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wheat price today : गेहूं के भाव ने लगाई लंबी छलांग, इतने रुपये क्विंटल पहुंचे रेट

Wheat price :  इस महंगाई के दौर में आज हर चीज के दाम आसमान छू रहे हैं, जिसमें गेहूं के दामों ने भी आम आदमी की कमर तोड़कर रख दी है। यह बात सरकार की ओर से निर्धारित किए गए गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी दोगुने ऊपर पहुंच चुके गेहूं के रेट (Wheat price today) से साबित हो रही है। इसके परिणामस्वरूप लोगों को अब आटा भी महंगा पड़ रहा है। इस समय गेहूं के भाव सातवें आसमान पर हैं, अब फिर इनमें बढ़ोतरी दर्ज की गई है। आइये जानते हैं कहां तक पहुंच गए हैं गेहूं के रेट।

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wheat price today : गेहूं के भाव ने लगाई लंबी छलांग

My Job Alarm (wheat price update) : गेहूं के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी अब थमने का नाम नहीं ले रही है। हालांकि इससे बेशक गेहूं बेचने वाले किसानों को फायदा हो रहा है लेकिन आम उपभोक्ताओं का पूरा बजट ही बिगड़ गया है। खासतौर से गेहूं के रेट (latest wheat price) बढ़ने से आटा व रोटी महंगी पड़ रही है, जिससे रसोई का बजट संभालना मुश्किल होता जा रहा है। सरकार से भी उम्मीद की जा रही है कि लगातार बेलगाम होते गेहूं के रेट पर अब लगाम कसी जाए, लेकिन यह गेहूं की नई आवक तक संभव होता दिखाई नहीं दे रहा है। गेहूं के रेट पर रोकथाम के सरकारी प्रयास नाकाफी होते नजर आ रहे हैं।  आगामी कुछ समय में गेहूं के भाव (wheat price hike) और बढ़ सकते हैं, इनमें गिरावट के आसार अभी नजर नहीं आ रहे हैं।

 

मंडियों में लगातार बढ़ रहे गेहूं के भाव

 

देशभर में अलग-अलग राज्यों की प्रमुख मंडियों में नवंबर माह से तो गेहूं की कीमतों में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी जा रही है। पिछले माह दिल्ली, उत्तर प्रदेश, गुजरात और गोवा में गेहूं की थोक कीमतें 5810 रुपए (wheat price in UP) प्रति क्विंटल तक तक पहुंच गई थी। जो गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य (wheat MSP 2024) 2275 रुपये के कहीं ज्यादा अधिक है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार नवंबर में गेहूं का औसत मूल्य लगभग 32 रुपए प्रति किलो था, जबकि कुछ स्थानों पर कीमतें 58 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गईं। इस वृद्धि ने उपभोक्ताओं और किसानों दोनों के लिए चिंता का कारण बना दिया है।

 

अलग-अलग राज्यों में गेहूं के थोक रेट

 

प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों सहित कई अन्य राज्यों में भी गेहूं की कीमतों में काफी भिन्नता देखने को मिली है। उत्तर प्रदेश में गेहूं का औसत थोक मूल्य (wheat price in delhi) की बात करें तो यह लगभग 28.65 रुपए प्रति किलोग्राम था, जबकि दिल्ली में यह कीमत 31 रुपए प्रति किलोग्राम (3100 रुपए प्रति क्विंटल) रही। गुजरात में प्रति किलोग्राम गेहूं की कीमत 35 रुपए (gehu ka taja bhav)से भी ज्यादा रही। जबकि महाराष्ट्र में यह और अधिक बढ़कर करीब 40 रुपए प्रति किलोग्राम दर्ज की गई। 

