wheat price : दिवाली से पहले उछले गेहूं के भाव, आई बंपर तेजी
wheat price today : त्योहारी सीजन में गेहूं की खपत बढ़ जाती है, जिससे रेट हाई हो जाते हैं। अभी दिवाली का त्योहार आने में समय है, लेकिन उससे पहले ही गेहूं के दाम बेलगाम हो गए हैं। अभी ब्याह शादी का सीजन तो बाकी है, उस समय गेहूं के दामों में आग लगेगी, ये सातवें आसमान पर होंगे। सरकार की ओर से भी गेहूं के दामों (wheat rate) पर काबू पाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, ऐसे में ही और बढ़ेंगे। आइये जानते हैं गेहूं के ताजा भावों की स्थिति इस खबर में।
My job alarm (wheat price hike) : लगातार बढ़ते जा रहे गेहूं के दामों से खासकर व्यापारियों व आढ़तियों का गणित उलझता हुआ दिखाई दे रहा है, क्योंकि जिन किसानों ने गेहूं को स्टॉक करके रखा था, उनका गेहूं ऊंचे दामों (wheat price update)पर खरीदना पड़ रहा है। यह किसानों को तो मुनाफा है लेकिन बाजार पर गेहूं का दबाव बढ़ रहा है। नई फसल की आवक में भी अभी काफी समय लगेगा, ऐसे में गेहूं के रेट (gehun ka taja rate ) और ज्यादा बढ़ने की संभावना है। अभी अगले दो-तीन महीने में कई त्योहार हैं और शादियों का सीजन भी है, ऐसे में गेहूं के रेट सातवें आसमान पर जा सकते हैं। दिल्ली में तो अभी से प्रति क्विंटल गेहूं में करीब 200 रुपये की प्रति क्विंटल की तेजी आई हुई है।
इतने हो गए प्रति क्विंटल गेहूं के दाम
नवरात्रों में गेहूं के रेट जिस हिसाब से बढ़ रहे हैं, उस हिसाब से आगे रेट और ज्यादा बढेंगे। गेहूं के दामों पर सरकारी नियंत्रण के प्रयासों के बाद भी गेहूं के दामों में बढ़ोतरी हो रही है। सरकार ने लिमिट से ज्यादा गेहूं का स्टॉक करने पर रोक लगाई हुई है। व्यापारियों की ओर से कितना गेहूं स्टॉक किया गया, इसकी जानकारी सरकार को नियमित तौर पर देनी होती है। इसके बावजूद गेहूं के दाम 200 रुपये क्विंटल से अधिक बढ़े हैं। बेलगाम होते गेहूं के रेट की स्थिति यह है कि दिल्ली (wheat price in delhi) की थोक मंडी में गेहूं के दाम 3200 रुपये क्विंटल पार कर गए हैं।
त्योहारी सीजन में और बढ़ सकते हैं रेट
त्योहारी सीजन में गेहूं के दामों में और तेजी आने की संभावना है। इसका कारण यह है कि इसकी लागत त्योहारी सीजन में बढ़ जाएगी। इससे गेहूं की मांग भी बढ़ेगी। इससे बाजार पर गेहूं के कम होने का दबाव होगा और रेट इंक्रीज होंगे। दिल्ली फ्लोर मिल्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों के अनुसार अगर बाजार में किसान गेहूं (gehun ka taja bhav) बेचने नहीं आते हैं या सरकार द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए तो दीपावली तक गेहूं के दाम 3500 रुपये प्रति क्विंटल को भी पार कर जाएंगे। इतना ही नहीं, आगे ब्याह शादी का सीजन आने वाला है तो गेहूं के दाम 4000 रुपये क्विंटल को भी पार कर सकते हैं। या तो स्टॉक रखने वाले किसान गेहूं बेचें या सरकार OMSS के जरिये गेहूं बाजार में उतारे, तभी दाम नियंत्रित हो सकते हैं।
किसानों को हो सकता है दोहरा लाभ
इस समय गेहूं के रेट सातवें आसमान पर हैं, आने वाले समय में इनके और हाई होने से इंकार नहीं किया जा सकता। गेहूं को स्टॉक करके रखने वाले किसान इस समय ऊंचे दामों पर गेहूं बेचकर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। जिन्होंने अब तक गेहूं नहीं बेचा है वे किसान आगामी समय को देखते हुए भी गेहूं (wheat price today) बेचने का निर्णय अपने विवेक से ले सकते हैं। इसके साथ ही ये भी संभावनाएं हैं कि सरकार OMSS के जरिए गेहूं बाजार में उतार दे। इसके बाद किसानों को यह फायदा नहीं मिल सकेगा, क्योंकि इससे लंबे समय तक गेहूं के दाम नियंत्रित होंगे और फिर अगली फसल की आवक का समय आने से गेहूं के इस समय वाले रेट नहीं मिल सकेंगे। उसके बाद दाम कम हो सकते हैं। अभी सरकार के पास गेहूं का सरकारी स्टॉक बचा हुआ है।
सरकार के पास इतना है गेहूं का स्टॉक
1 अप्रैल तक सरकार के पास गेहूं का स्टॉक लगभग 75 लाख मीट्रिक टन गेहूं था। इसे बफर स्टॉक से थोड़ा सा ज्यादा कहा जा सकता है। इसके अलावा सरकार द्वारा इसी साल खरीदे गए गेहूं का आंकड़ा 266 लाख मीट्रिक टन था। इस तरह से सरकार के पास 340 लाख मीट्रिक टन गेहूं (wheat update price)का स्टॉक गेहूं की सरकारी खरीद खत्म होने के बाद तक था। इसमें से सरकारी राशन भी बांटना है, जिसमें से185 लाख मीट्रिक टन गेहूं घट जाएगा। इसके बाद सरकार के पास 155 लाख मीट्रिक टन गेहूं (wheat update rate)का स्टॉक बचता है।
नई फसल की आवक में लगेगा लंबा समय
अभी किसानों ने गेहूं की फसल बोनी भी शुरू नहीं की है। अगले साल में गेहूं की नई आवक होगी, यानी तब तक 1 अप्रैल तक 75 लाख मीट्रिक टन गेहूं बफर स्टॉक के लिए होना जरूरी है। नई गेहूं की आवक में अभी कई माह बाकी हैं। हालांकि सरकार के पास गेहूं का स्टॉक संतोषजनक है। ऐसे में OMMS के तहत बाजार में गेहूं का उतारा जाना मुश्किल है।