Wheat price : गेहूं की बढ़ती कीमतें करेंगी परेशान, सातवें आसमान में पहुंचे दाम
My job alarm (wheat price hike) : मंहगाई का आलम चारों ओर छाया हुआ है। हर चीज के रेट बढ़ते ही जा रहे है। कभी हरी सब्जियों पहुंच से बाहर होती जा रही है तो कभी प्याज और टमाटर के रेट (Onion and tomato rates) आसमान की ऊंचाईयों को छू रहे है तो कभी आटा (wheat flour) ही पहुंच से बाहर हो राहा है। ऐसे में अब आदमी की रोटी भी महंगी हो सकती है। क्योंकि बीते कुछ दिनों से गेहूं के दामों में तेजी देखी जा रही है। इसी के चलते आटे के रेट में भी बढ़ोतरी (Flour rates also increased) का अनुमान लगाया जा रहा है। इस बीच मिलर्स ने सरकार से गेहूं का स्टॉक जारी करने की मांग की है।
पिछले साल जुलाई माह में सरकारी गेहूं की बिक्री शुरु कर दी थी। लेकिन इस बार अगस्त भी खत्म होने वाला है, लेकिन अब तक बिक्री (wheat procurement) को लेकर कोई भी अपडेट जारी नहीं किया जा सकता है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि गेहूं और आटे से बनने वाले सभी प्रोडक्ट जैसे ब्रेड, मफ़िन, नूडल्स, पास्ता, बिस्किट, केक, कुकीज की कीमतों पर असर दिख सकता है। इनके महंगे होने के पूरे आसार है।
पिछले दिनों में अगर गेहूं के रेट क बात करें तो 29 अगस्त को गेहूं की कीमत (wheat price) लगभग 9 महीनों में अपने सर्वाधिक स्तर पर पहुंच गई है। जबकि सरकारी डाटा के अनुसार 29 अगस्त 2024 को गेहूं के आटे का अधिकतम दाम 64 रुपये प्रति किलो था। गेहूं आटा का औसत दाम 36 और न्यूनतम दाम 28 रुपये प्रति किलो रहा है।
दिल्ली में आटा का भाव 33 रुपये जम्मू-कश्मीर में 42.5, हरियाणा में 32 और महाराष्ट्र में 44 रुपये प्रति किलो रहा। उपभोक्ता मामले मंत्रालय के प्राइस मॉनिटरिंग डिवीजन के मुताबकि आज देश में गेहूं का औसत थोक दाम (wheat wholesale price) 2785, गेहूं का अधिकतम भाव 4650 और न्यूनतम भाव 2400 रुपये प्रति क्विंटल रहा। दूसरी ओर, गेहूं का औसत रिटेल प्राइस (wheat retail price) 31 रुपये, अधिकतम 51 और न्यूनतम 23 रुपये प्रति किलो रहा।
गेहूं की बिक्री के डाटा की बात करें तो पिछले साल सरकार ने जून महीने में अपने स्टॉक से गेहूं बेचना शुरू किया (governent heat stock) था। जून 2023 और मार्च 2024 के बीच स्टॉक से लगभग 100 लाख मीट्रिक टन की रिकॉर्ड मात्रा बेची थी। इससे आटा मिलर्स और बिस्किट निर्माताओं जैसे थोक खरीदारों को सस्ती कीमतों पर मुख्य अनाज गेहूं की आपूर्ति मिल गई थी। लेकिन अब ऐसा होता हुआ नजर नही आ रहा है।
इन बढ़ते हुए रेटों पर कारोबारियों का कहना है कि, गेहूं की आपूर्ति हर दिन कम होती जा रही है। पिछले साल की तुलना में इस साल स्थिति थोड़ी खराब लग रही है। इसलिए सरकार को तुरंत अपने स्टाफ से गेहूं की पेशकश (wheat procurement) शुरू कर देनी चाहिए। अगर सरकार गोदामों से गेहूं का स्टॉक (wheat stock) रिलीज नहीं करती है तो त्योहार के दौरान कीमतों में और भी उछाल आ सकता है।