गोवा व मुंबई में गेहूं के भाव सातवें आसमान पर

गोवा में मांग बढ़ने के के कारण गेहूं की कीमत सबसे अधिक 50 रुपए (gehu ka aaj ka bhav) प्रति किलोग्राम रही है। यानी यहां प्रति क्विंटल के भाव 5000 रुपये के करीब पहुंच गए हैं। वैसे दक्षिण भारत के राज्यों में कई जगह गेहूं के रेट हाई हैं। इसके अलावा मुंबई में गेहूं की थोक कीमत 6010 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गई है, जो कि सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (gehu ka MSP kya hai)से करीब 65% ज्यादा है। सरकार ने हाल ही में गेहूं के (wheat msp)एमएसपी में 150 बढ़ोतरी की घोषणा की थी। अभी तक यह 2275 रुपये प्रति क्विंटल था। इसका असर आगामी सीजन में देखने को मिलेगा। इस बढ़ोतरी को मिलाकर गेहूं का एमएसपी 2425 रुपए प्रति क्विंटल होगा। इस बढ़ोतरी का असर गेहूं के उत्पादन पर भी पड़ने की संभावना है।


सरकार ने यह रखा गेहूं का रिजर्व प्राइस

खाद्य सुरक्षा व बढ़ती महंगाई सहित गेहूं के मूल्य (wheat price in india) में हो रही बेतहाशा बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने अब गेहूं के बेचने के तरीके में बदलाव किया है। सरकार ने गेहूं का रिजर्व मूल्य 2325 रुपए (wheat reserve price) प्रति क्विंटल तय किया है। इसके तहत सरकार ने यह भी कहा है कि, 31 मार्च 2025 तक सभी किस्मों के गेहूं यानी यूआरएस के तहत 2300 रुपए प्रति क्विंटल के रेट पर निजी व्यापारियों को बेची जाएगी। यह बिक्री ई-नीलामी के माध्यम से की जाएगी, जिससे निजी कंपनियों को गेहूं खरीदने का मौका मिलेगा। सरकार के इस कदम का उद्देश्य बाजार में गेहूं की कीमतों (mandi bhav)को नियंत्रित करना तथा कम रेट पर गेहूं उपलब्ध कराना है। इससे आटे के रेट पर भी लगाम लगने की संभावना है।

FCI के पास गेहूं का स्टॉक

भारतीय खाद्य निगम (Food corporation of india)और राज्य एजेंसियों के पास गेहूं का पर्याप्त स्टॉक बताया जा रहा है। 31 अक्टूबर 2024 तक इनके पास 222 लाख मीट्रिक टन(wheat stock) से ज्यादा गेहूं का स्टॉक था, जो निर्धारित किए गए बफर स्टॉक से अधिक है। जबकि खाद्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तथा बाजार की मांग व आपूर्ति के अनुसार  इन एजेंसियों को 205.20 लाख मीट्रिक टन गेहूं का स्टॉक रखना चाहिए। अब 25 लाख मीट्रिक टन गेहूं को सरकार की ओर से खुले बाजार में बेचने की योजना है। इसके बाद भी सरकार के पास गहूं की कोई कोई कमी नहीं रहेगी, क्योंकि सरकारी स्टॉक में 197 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं (mandi bhav today) बचा रहेगा। यह कदम बाजार में आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए उठाया जा सकता है।

राज्य अनुसार गेहूं के रेट

राज्य          औसत कीमत      अधिकतम कीमत
महाराष्ट्र      2899                     6050
गुजरात        2887                     3265
उत्तर प्रदेश   2741                     2958
राजस्थान     2748                    2835
मध्यप्रदेश    2725                     2745
दिल्ली         2988                      3130
बिहार          2910                       3010
कर्नाटक    3539                        4209
पं. बंगाल     2610                        3310

नोट : ऊपर दिए गए गेहूं के रेट रुपये प्रति क्विंटल में हैं। गेहूं के भाव समय-समय पर अपडेट होते रहते हैं। आप गेहूं के भाव को लेकर मंडी भाव के जानकारों व नजदीकी मंडी से पता कर सकते हैं

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