My job alarm

wheat price : गेहूं के रेट में रिकॉर्ड बढ़ौतरी, आज भी उछले गेहूं के दाम

wheat price today : केंद्रीय कृष‍ि मंत्रालय के अनुसार  2023-24 में गेहूं का उत्पादन करीब  1115.35 लाख मीट्रिक हुआ है। जोकि, पिछले साल के उत्पादन के मुकाबले में करीब 22 लाख मीट्रिक टन अध‍िक है। अब सवाल ये उठता है कि जब उत्पादन र‍िकॉर्ड हुआ है तो गेहूं के रेट क्यों बढ़ रहे हैं,  जबक‍ि सालाना खपत स‍िर्फ 1020 लाख मीट्र‍िक टन है। क्या गेहूं के बढ़ते दाम के पीछे कालाबाजारी तो नहीं है।  
 | 
wheat price : गेहूं के रेट में रिकॉर्ड बढ़ौतरी, जानिये आज का गेहूं का भाव

My job alarm (wheat price) : गेहूं के बढ़ते रेट के कारण आपकी रसोई का बजट बिगाड़ सकता है। पिछले एक साल से गेहूं और आटे की कीमतों (wheat and flour prices) में तेजी देखने को मिल रही है। गेहूं की बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। लेकिन इसके बावजूद गेहूं और आटे के भाव पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा है। केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार गेहूं की रिकॉर्ड पैदावार हुई है और इसके बाद भी गेहूं के रेट (Wheat Price Hike) आसमान को छू रहे हैं। 
यहां तक की राजस्थान की मंडियों (gehu ka mandi rate today) में गेहूं की सबसे टॉप किस्म का भाव 5800 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है। खुद केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई ऑनलाइन मंडी ई-नाम की वेबसाइट इसकी तस्दीक कर रही है। गेहूं का ये रेट 05 अगस्त को  राजस्थान की अलवर मंडी में दर्ज हुआ है। आमतौर पर दक्ष‍िण और पश्च‍िम भारत में गेहूं का दाम ज्यादा होता है, लेकिन उत्तर भारत की मंडियों में गेहूं का इतना रेट (Wheat Price Hike) चौंकाने वाला है। 


गेहूं का सरकारी रेट


सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश है। इसके बाद पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश हैं। राजस्थान का नंबर  पांचवां है ज‍िसकी कुल उत्पादन में करीब 9 फिसदी हिस्सेदारी है। इस बार पिछले साल के मुकाबले गेहूं की पैदावार भी ज्यादा पैदावार हुई है फिर भी मंडियों (gehu ka bhav today) में गेहूं के रेट रिकॉर्ड  उंचाई पर बने हुए हैं। इस साल शुरूआत से ही गेहूं का रेट न्यूनत्तम समर्थन मूल्य (Wheat MSP) से ऊपर चल रहा है। केंद्र सरकार की ओर से इस बार गेहूं का एमएसपी 2275 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल तय किया गया है और राजस्थान के क‍िसानों को उस पर 125 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल का बोनस दिया जा रहा है। मतलब की गेहूं का सरकारी दाम 2400 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल है।

 

इस कारण बढ़ रहे गेहूं के रेट


 बाजार के जानकारों का कहना है कि कम और अध‍िक सरकारी गेहूं खरीद का ओपन मार्केट के दाम पर असर द‍िखता ही है। दरअसल, सरकार का इस साल लक्ष्य 370 लाख टन गेहूं खरीदने था।  जबक‍ि सरकार से सिर्फ 260 लाख टन गेहूं ही खरीदी है। सरकार अपने गेहूं खरीद लक्ष्य से करीब 110 लाख टन दूर रह गई। इस कारण भी मार्केट पर दाम बढ़ने का दबाव दिख रहा है।


गेहूं और आटे की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी (wheat flour rate)

 

भारत दुन‍िया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक (wheat producer) है। घरेलू मोर्चे पर महंगाई का सामना करने के लिए सरकार ने 13 मई 2022 से इसके एक्सपोर्ट पर बैन लगाया हुआ है। प‍िछले एक साल में गेहूं और आटा की महंगाई कम करने के नाम पर ही ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के तहत 100 लाख टन गेहूं र‍ियायती दर पर फ्लोर म‍िलर्स और सहकारी एजेंस‍ियों को द‍िया गया है। व्यापार‍ियों पर स्टॉक ल‍िम‍िट लगाई गई है, फ‍िर भी गेहूं और आटे के दाम में इतनी तेजी क‍िसी को पच नहीं रही है।  

 

आज का गेहूं का भाव (wheat price today)


गेहूं के थोक भाव से पहले एक बार र‍िटेल प्राइस (wheat retail price) जान लेते हैं। उपभोक्ता मामले मंत्रालय के प्राइस मॉन‍िटर‍िंग ड‍िवीजन के मुताबिक आज गेहूं का औसत दाम करीब 31, अध‍िकतम 55 और न्यूनतम 22 रुपये प्रत‍ि क‍िलो रहा, जबक‍ि पिछले साल इस समय गेहूं का औसत दाम 29 रुपये, अध‍िकतम रेट 49 और न्यूनतम रेट 20 रुपये था। आंकड़ों से साफ नजर आ रहा है कि प‍िछले एक साल में गेहूं और आटा (wheat flour price) दोनों महंगा हो गया है।  फ‍िर ओएमएसएस के तहत फ्लोर म‍िलर्स और सहकारी एजेंसियों को 100 लाख टन गेहूं सस्ते दर पर देने का क्या फायदा हुआ।  गेहूं की आर्थ‍िक लागत करीब 30 रुपये प्रति किलो आती है। जबक‍ि सरकार ने फ्लोर म‍िलर्स को उसे 22 से 23 रुपये क‍िलो पर ही उपलब्ध करवाया है।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now