Wheat Price : गेहूं ने किसानों की कर दी बल्ले-बल्ले, सातवें आसामान में पहुंचे भाव
My job alarm - किसानों को अब अपनी फसल के अच्छे दाम मिल रहे है। किसान तो फिलहाल खुश नजर आ रहे है लेकिन आम जनता का इन बढ़ते दाम के चलते बजट हिल गया है। गेहूं के भाव (gehoon ka bhaav) में इस बार रिकॉर्ड तेजी दर्ज की जा रही है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस बार खरीफ सीजन के रकबे में 22 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की (hike in wheat price) है। इस बीच देश में गेहूं का बाजार काफी उलझा हुआ नजर आ रहा है, जिसमें मौजूदा समय में गेहूं के दामों में तेजी दर्ज की गई है। गेहूं के दामों में ये बढ़ाेतरी (increase in wheat prices) तब है, जब त्योहार सीजन शुरू होने वाला है। ऐसे में ये माना जा रहा है कि इस त्योहारी सीजन में गेहूं के भाव रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच जाएंगे। हालांकि बाजार को गेहूं के दामों को नियंत्रिण करने के लिए ओपन मार्केट सेल स्कीम (Open Market Sale Scheme) का इंंतजार है।
सिर्फ डेढ़ महीने में इतने बढ़ गए दाम!
हाल के गेहूं के भाव (wheat price) की बात करें तो आजकल गेहूं के भाव में तेजी देखी जा रही है। जैसा कि आप जानते ही है कि पिछले डेढ़ महीने से गेहूं के दामों (wheat rate) में लगातार बढ़ोतरी जारी है। इसपर फ्लाेर मिल्स एसोसिएशन के पदाधिकारी राजीव बताते हैं कि जुलाई के बाद से गेहूं के दामों (gehoon ka daam) में तेजी है। आलम ये है कि डेढ़ महीने में गेहूं के दाम 250 रुपये तक बढ़ गए हैं, जो मौजूदा वक्त में 2950 रुपये क्विंटल पर पहुंच गया है।
देशभर की मंडियों में आज का गेहूं भाव (wheat rate today)
राजस्थान की मंडियों में 19 सितंबर को गेहूं का न्यूनतम दाम 2830 और अधिकतम दाम 2989 रुपये प्रति क्विंटल रहा.
उत्तर प्रदेश की मंडियों में आज गेहूं का न्यूनतम दाम 2745 अधिकतम दाम 2851 रुपये प्रति क्विंटल रहा।
हरियाणा की मंडियों में 19 सितंबर को गेहूं का न्यूनतम दाम 2838 और अधिकतम दाम 3043 रुपये प्रति क्विंटल रहा।
मध्यप्रदेश में आज गेहूं का न्यूनतम दाम 2667 और अधिकतम दाम 2931 रुपये प्रति क्विंटल रहा।
महाराष्ट्र की मंडियों में आज गेहूं का न्यूनतम दाम 3100 और अधिकतम दाम 3566 रुपये प्रति क्विंटल रहा।
त्योहार सीजन में 4 हजार पार जाएगा गेहूं!
