wheat price : गेहूं के भाव ने लगाई लंबी छलांग, अभी और होगी बढ़ौतरी
wheat price update : नवरात्रों के साथ ही त्योहारी सीजन भी शुरू हो गया है। इसके साथ ही गेहूं के रेट भी हाई होते जा रहे हैं। दिवाली तक ये रेट रिकॉर्ड लेवल पर पहुंचने की उम्मीद है। देश के कई राज्यों में तो गेहूं के भाव (wheat rate) में तगड़ा उछाल देखने को मिल रहा है। यह सरकार द्वारा घोषित किए गए गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य से काफी ज्यादा है। संभावना है कि दिसंबर तक गेहूं के दामों में तेजी जारी रहेगी।
My job alarm (Wheat price) : भारत में सबसे ज्यादा गेहूं उत्पादन करने वाला राज्य उत्तर प्रदेश है। जिसका कुल उत्पादन (wheat production) में योगदान करीब 33 प्रतिशत है। दूसरे नंबर पर आता है मध्य प्रदेश, यहां देश का करीब 20 फीसदी गेहूं होता है। तीसरे नंबर पर पंजाब में 16 फीसदी गेहूं होता है। फिर चौथे नंबर पर हरियाणा में देश का करीब 12 परसेंट गेहूं पैदा होता है। पांचवां नंबर राजस्थान का है जहां करीब 9 फिसदी गेहूं का उत्पादन होता है। वहीं बिहार में 5.1 फीसदी, गुजरात में देश का 2.8, महाराष्ट्र में 1.8, उत्तराखंड में 0.8 गेहूं पैदा होता है। बात करें अबकी बार की तो इस साल गेहूं का बंपर उत्पादन हुआ है। इसके बावजूद गेहूं के भाव में इतनी बढ़ौतरी समझ से परे है।
किसानों के लिए अक्टूबर माह गेहूं के भाव (Gehun ka taja bhav) के मामले में बड़ी सौगात साबित हो रहा है। इस माह के पहले सप्ताह में ही गेहूं के भाव ने लंबी छलांग लगाई है, जो अभी और ज्यादा होने की उम्मीद है। कई जगह तो गेहूं 50 रुपये प्रति किलोग्राम तक भी बिक रहा है, हालांकि गेहूं के प्रति क्विंटल रेट (Gehun ka MSP)की बात करें तो यह कई राज्यों में 3000 रुपये के आसपास चल रहा है तो कई जगह इस सीमा को पार कर गया है। आइये जानते हैं गेहूं के ताजा भाव इस खबर में।
अलग-अलग राज्यों में भिन्न हैं गेहूं के दाम
उपभोक्ता मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार गेहूं का औसत भाव 31 रुपये और न्यूनतम रेट 22 रुपये प्रति किलोग्राम पर ट्रेड कर रहे हैं। इस साल गेहूं की कीमतों में लगातार उतार-चढ़ाव (latest Wheat price)जारी रहा है। अक्टूबर माह के पहले सप्ताह में ही गेहूं के दामों में आग सी लगी है। इसके बावजूद अलग-अलग राज्यों में गेहूं के भाव अलग-अलग देखने को मिल रहे हैं।
इन राज्यों में 3000 रुपये प्रति क्विंटल से ऊपर पहुंचे रेट
कर्नाटक में गेहूं के थोक रेट लगभग 3310 रुपये प्रति क्विंटल रहे। महाराष्ट्र में करीब 2960 रुपये प्रति क्विंटल भाव चल रहे हैं। महाराष्ट्र में पिछले साल गेहूं के रेट ज्यादा थे, जो 3450 रुपये प्रति क्विंटल (gehun ka taja bhav kya hai)से ऊपर थे। पूरे देश की औसत के अनुसार देखें तो गेहूं के भाव में इस साल लगभग 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय की ओर से गेहूं का थोक दाम जारी किए गए जो 2518 रुपये प्रति क्विंटल हैं।
गेहूं का आटा भी हुआ महंगा
गेहूं के रेट हाई होने का असर गेहूं के आटे पर भी पड़ा है। यह भी महंगा हो गया है। यानी घरेलू बजट व रसोई का बजट काफी प्रभावित हुआ है। अब गेहूं के आटे का अधिकतम रेट 60 रुपये प्रति किलो से अधिक पहुंच गया है। आटे के औसत दाम 36 रुपये और न्यूनतम औसत दाम 30 रुपये प्रति किलोग्राम (gehun ka taja rate)के करीब चल रहे हैं। विभिन्न राज्यों में आटे के दामों की बात करें तो ये भी भिन्न हैं। दिल्ली में 32 रुपये (wheat price in delhi), जम्मू-कश्मीर में 41 रुपये, हरियाणा में 34 रुपये और महाराष्ट्र में 44 रुपये (wheat price in maharashtra)प्रति किलोग्राम रेट चल रहे हैं। इस बार मंडियों में गेहूं की आवक पिछली बार की अपेक्षा कम रही है। इस बार पौने पांच लाख टन क्विंटल गेहूं की आवक हुई जो पिछली बार की तुलना में करीब 50 हजार टन कम रही।
यूपी व एमपी में हुई गेहूं की इतनी आवक
गेहूं का समर्थन मूल्य कम होने के कारण किसानों ने कम गेहूं बेचा है। इस समय गेहूं के भाव में बढ़ोतरी होने का किसान पूरा फायदा उठा सकते हैं। गेहूं की आवक के आंकड़ों को देखें तो उत्तर प्रदेश में गेहूं की आवक (wheat price in UP) सबसे ज्यादा हुई। अब तक यूपी में करीब 3 लाख टन गेहूं बिक चुका है। यह पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 10 प्रतिशत ज्यादा रही है। मध्य प्रदेश (wheat price in MP) में 1 लाख 65 हजार टन गेहूं ही मंडियों में पहुंचा है। यह पिछले साल की अपेक्षा 25 प्रतिशत कम रही है। राजस्थान और महाराष्ट्र में भी समर्थन मूल्य कम होने के कारण गेहूं की आवक (aaj ka gehun ka bhav) कम रही। इन राज्यों में गेहूं की आवक की पिछली साल से तुलना करके देखें तो आवक आधी भी नहीं हुई।