wheat price : गेहूं में तेजी क्या दे रही संकेत, जानिये कहां तक पहुंचे भाव
Wheat Price Update :गेहूं के दाम दिन-प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे हैं। पिछले एक माह में तो प्रति क्विंटल के हिसाब से गेहूं के रेट में भारी बढ़ोतरी हुई है। इसी गति से रेट बढ़े तो आने वाले समय में गेहूं के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच जाएंगे। दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे गेहूं के दाम (wheat rate) किसानों के लिए भी खास भी संकेत दे रहे हैं। आइये जानते हैं पूरा अपडेट।

My job alarm (wheat price) : इस बार देशभर में अच्छी बारिश हुई है, इससे रबी की फसलों की बिजाई समय पर हो सकेगी। खरीफ की फसलें कटने के बाद गेहूं की बिजाई भी शुरू हो जाएगी। इस बार कितने हेक्टेयर क्षेत्र में किसान गेहूं की बिजाई करेंगे, यह तो आने वाले समय पर निर्भर है, लेकिन उससे पहले गेहूं को लेकर सबसे खास बात तो यह है कि इसके दाम दिन-प्रतिदिन तेजी से बढ़ रहे हैं। प्रति क्विंटल के रेट (Gehun ka taja Rate) की बात करें तो ये करीब 3000 रुपये तक पहुंच गए हैं। माना जा रहा है कि अगले माह में गेहूं का भाव (wheat price hike) रेट 4 हजार रुपये प्रति क्विंटल से भी ज्यादा हो सकता है।
अक्टूबर में इतने हो जाएंगे एक क्विंटल गेहूं के रेट
फिलहाल गेहूं के दाम 2950 रुपये प्रति क्विंटल हैं, त्योहारी सीजन में गेहूं के दामों (Update Wheat Price )में अचानक ज्यादा तेजी आने की बात कही जा रही है। सितंबर लास्ट तक 3500 रुपये प्रति क्विंटल तो अक्टूबर में इससे भी ज्यादा रेट होने की संभावना है। चूंकि त्योहारी सीजन शुरू ही हो गया है, अब अक्टूबर में कई बड़े त्योहार आने वाले हैं।
इनके मद्देनजर गेहूं की मांग बढ़ सकती है और रेट (New Wheat Price) काफी हाई हो सकते हैं। अब सवाल यह है कि इसका किसानों पर कोई असर पड़ेगा या नहीं। दूसरी ओर बाजार में गेहूं के दामों पर नियंत्रण के लिए OMSS यानी ओपन मार्केट सेल स्कीम का इंतजार किया जा रहा है। फ्लोर मिल्स एसोसिएशन भी गेहूं की ओपन मार्केट सेल स्कीम की उम्मीद में है।
डेढ़ माह में ही दाम 2700 रुपये से पहुंचे सीधे 2950 रुपये क्विंटल
गौर करने की बात यह भी है कि आखिर क्यों कहा जा रहा है कि त्योहारी सीजन में गेहूं के दाम 4 हजार रुपये क्विंटल हो सकते हैं। आने वाले समय में गेहूं के दामों और किसानों की स्थिति पर क्या असर पड़ेगा। इन सभी सवालों के जवाब के लिए अभी थोड़ा इंतजार करना होगा। यह सब रबी के मौसम में देश में गेहूं के बिजाई के रकबे पर भी निर्भर करेगा। फिलहाल गेहूं के भाव में जबरदस्त तेजी बनी हुई है। करीब डेढ़ दो माह से तो गेहूं के दामों में लगातार बढ़ोतरी (gehun Ke rate) जारी है। इस दौरान गेहूं के दाम एक क्विंटल पर 250 रुपये तक बढ़ गए हैं यानी 2700 रुपये प्रति क्विंटल से सीधे 2950 रुपये क्विंटल पर पहुंच गए हैं।
बाजार में गेहूं की कमी है रेट बढ़ने का सबसे बड़ा कारण