ताजा मंडी भाव को देखते हुए ये साफ है कि गेहूं के दामों में मौजूदा वक्त में तेजी ही होती जा रही है। अब आने वाला महीना यानि कि अक्टूबर त्योहारों को साथ लेकर आ रहा है। मसलन, इस साल अक्टूबर में नवरात्रों के साथ ही दीपावली (wheat price hike on Diwali) भी है। ऐसे में माना जा रहा है कि त्योहारी सीजन यानी सितंंबर के आखिर तक गेहूं के दाम 4 हजार पार कर (highest wheat price) जाएंगे।
इस पर दिल्ली फ्लाेर मिल्स एसोसिएशन के पदाधिकारी राजीव गोयल कहते हैं कि गेहूं के दामों में हो रही बढ़ाेतरी का मुख्य कारण बाजार में गेहूं की आवक में कमी है। बाजार में गेहूं का स्टॉक (wheat stock) जिस तरीके से उलझा हुआ है, उसको देखें तो कहा जा सकता है कि इस त्योहारी सीजन में गेहूं के दाम 4 हजार क्विंटल को पार कर जाएंगे।
आम जनता को OMSS का बेसब्री से इंतजार
इन दिनों गेहूं के रेट रॉकेट की स्पीड से बढ़ रहे है। इनमें फिलहाल राहत के कोई आसार नजर नही आ रहे है। उल्टा इनमें रिकॉर्ड तेजी दर्ज की जा रही है। इतना ही नही, इस त्योहारी सीजन से पहले गेहूं के दाम 3 हजार रुपये क्विंटल पार (Wheat price crosses Rs 3 thousand per quintal) होने की संंभावनाएं भी बनी हुई हैं, लेकिन बाजार को गेहूं के दामाें में नियंत्रण के लिए OMSS का इंतजार है।
दिल्ली फ्लाेर मिल्स एसोसिएशन के पदाधिकारी राजीव गोयल कहते हैं कि सरकार ने OMSS के जरिए FCI के स्टॉक से 2300 रुपये क्विंटल पर गेहूं को बाजार में उतारना था, जिससे गेहूं के दामों में नियंत्रण की उम्मीद थी, लेकिन अभी तक गेहूं OMSS के जरिए नहीं आया है।
इनके अलावा, रोलर फ्लाेर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष प्रमोद गुप्ता कहते हैं कि अब तो गेहूं के दामों पर नियंत्रण के लिए OMSS का इंतजार है। इससे ही गेहूं के दाम नियंत्रित (wheat price control) होंगे। अब ये तो स्वाभाविक सी बात है कि अगर सरकार OMSS के जरिए गेहूं नहीं बेचेगी तो गेहूं के दामों में बढ़ोतरी तय है। ओएमएसएस के जरिए कितना गेहूं बाजार में आना चाहिए, इस सवाल के जवाब में वह कहते हैं कि जरूरी है कि सरकार गेहूं का इंपोर्ट (wheat import) सुचारू करे। इससे गेहूं के दामों में नियंत्रण होगा।
किसानों के लिए सूचना.....
जैसा कि हमने ऊपर बताया कि त्योहारी सीजन में गेहूं के रेट और बढ़ने के पूरे आसार है। गेहूं के दाम 4 हजार पार पहुंचने की पूरी संभावना जताई जा रही है। इस बीच बाजार गेहूं के दामों में नियंत्रण (wheat price control) के लिए OMSS का इंतजार हो रहा है। इस पूरी कवायद में किसानों के लिए संदेश छिपा है। बेशक, अगर त्योहारी सीजन से पहले OMSS के जरिए 2300 रुपये क्विंटल पर गेहूं बाजार (wheat market) में आता है तो इससे गेहूं के दाम गिरेंगे, लेकिन सवाल ये है कि गेहूं की सरकारी खरीद (government procurement of wheat) पिछले 3 साल से लक्ष्य पूरा नहीं कर पा रही पाई हो।
FCI के स्टॉक में सरप्लस गेहूं का गणित गडबड़ाया हुआ हो तो सवाल ये है कि कितना गेहूं त्योहारी सीजन से पहले बाजार में OMSS के जरिए उतारा जाएगा।
अगर गेहूं के स्टॉक की बात करें तो FCI के पास कुल स्टॉक 330 मीट्रिक टन के करीब है। बता दें कि इसी स्टॉक से मार्च तक (75 मीट्रिक टन) गेहूं का बफर स्टॉक (wheat buffer stock) बनाए रखने की चुनौती है। तो वहीं 80 करोड़ लोगों को फ्री अनाज (free cereal) में (185 मीट्रिक टन) गेहूं भी वितरित करना है।
इस स्थिति में 70 मीट्रिक टन गेहूं का स्टाॅक की सरप्लस (wheat stock surplus) है। ध्यान देने वाली बात है कि पिछले साल 100 मीट्रिक टन OMSS के जरिए खुले बाजार में आया था। ऐसे में त्योहारी सीजन के बाद नई आवक आने से पहले गेहूं के दामों (wheat rate) में तेजी बनी रहेगी।