My job alarm

wheat price : गेहूं के भाव में बंपर इजाफा, 30 फीसदी उछला दाम

Wheat Price Hike :गेहूं के रेट एक बार फिर सातवें आसमान पर जा पहुंचे हैं। लोगों को इस साल के अंत तक गेहूं के रेट (wheat price latest) कम होने की उम्मीद थी, लेकिन गेहूं के दामों ने इसके विपरीत रफ्तार और तेज पकड़ ली है। देशभर की अधिकतर मंडियों में गेहूं इसके न्यूनतम समर्थन मूल्य (wheat MSP) से ऊपर ही बिक रहा है। इनमें पहले की अपेक्षा कई प्रतिशत तक का उछाल आया है। आम जनता को इन  बढ़ते दामों से आटा महंगा होने जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा है, जिसके चलते हर कोई सरकार से गेहूं के बढ़ते दामों को नियंत्रण में लाने की उम्मीद लगाए बैठा है। 

 | 
wheat price hike : गेहूं के भाव में बंपर इजाफा, 30 फीसदी उछला दाम

My job alarm (wheat price) : गेहूं के भाव में दिसंबर माह में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। इसका असर अब आम उपभोक्ताओं पर पड़ने लगा है। गेहूं के बढ़ते भाव को नियंत्रित करने के लिए सरकार और संबंधित विभागों द्वारा प्रयास भी किए जा रहे हैं, लेकिन ये नाकाफी साबित हो रहे हैं। 
अभी गेहूं की नई आवक में भी काफी समय है, इस कारण गेहूं के दाम (gehu ka taja bhav) कम होने की संभावना कम ही नजर आ रही है। कई राज्यों में तो गेहूं के दाम 3 हजार रुपये प्रति क्विंटल के पास जा पहुंचे हैं, इससे आटा भी महंगा (wheat and flour price) हो गया है।


गेहूं की खुदरा कीमतों में भी भारी बढ़ोतरी (wheat retail prices)


गेहूं के बढ़ते दामों ने उपभोक्ताओं के लिए मुश्किलें पैदा कर दी हैं। उत्तर प्रदेश और पंजाब प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्य हैं। यूपी में गेहूं का मूल्य (gehu ka aaj ka bhav) अब न्यूनतम समर्थन मूल्य से करीब 30 प्रतिशत अधिक हो गया है और थोक दामों में हुई यह वृद्धि खुदरा कीमतों में भी साफ नजर आ रही है। 


गेहूं की कीमतों पर नियंत्रण पाने के लिए सरकार ने एफसीआई के माध्यम से 25 लाख टन गेहूं बाजार में लाने की योजना बनाई है और साथ ही, सप्लायर्स और प्रॉसेसर्स के स्टॉक लिमिट को घटा दिया है। इस समय लोगों को आटा भी महंगा पड़ रहा है, क्योंकि गेहूं के बढ़ते रेट (wheat rate) का असर प्रत्यक्ष रूप से आटे और उससे बनने वाले अन्य खाद्य पदार्थों की कीमतों पर भी पड़ेगा।
 

एमएसपी से इतना ऊपर हो गया गेहूं का भाव (Wheat price hike)

 

गेहूं के बढ़ते दामों का प्रभाव कई राज्यों की मंडियों में गेहूं के थोक रेट (wheat price update) पर भी पड़ा है। अलग-अलग मंडियों में गेहूं के रेट में काफी बढ़ोतरी देखी गई है। इस समय गेहूं का न्यूनतम भाव 2925 रुपये प्रति क्विंटल के करीब हो गया है, जो  गेहूं के MSP (wheat wholesale rate) 2275 रुपये प्रति क्विंटल से 28 प्रतिशत ज्यादा है। 
टूंडला मंडी में गेहूं का कम से कम थोक दाम 2930 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच चुका है, जबकि गेहूं के अधिकतम थोक रेट (wheat price) की बात करें तो यह मंडियों में 2940 रुपये प्रति क्विंटल है।

 

 

प्रमुख मंडियों में गेहूं का थोक भाव 


मंडी                   न्यूनतम मूल्य   अधिकतम मूल्य
भरुआसुमेरपुर   2,772                  2,785
मुस्करा              2,803                  2,806
लखीमपुर           2,742                  2,752
तिकुनिया            2,602                  2,606
बांगरमऊ             2,713                  2,719
जालौन                2,784                  2,788
अतर्रा एपीएमसी   2,503                  2,506
पवैया                   2,702                  2,706
टूंडला                  2,923                  2,932

नोट : गेहूं का भाव रुपये प्रति क्विंटल में है।

 

फिलहाल इतना है गेहूं का सरकारी स्टॉक


रिपोर्ट के अनुसार इस समय भारतीय खाद्य निगम (Food corporation of india) और राज्य एजेंसियों के पास करीब 222.65 लाख टन गेहूं का सरकारी स्टॉक बताया जा रहा है, जो खाद्यान्न स्टॉक के मानकों से ज्यादा है। इन मानकों के अनुसार, एजेंसियों को केवल 205.20 लाख मीट्रिक टन गेहूं का बफर स्टॉक भी पर्याप्त है। 
इस अतिरिक्त स्टॉक को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने 25 लाख टन गेहूं को खुले बाजार में ई-ऑक्शन के माध्यम से बेचने का निर्णय लिया है। इसके बावजूद इस समय गेहूं के दामों (new wheat price) में महंगाई बरकरार है। इसके बढ़ते रेट (gehu ka rate) पर लगाम नहीं कसी जा रही है।

 

बढ़ते भाव पर ऐसे लग सकती है लगाम

गेहूं के बाजार भाव जानकारों व विशेषज्ञों का मानना है कि गेहूं की स्टॉक लिमिट (wheat stock limit) को घटाने से गेहूं के दामों में गिरावट आ सकती है। केंद्र सरकार ने गेहूं की स्टॉक लिमिट को और सख्त कर दिया है, जिससे थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं और प्रोसेसर्स के लिए नए नियम लागू किए गए हैं। 


अब होलसेलर्स 2,000 टन की जगह केवल 1,000 टन गेहूं (gehu ki stock limit ) ही अपने पास रख सकेंगे और रिटेलर्स को 10 टन के बदले सिर्फ 5 टन ही रखने की अनुमति होगी। प्रोसेसर्स को भी अपनी क्षमता का केवल 50 फीसदी गेहूं स्टॉक करने की इजाजत दी गई है, जबकि पहले यह सीमा 60 फीसदी थी। विशेषज्ञों का मानना है कि गेहूं के ई-ऑक्शन से बाजार में आपूर्ति बढ़ेगी और ट्रेडर्स से गेहूं निकालने के आदेशों से दामों में कमी आ सकती है। इस उपाय के बिना गेहूं के दामों (gehu ka aaj ka bhav) पर लगाम कसना संभव नहीं लग रहा।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now