अक्टूबर माह में नवरात्रों के साथ ही दीपावली का त्योहार भी आने वाला है। ऐसे में माना जा रहा है कि त्योहारी सीजन यानी सितंबर के आखिर तक गेहूं के दाम 3 हजार पार (Wheat Latest Price) कर सकते हैं। बढ़ते दामों को लेकर दिल्ली फ्लोर मिल्स एसोसिएशन की ओर से भी कहा गया है कि इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण बाजार में गेहूं की कमी का होना है। अभी गेहूं की बिजाई भी नहीं हुई है और आगे मार्च-अप्रैल तक स्टॉक (Wheat Stock) को बनाए रखना बड़ी चुनौती है। बाजार में गेहूं के स्टॉक का गणित जिस तरीके से गड़बड़ाया हुआ है, उसे देखकर तो यही लगता है कि जल्द ही गेहूं के दाम प्रति क्विंटल के हिसाब से 3 हजार से भी ज्यादा (Gehun Ka Taja Bhav) हो जाएंगे।
इसलिए कम नहीं हो रहे गेहूं के दाम
दिल्ली फ्लोर मिल्स एसोसिएशन के पदाधिकारी राजीव गोयल के अनुसार सरकार ने OMSS यानी Open Market Sell Scheme के जरिए FCI के स्टॉक से 2300 रुपये क्विंटल के रेट पर गेहूं को बाजार में उतारना था। लेकिन ऐसा अभी तक ऐसा नहीं हुआ। इससे गेहूं के दामों में नियंत्रण की उम्मीद थी, लेकिन OMSS के जरिए ये रेट न आना मुश्किल व चुनौती भरा साबित हो रहा है।
अक्टूबर में आम आदमी की जेब पर पड़ेगा रेट बढ़ने का असर
कुछ जानकारों का यह भी कहना है कि अगर सरकार OMSS के जरिए गेहूं नहीं बेचेगी तो गेहूं के दामों में और ज्यादा बढ़ोतरी होगी। यह समय पर निर्भर करेगा कि इसका किसानों और बाजार पर क्या असर पड़ेगा। OMSS के जरिए कितना गेहूं बाजार में आने के अलावा उचित स्टॉक को बनाए रखने के लिए सरकार की ओर से गेहूं के इंपोर्ट का विकल्प भी देखा जा रहा है। इससे गेहूं के दामों में नियंत्रण होने की पूरी-पूरी संभावना है। लेकिन फिलहाल रेट बेलगाम हैं। आम लोगों पर इसका सीधा असर त्योहारी सीजन में पड़ेगा। यानी अक्टूबर में रेट भी हाई होंगे और डिमांड भी बढ़ेगी।
गेहूं की नई आवक तक दामों में बनी रहेगी तेजी
वास्तविक स्थिति पर नजर डालें तो पाते हैं कि FCI (Food Carporation Of India) के पास कुल स्टॉक 330 मीट्रिक टन के पास है। पिछले साल की तुलना में यह स्टॉक कम है। अगर गेहूं का आयात नहीं किया जाता है तो गेहूं की कमी के चलते रेट में तेजी जारी रहेगी। अगले कुछ माह में और भी दाम बढ़ सकते हैं। जो फिलहाल की स्थिति है उससे यह भी तय है कि नई आवक तक गेहूं के दामों में तेजी बरकरार रहेगी। अभी तो किसानों को गेहूं की बिजाई करनी है, इसमें अभी लंबा समय है।
FCI के पास कम है गेहूं का स्टॉक
FCI के पास फिलहाल कुल स्टॉक 330 मीट्रिक टन (FCI Ke pass kitna gehun Stock hai)का है और इसी स्टॉक से मार्च तक (75 मीट्रिक टन) गेहूं का बफर स्टॉक बनाए रखने की बड़ी चुनौती भी है। वहीं 80 करोड़ लोगों को फ्री में 185 मीट्रिक टन गेहूं बांटा जाना है। इस स्थिति में 70 मीट्रिक टन गेहूं का स्टॉक (Wheat Price update News )ही बचता है। सबसे खास बात तो यह है कि पिछले साल 100 मीट्रिक टन OMSS के जरिए खुले बाजार में आया था। इस बार ऐसा अभी तक नहीं हो सका है। ऐसे में त्योहारी सीजन के बाद नई आवक आने से पहले गेहूं के दामों में तेजी बनी रहेगी।