My job alarm

Wheat price : अब धड़ाम से गिरेंगे गेहूं के भाव, सरकार इस रेट पर करेगी बिक्री

wheat price down : इस बार गेहूं के रेट में सबसे तगड़ी बढ़ौतरी देखने को मिली है। बंपर पैदावार के बाद भी गेहूं के भाव (wheat rate) लगातार रिकॉर्ड बना रहे हैं। गेहूं के भाव 9 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं। सीजन के शुरूआत से ही गेहूं का रेट न्यूनत्तम समर्थन मूल्य (wheat minimum support price) से ऊपर चल रहा है। गेहूं के बढ़ते भाव के कारण आटा भी  सातवें आसमान में पहुंच गया है। जिसने लोगों की जेब ढिली कर दी है। वहीं अब एक राहत की खबर आई है, जिससे गेहूं के दामों में तगड़ी गिरावट देखने को मिलेगी। 

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Wheat price : अब धड़ाम से गिरेंगे गेहूं के भाव, सरकार इस रेट पर करेगी बिक्री

My job alarm (Wheat price ) : अगस्त का महीना खत्म होने में एक दिन बाकी है।  नए महीने के साथ ही त्योहारों का भी आगमन होने वाला है। ऐसे में गेहूं की डिमांड (wheat demand) भी बढ़ने के आसार जताए जा रहे है। लेकिन इस समय गेहूं के रेट सातवें आसमान को छूने को हो गए है। अच्छी क्वालिटी की गेहूं का भाव (wheat rate today) 4000 रुपये प्रति क्विंटल के पास पहुंच गया है। वहीं सामान्य गेहूं भी 3 हजार के करीब है। गेहूं के आटे का औसत भाव (wheat flour price)  42 रुपये किलो हो गया है। जिसके कारण आटे से बनने वाली बाकी चीजें भी महंगी हो रही हैं।  इसी बीच भारत की केंद्र सरकार (central government) के द्वारा इस लेकर एक बड़ा फैसला किया जा सकता है।

 

कहा जा रहा है कि सरकार अगले महीने यानी सितंबर से अपने बफर स्टॉक से ओपम मार्केट में गेहूं की बिक्री (Sale of wheat in Opam market) शुरू कर सकती है। जिसके चलते गेहूं के रेट में अच्छी खासी गिरवाट देखने को मिल सकती है। सरकार इसके लिए तैयारियां भी कर रही है। हालांकि, पिछले साल भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने जून से खुले बाजार में गेहूं की बिक्री की शुरू कर दी थी। तब उसने ओपन मार्केट में नीलामी (Open market auction) के जरिए रिकॉर्ड 100 लाख टन  टन गेहूं बेचा था। इससे गेहूं की बढ़ती कीमत में गिरावट भी आई थी, जिसके बाद आटा भी सस्ता हुआ था। 


इस मामले पर जारी रिपोर्टस के अनुसार आज FCI के पास 1 अक्टूबर के लिए 20.65 मिलियन टन के बफर स्टॉक के मुकाबले करीब 25  मिलियन टन गेहूं का स्टॉक (wheat stock) है। इतना ही नही जानकारी के लिए बता दें कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली और अन्य कल्याणकारी योजनाओं की आवश्यकता को पूरा करने के बाद भी स्टॉक में कीरब 19 मिलियन टन गेहूं बचेगा।

अब इसके चलते सरकार को ओपम मार्केट में नीलामी के जरिए गेहूं (wheat price) जारी करने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। वहीं, व्यापारियों का भी कहना है कि अभी स्टॉक को देखते हुए आपूर्ति की स्थिति काफी अच्छी है, लेकिन त्योहारी सीजन में जब मांग बढ़ेगी तो कीमतों में उछाल आने की संभावना रहेगी। इन्हे कंट्रोल करना ही सरकार का उद्देश्य है। 


गेहूं की कीमतों पर सरकार की कड़ी नजर


जैसे-जैसे गेहूं की डिमांड बढ़ती चली जाती है वैसे ही इनकी कीमतों में भी उछाल (wheat price hike) आना एक स्वाभाविक सी बात हो जाती है। लेकिन पिछले कुछ समय से गेहूं की कीमतों पर सरकार की नजर बनी हुई है।  अब जैसे कि हमने ऊपर बताया कि डिमांड बढ़ने के साथ ही इनके रेट भी बढ़ने लगते है। ऐसे में सरकार खुले बाजार में गेहूं की बिक्री (wheat sales) तब शुरू करेगी जब कीमतों में उछाल की संभावना होगी। जबकि, उपभोक्ता मामलों के विभाग के अनुसार 30 अगस्त को गेहूं की मॉडल खुदरा कीमत (model retail price of wheat) 29 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो पिछले 6 महीनों से इसी स्तर पर बनी हुई है। 


जानकारी के लिए बता दें कि खाद्य मंत्रालय (Food Ministry) ने चालू वित्त वर्ष के लिए एफसीआई के स्टॉक से 2.5 मिलियन टन (एमटी) गेहूं खुले बाजार में बिक्री के लिए आवंटित किया है। एफसीआई परिवहन को छोड़कर 2325 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत पर गेहूं उतारना शुरू करेगी। मौजूदा बाजार मूल्य लगभग 2700 रुपये प्रति क्विंटल हैं।


स्टॉक होल्डिंग सीमा का निर्णय


गेहूं की कीमतों (wheat price) पर चर्चा के दौरान यूपी रोलर फ्लोर मिलर्स एसोसिएशन के ने कहा कि अभी फिलहाल गेहूं की कीमतें स्थिर हैं, जबकि दक्षिणी राज्यों में आपूर्ति को लेकर कुछ समस्याएं हैं। जून में, सरकार ने खुदरा विक्रेताओं, थोक विक्रेताओं, प्रोसेसर और बड़ी चेन खुदरा विक्रेताओं के लिए 31 मार्च, 2025 तक गेहूं पर स्टॉक होल्डिंग सीमा (Stock holding limit on wheat) लगा दी थी।


इसके अलावा अधिकारियों ने कहा कि देश में गेहूं की कोई कमी नहीं है, कमोडिटी पर स्टॉक होल्डिंग सीमा (Stock holding limit on commodity) लगाने के कदम से आपूर्ति में सुधार करने में मदद मिलेगी। खाद्य मंत्रालय के एक नोट के अनुसार, गेहूं का स्टॉक कभी भी तिमाही बफर स्टॉक मानदंडों से नीचे नहीं गया है। इसके अलावा, वर्तमान में गेहूं के आयात पर शुल्क (duty on wheat import) स्ट्रक्चर को बदलने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

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