है। 

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