wheat price : आज फिर उछले गेहूं के भाव, रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचे रेट
Wheat Price Today : गेहूं के दामों में लगातार उछाल आता जा रहा है। अब गेहूं के रिटेल प्राइस (wheat rate) जहां सातवें आसमान पर चले गए हैं, वहीं थोक भाव में भी बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल की तुलना में अब किसानों को मंडियों में अच्छे भाव पर गेहूं बेचने का अवसर मिल रहा है। गेहूं के दाम बढ़ने का असर आटे के भाव पर भी पड़ा है। देशभर अब गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (Wheat MSP)भी केंद्र सरकार की ओर से बढ़ाया गया है, इसका असर भी प्रति किलोग्राम गेहूं के दामों पर पड़ा है। आइये जानते हैं गेहूं के ताजा भाव इस खबर में।
My job alarm - (Wheat Price Update) केंद्र सरकार की ओर से एक बार फिर से गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी करने से गेहूं के दाम सातवें आसमान पर चढ़ गए हैं। मंडी के बजाय बाजार रेट (wheat price 17 october)तो काफी ऊंचे चले गए हैं। इससे गेहूं को स्टॉक करके रखने वाले किसानों को सीधे तौर पर फायदा हो रहा है। अभी आगामी कुछ माह तक गेहूं के दामों में तेजी जारी रहेगी। 2425 रुपये प्रति क्विंटल का न्यूनतम समर्थन मूल्य होने के बाद अब देशभर में गेहूं के बाजारी दाम तीन हजार रुपये प्रति क्विंटल के करीब पहुंच गए हैं। प्रति किलो गेहूं की बात करें तो इसका अधिकतम भाव 50 रुपये के करीब है।
गेहूं के थोक और रिटेल भाव
उपभोक्ता मंत्रालय के प्राइस मॉनिटरिंग डिवीजन के अनुसार देश में उपभोक्ताओं को मिलने वाले गेहूं के रिटेल औसत भाव 31 रुपये और न्यूनतम औसत भाव 23 रुपये (wheat everage price)प्रति किलोग्राम के लगभग हैं। इसके अलावा किसानों को मंडियों में इससे ज्यादा थोक भाव मिल रहा है। किसानों को अब कई जगह 3000 रुपये प्रति क्विंटल से भी अधिक भाव मिल रहा है। कृषि मंत्रालय के अनुसार अब कर्नाटक में गेहूं के अच्छे भाव (wheat price in karnatka) किसानों को मिल रहे हैं। अगस्त माह में ही कर्नाटक में गेहूं का थोक भाव सबसे ज्यादा था, जो 3300 रुपये भी अधिक प्रति क्विंटल था। अब यह और भी बढ़ने की संभावना है। हालांकि पिछले साल 2023 में इसी अवधि में करीब 3620 रुपये प्रति क्विंटल के भाव थे।
महाराष्ट्र में गेहूं का थोक भाव
महाराष्ट्र में गेहूं का थोक भाव 2024 में 2940 रुपये (wholesale price of wheat)प्रति क्विंटल के लभगग रहा है। इस राज्य में भी कर्नाटक की तरह 2023 से कम ही भाव है। 2023 में तो यहां प्रति क्विंटल गेहूं का थोक रेट 3450 रुपये से भी ऊपर था। गेहूं के राष्ट्रीय औसत भावों का जिक्र करें तो ये दाम पिछले वर्ष के मुकाबले 5.20 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं। इस साल गेहूं का राष्ट्रीय औसत रेट 2517 रुपये प्रति क्विंटल से ऊपर चला गया है। 2023 में गेहूं के राष्ट्रीय औसत दाम 2393 रुपये (national price of wheat)प्रति क्विंटल ही थे।
आटे के रेट चढ़े
