Wheat Price Today : गेहूं के भाव में आई तेजी, अब इतना हुआ एक क्विंटल का रेट
Wheat Price Update :गेहूं के भाव में दिन-प्रतिदिन बढ़ोतरी होती जा रही है। इसका असर आटे के दामों पर भी पड़ा है। दिसंबर तक गेहूं के रेट और बढ़ने की संभावना है। त्योहारी व शादी का सीजन सिर पर है। इस सीजन में गेहूं की मांग बढ़ना तय है, जिसका असर इसके दामों पर पड़ेगा और रेट बढ़ने (wheat price hike) तय हैं। इससे आटे के दाम भी बढ़ने की पूरी संभावना है। ऐसे में रोटी भी महंगी होती जा रही है। हालांकि गेहूं को स्टॉक करके रखने वाले किसानों को बंपर फायदा मिल सकता है। वे अपनी गेहूं को ऊंचे दामों पर बेचकर मुनाफा कमा सकते हैं।
My job alarm (Wheat price) : अक्टूबर माह की शुरुआत से ही गेहूं के दामों में आई अचानक तेजी ने जहां स्टॉकिस्ट किसानों की मौज कर दी है, वहीं आटा महंगा होने से आम लोगों की परेशानी बढ़ गई है। कई व्यापारी व दुकानदार भी गेहूं के दामों पर सरकार की ओर से लगाम लगाए जाने के इंतजार में हैं। हालांकि गेहूं के रेट (Gehun ka taja bhav) और बढ़ने की संभावना है। इसका कारण आने वाले ब्याह शादी व त्योहारी सीजन को बताया जा रहा है।आटे के दाम भी आसमान छू रहे हैं। आइये जानते हैं गेहूं व आटे के ताजा दाम इस खबर में।
प्रति क्विंटल पर रेट में 1500 से ज्यादा की बढ़ोतरी
गेहूं के दाम में भारी उछाल आने के कारण इसका अधिकतम भाव कई जगह 50 रुपये प्रति तक पहुंच गया है। कई मंडियों वब बाजारों में समर्थन मूल्य से काफी ऊपर गेहूं के दाम (wheat rate) पहुंच गए हैं। समर्थन मूल्य के हिसाब से प्रति क्विंटल पर करीब 1500 रुपये ऊपर गेहूं के दाम हो गए हैं। आटा भी काफी महंगा हो गया है। वैसे तो अगस्त माह से ही गेहूं व आटे के दामों में बढ़ोतरी देखी जा रही है, लेकिन अब अक्टूबर में और भी ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। जो दिसंबर तक जारी रहने की संभावना है। दिसंबर में रेट रिकॉर्ड लेवल (gehun ka aaj ka rate) पर पहुंच सकते हैं। अभी गेहूं की नई आवक आने में काफी समय लगेगा। गेहूं के आटे के अधिकतम दाम 60 रुपये प्रति किलोग्राम से भी अधिक हो गए हैं। दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और महाराष्ट्र में भी इसी के लगभग रेट चल रहे हैं।
तीन माह से आई है रेट में तेजी
रबी सीजन की गेहूं की फसल की आवक अब भी मंडियों में जारी है। हालांकि गेहूं की नई फसल आने में अभी काफी समय लगेगा। फिलहाल गेहूं के दामों में बढ़ोत्तरी जारी है। देशभर में कई जगह इसका अधिकतम भाव 50 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया है। गेहूं के औसत भावों (wheat price today) का जिक्र करें तो यह 31 और न्यूनतम 23 रुपये के करीब है। किसानों को मंडी में गेहूं के थोक भाव भी अच्छे खासे मिल रहे हैं। अगस्त माह से पहले गेहूं के भाव मंदे रहे। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अनुसार अगस्त में किसानों को गेहूं का भाव 2510 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास मिला है।
औसत रूप से दामों में हुई इतनी बढ़ोतरी
कर्नाटक में गेहूं के थोक दाम 3320 रुपये प्रति क्विंटल (karnataka Mandi bhav) के लगभग है। ये पिछली साल की अपेक्षा कम हैं। 2023 में इस समय पर गेहूं 3620 रुपये प्रति क्विंटल बिका था। महाराष्ट्र में इस साल गेहूं का थोक भाव 2940 रुपये प्रति क्विंटल है, जो पिछले साल की तुलना में लगभग 15 प्रतिशत कम है। पिछले वर्ष 3450 रुपये प्रति क्विंटल दाम थे। राष्ट्रीय स्तर पर औसत रूप से देखें तो गेहूं के दाम में पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 6 प्रतिशत बढ़ोतरी प्रति क्विंटल पर हुई है। इस साल राष्ट्रीय औसतन दाम 2500 रुपये से अधिक (Gehun Taja Bhav) के प्रति क्विंटल दाम हैं, जो पिछले वर्ष लगभग 2400 रुपये प्रति क्विंटल थे। गेहूं के आटे के अधिकतम दाम कई जगह 66 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए हैं।
इस तरह से हुई गेहूं की आवक
इस साल गेहूं का समर्थन मूल्य कम होने के कारण देश की ज्यादातर मंडियों में गेहूं की आवक कम रही। किसानों को ऊंचे भाव नहीं मिलने के कारण ऐसा हुआ। पिछले साल के मुकाबले इस बार गेहूं की आवक लगभग 15 प्रतिशत कम रही। इस साल करीब 5 लाख टन गेहूं (latest wheat price) की आवक हुई, जबकि पिछले साल यह साढ़े पांच लाख टन से ऊपर थी। यह आवक उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब और तेलंगाना की मंडियों में हुई थी।
इन राज्यों में मंडियों में आया सबसे ज्यादा गेहूं
इस बार अगस्त माह तक सबसे ज्यादा गेहूं उत्तर प्रदेश की मंडियों में पहुंचा। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार यूपी इसमें अव्वल रहा। यहां की मंडियों में 2,78000 टन से ज्यादा गेहूं की आवक हुई, जो पिछले साल की तुलना में लगभग 10 प्रतिशत ज्यादा है। 2023 में यह आंकड़ा ढाई लाख टन के आसपास सिमट गया था। इसके बाद मध्य प्रदेश में आवक पिछले साल के मुकाबले 26 प्रतिशल कम रही। उत्तर प्रदेश देश में सबसे पहला तो एमपी दूसरा गेहूं उत्पादक राज्य है। मध्य प्रदेश में इस साल राज्य की मंडियों में 1,65,00 टन से ज्यादा गेहूं की आवक हुई। पिछले साल 2,22,000 टन के करीब गेहूं (wheat price update) इस राज्य की मंडियों में आया था।
राजस्थान व महाराष्ट्र में सबसे कम आवक
राजस्थान में इस बार गेहूं की आवक पिछले साल के मुकाबले आधी भी नहीं रही। यहां की मंडियों में इस बार केवल 12,870 टन गेहूं ही पहुंचा, जबकि पिछले वर्ष आवक 29,700 टन से ऊपर थी। इसके अलावा महाराष्ट्र की मंडियों में गेहूं की आवक इस बार सबसे कम हुई है। यहां इस साल सिर्फ 5300 टन गेहूं मंडियों में बिका, जबकि पिछले वर्ष 20,000 टन के करीब गेहूं आया था।