Wheat Price : गेहूं में जबरदस्त उछाल, हाईलेवल को पार गए रेट
My job alarm (Today wheat price) : भारत की अधिकतर जनसंख्या अपने भोजन में गेहूं के आटे (wheat flour) की रोटी का ही सेवन करते है। हालांकि कुछ इलाके ऐसे भी है जहां कि मुख्य भोजन के रूप में चावल आदि का सेवन किया जाता है। लेकिन गेहूं की इतना इस्तेमाल होने के बावजूद भी इसके रेट बढ़ते ही जा रहे है। इस बार गेहूं की पैदवार भी अच्छी हुई है इसके बावजूद गेहूं के रेट में इतनी तेजी समझ से परे है। गेहूं के भाव में ये इजाफा तब है जेब त्योहार सीजन शुरू होने में अभी समय है। ऐसे में माना जा रहा है कि इस त्योहारी सीजन गेहूं के भाव (wheat rate) अपने हाईलेवल पर पहुंच सकते हैं।
इस बीच गेहूं की कीमतें नियंत्रण के लिए OMSS का इंतजार हो रहा है। इस पूरी कवायद में किसानों के लिए संदेश छिपा है। बेशक अगर त्योहारी सीजन से पहले OMSS के जरिए 2300 रुपये क्विंटल के भाव में गेहूं बाजार में आता है तो इससे गेहूं के दाम गिरेंगे, लेकिन सवाल ये है कि गेहूं की सरकारी खरीद (wheat government procurement) पिछले 3साल से लक्ष्य पूरा नहीं कर पा रही पाई हो। FCI के स्टॉक में सरप्लस गेहूं का गणित गडबड़ाया हुआ हो तो सवाल उठता है कि कितना गेहूं त्योहारी सीजन से पहले बाजार में OMSS के जरिए उतारा जाएगा और इससे गेहूं के भाव कितने नीचे आएंगे।
गेहूं के मौजूदा भाव की बात करें तो इसका अधिकतम भाव 55 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। इसी तरह औसत भाव 32 और न्यूनतम 23 रुपये किलो चल रहा है। जानकारी के लिए बता दें कि उपभोक्ता मामले मंत्रालय (Ministry of Consumer Affairs) के प्राइस मॉनिटरिंग डिवीजन ने देश में गेहूं के रिटेल भाव की यह जानकारी दी है। ये तो रही उपभोक्ताओं को मिलने वाले गेहूं के दाम की। अब जानते हैं कि आखिर किसानों को मंडी में थोक भाव (wholesale mandi bhaav) कितना मिल रहा है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने बताया है कि पिछले महीने किसानों को गेहूं का भाव (gehoon ka bhaav) 2618 रुपये प्रति क्विंटल मिला है।
इसके अलावा अगर कर्नाटक में गेहूं के थोक दाम (Wholesale price of wheat) की बात करें तो यहां गेहूं का थोक दाम सबसे ज्यादा 3560 रुपये प्रति क्विंटल रहा, जो पिछले साल से 8.78 फीसदी कम है। वहीं महाराष्ट्र में इस साल गेहूं का थोक भाव 2939.82 रुपये प्रति क्विंटल है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि से 14.79 फीसदी कम है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राष्ट्रीय औसत की बात करें तो गेहूं के दाम (wheat price) में पिछले वर्ष के मुकाबले 5.19 फीसदी का इजाफा हो गया (wheat price increases) है। इस साल 2517.71 रुपये प्रति क्चिंटल दाम है तो पिछले वर्ष यह सिर्फ 2393.43 रुपये प्रति क्विंटल था। इस साल गेहूं का न्यूनत्तम समर्थन मूल्य 2275 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। सीजन के शुरूआत से ही गेहूं के भाव एमएसपी से ऊपर रहे हैं।
देशभर की मंडियों में गेहूं का भाव
- राजस्थान की मंडियों में 17 सितंबर को गेहूं का न्यूनतम दाम 2730 और अधिकतम दाम 2989 रुपये प्रति क्विंटल रहा।
- उत्तर प्रदेश में आज गेहूं का न्यूनतम दाम 2545 और अधिकतम दाम 2851 रुपये प्रति क्विंटल रहा।
- मध्यप्रदेश की मंडियों में आज गेहूं का न्यूनतम दाम 2738 और अधिकतम दाम 3050 रुपये प्रति क्विंटल रहा।
- हरियाणा में आज गेहूं का न्यूनतम दाम 2767 और अधिकतम दाम 3231 रुपये प्रति क्विंटल रहा।
इस साल गेहूं की आवक कितनी?
जैसे जैसे रेट बढ़ रहे है आप ये तो हिसाब लगा ही सकते है कि इसकी डिमांड के अनुसार बाजारो में इसकी आपूर्ति नही हो पा रही है। वैसे बता दें कि इस साल देश की ज्यादातर मंडियों में गेहूं की आवक (Arrival of wheat in the markets) कम है। कृषि मंत्रालय ने अगस्त के तक के आंकड़ों का विष्लेषण करके बताया है कि पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले आवक 13 फीसदी कम है।
वहीं इस साल अगस्त में 4,78,658 टन गेहूं बिकने (wheat sale) आया, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 5,51,728 टन था। यह आवक उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब और तेलंगाना की मंडियों को मिलाकर दर्ज की गई है।
जान लें मंडियों में सबसे ज्यादा आवक कहां हुई?
जारी डाटा के अनुसार सबसे ज्यादा गेहूं उत्तर प्रदेश की मंडियों में (up mandi bhhav) बिकने आया है। अगस्त में यहां पर 2,78,144 टन गेहूं की आवक हुई, जो पिछले साल से 9 फीसदी अधिक है। साल 2023 की इसी अवधि में 2,54,141 टन गेहूं बिकने आया। यूपी देश का सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक राज्य (The country's largest wheat producing state) है।
इसके अलावा अगर देश के दूसरे सबसे बड़े गेहूं उत्पादक (Second largest wheat producer) सूबे मध्य प्रदेश में आवक पिछले साल के मुकाबले 26 फीसदी कम हो गई है। इस साल 1 से 14 अगस्त के राज्य की मंडियों में 1,65,347 टन गेहूं बिकने आया, जबकि पिछले साल की इसी अवधि के दौरान आवक 2,22,931 टन थी।
फिर राजस्थान की बात करें तो यहां गेहूं की आवक 57 फीसदी कम हो गई है। राज्य में इस साल अगस्त में 12,870 टन गेहूं बिकने आया, जबकि पिछले वर्ष यहां आवक 29,703 टन थी।
दूसरी ओर, महाराष्ट्र की मंडियों में गेहूं की आवक (Arrival of wheat in the markets of Maharashtra) पिछले साल के मुकाबले 72 फीसदी कम हो गई है। राज्य में इस साल अगस्त के पहले दो सप्ताह में सिर्फ 5289 टन गेहूं बिकने आया, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह 19,204 टन थी।
चेक करें आटे का भाव
जानकारी के अनुसार गेहूं के आटे (wheat flour price) का अधिकतम दाम 65 रुपये प्रति किलो था। औसत दाम 35.78 और न्यूनतम दाम 28 रुपये प्रति किलो रहा। दिल्ली में आटा का दाम 32, जम्मू-कश्मीर में 41.5, हरियाणा में 33.33 और महाराष्ट्र में 43.53 रुपये प्रति किलो रहा।