गेहूं के आटे का रेट प्राइस मॉनिटरिंग डिवीजन के आंकड़ों के अनुसार अगस्त में 65 रुपये (wheat flour prices)प्रति किलोग्राम चल रहा था। इसके औसत दाम करीब 35. 75 रुपये और न्यूनतम दाम 28 रुपये प्रति किलोग्राम रहे हैं। दिल्ली में आटे के रेट की बात करें तो यह 32 रुपये प्रति किलोग्राम (wheat retail price)पर ट्रेड कर रहे हैं। हरियाणा में आटे के औसत रेट लगभग 33.30 रुपये और महाराष्ट्र में 43.55 रुपये प्रति किलोग्राम के करीब हैं।
देशभर में इतनी हुई गेहूं की आवक
2024 में पूरे देश की मंडियों में गेहूं की आवक की बात करें तो ज्यादातर मंडियों में औसत रूप से गेहूं की आवक कम हुई है। इसके पीछे न्यूनतम समर्थन मूल्य (gehun ka taja bhav) का कम होना माना जा रहा है। सरकार ने उस समय 2275 रुपये प्रति क्विंटल गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया हुआ था। अब इसके बढ़ने से आवक बढ़ने की भी उम्मीद है। कृषि मंत्रालय की ओर से 1 से 14 अगस्त 2024 तक के आंकड़ों के अनुसार इस बार पिछले साल की अपेक्षा गेहूं की आवक 13 प्रतिशत कम हुई है। इस साल इस अवधि के दौरान करीब 4,78,655 टन गेहूं देशभर की मंडियों में बिकने के लिए आया। 2023 में इसी अवधि में यह आंकड़ा 5,51,728 टन था। गेहूं की यह कुल आवक उत्तर प्रदेश(UP wheat price), मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, दिल्ली (delhi wheat price), उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब और तेलंगाना राज्यों की मंडियों में हुई है।
उत्तर प्रदेश गेहूं आवक के मामले में अव्वल
भारत में उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश (MP me gehun ka bhav) गेहूं उत्पादक राज्यों में क्रमश: पहले व दूसरे स्थान पर हैं। कृषि मंत्रालय के अनुसार इस बार सबसे ज्यादा गेहूं की आवक उत्तर प्रदेश की मंडियों में हुई है। दूसरे नंबर पर मध्य प्रदेश में। अगस्त के पहले दो सप्ताह की बात करें तो यूपी की मंडियों में 2,78,000 टन से ज्यादा गेहूं की आवक हुई है। पिछले साल 14 अगस्त तक यूपी की मंडियों में 2,54,141 टन गेहूं की आवक हुई थी यानी इस बार यह आवक पिछले साल से 9 प्रतिशत अधिक है।
मध्य प्रदेश में यूपी (UP me gehun ka bhav) के बाद सबसे ज्यादा गेहूं की आवक हुई है, हालांकि राज्य स्तर पर यह इस बार कम हुई है। इस साल 14 अगस्त तक एमपी की मंडियों में 1,65,347 टन गेहूं बिकने के लिए आया है। इसके अलावा पिछले साल का आंकड़ा देखें तो एमपी में 2,22,931 टन गेहूं की आवक हुई थी जो इस साल के मुकाबले 26 प्रतिशत ज्यादा थी।
राजस्थान व महाराष्ट्र में गिरा आंकड़ा
मंडियों में बिकने के लिए आए गेहूं के आंकड़े के मामले में राजस्थान (wheat price in rajasthan)और महाराष्ट्र सबसे फिसड्डी रहे हैं। राजस्थान में तो इस बार गेहूं की आवक 57 प्रतिशत कम हुई है। इस साल 14 अगस्त तक लगभग 13 हजार टन गेहूं की बिक्री के लिए आया। पिछले वर्ष के आंकड़ों पर नजर डालें तो राजस्थान में 29,700 टन से भी अधिक गेहूं की आवक हुई थी।
राजस्थान के अलावा महाराष्ट्र (wheat price in maharashtra)की मंडियों में गेहूं की आवक पिछले साल के मुकाबले 72 प्रतिशत कम हो गई है। इस साल 14 अगस्त तक लगभग 5300 टन गेहूं ही मंडियों में आया। जबकि इसी अवधि में 19,204 टन गेहूं तो पिछले साल ही आया था।