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wheat price hike : एक महीने में गेहूं के रेट सातवें आसमान, रोटी हुई महंगी

wheat price : गेहूं की बंपर पैदावार के बाद भी इस बार गेहूं के भाव लगातार बढ़ रहे हैं। पिछले 3 महीनों में गेहूं के रेट में तगड़ी तेजी देखने को मिली है। कई राज्यों में गेहूं के रेट डबल से भी ऊपर चले गए हैं। गेहूं में बढ़ौतरी की वजह से आटे का भाव भी भी सातवें आसमान में पहुंच गया है। 

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wheat price hike : एक महीने में गेहूं के रेट सातवें आसमान, रोटी हुई महंगी

My Job alarm - (wheat price) उत्तर भारत में प्रमुख रूप से खाया जाने वाले गेहूं के भाव लगातार बढ़ते जा रहे है। गेंहू के भाव बढ़ने से आटा भी महंगा हो गया है। इससे आमजन के लिए रोटी महंगी हो गई है। गेहूं के भाव में तेजी देखने को मिल रही है। इसकी वजह आवक में कमी होना माना जा रहा है। साथ ही गेहूं मांग मजबूत होने से इसके भाव बढ़ने को सहारा मिल रहा है।

 

कारोबारियों का (wheat price in Jodhpur) कहना है कि अगर सरकार जल्द खुले बाजार में गेहूं की बिक्री नहीं की तो भाव और चढ़ सकते हैं। बता दें कि एक महीना पहले 30-32 रुपये किलो में मिल रहा गेहूं अब 38  रुपये किलो में बिक रहा है। इतना ही नहीं बल्कि यदि (stock limits on wheat) कोई चक्की पर आटा पिसवाने जाता हैं तो वहां पर 40 रूपये प्रति किलो में आटा मिल रहा हैं। जोकि बढती महंगाई का आगाज हैं। 

 

यदि गेंहू की बढती कीमतों का कारण पुछा जाए तो कारोबारी कम हो रहे गेहूं के स्टॉक व मिनिमम सेल्स प्राइज (एमएसपी) से बाजार भाव ज्यादा होने को इसका कारण बता रहे हैं। उधर, कृषि विशेषज्ञ बदलते मौसम से कम हो रहे उत्पादन को बड़ी वजह बता रहे हैं। कारोबारियों के मुताबिक (Food Corporation of India) होली से पहले गेहूं और आटे के दाम घटने के आसार नहीं हैं। यूपी रोलर फ्लोर मिल्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष प्रमोद गुप्ता का कहना है कि फूड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) ने इस वर्ष अप्रैल से गेहूं नहीं (food grains production) दिया है। अगस्त, सितंबर में ऐसा करने की बात कही गई थी, पर अभी तक गेहूं मिला नहीं है।

 

बाजार में स्टॉक कम है। वर्ष 2024-25 में गेहूं की एमएसपी 2275 रुपये प्रति क्विंटल है। मंडी में थोक रेट 3100 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास है, जबकि फुटकर में गेहूं 3500-3800 रुपये प्रति क्विंटल में बिक रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार आटा मिल मालिक विकास सिंघल का कहना है कि 40 प्रतिशत तक इंपोर्ट ड्यूटी लगने से विदेशों से (wheat price in North India) भी आयात नहीं हो पा रहा है। होली तक नई फसल आने पर ही कीमतों पर लगाम लगेगी। न्यू हैदराबाद के चक्की संचालक व किराना व्यापारी संतोष गुप्ता बताते हैं कि फुटकर बाजार में गेहूं 35 रुपये प्रति किलो में बिक रहा है।


कोरोना काल से लगातार बढ़ रहे दाम -
बता दें कि ये गेंहू के दामों में बढोत्तरी के अभी से नहीं बल्कि कोरोना काल से बढती आ रही हैं। यदि वर्ष  2020 के आंकडे चेक (Food Corporation of India) करें तो उस हिसाब से गेहूं का एमएसपी 1925 रुपये प्रति क्विंटल था। बाजार में 3000 रुपये प्रति क्विंटल गेहूं बिक रहा था। कोरोना महामारी के बाद से हर साल बाजार भाव में करीब 100-200 रुपये तक की तेजी आई।


शोधों को बढ़ावा न देने से कम हो रहा उत्पादन -
कृषि वैज्ञानिक  बताते हैं कि गर्मी बढ़ने से फसलों की बोवाई में देरी हो रही है। इस बार भी 15 दिन देरी से बुवाई हो सकेगी। अनुकूल मौसम न मिलने से गेहूं की बालियां सूखती गईं। बीजों का प्रबंधन न होने व अधिक उर्वरक के इस्तेमाल से उत्पादकता कम हो रही है। कृषि क्षेत्र में शोध को बढ़ावा देने की जरूरत है। गर्मी के कारण किसानों को बुवाई में पांच किलो प्रति एकड़ बीज बढ़ाना होगा, जिससे उत्पादन पर असर न पड़े। पिछले वर्षों के मुकाबले गेहूं का बीज 80 से 85 रुपये किलो हो गया है। अधिक उपज वाली प्रजातियां लोकवन, पीवीडब्ल्यू 343, पीवीडब्ल्यू 502, एचडी 2967 बीज केंद्रों पर उपलब्ध नहीं हैं।


सरकार लेकर आई सस्ता आटा -
रोलर फ्लोर मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष धर्मेंद्र ने कहा कि सरकार सस्ते दाम पर भारत आटा ले आई है। इसके साथ ही सरकार ने मिलवालों को खुले बाजार के जरिये गेहूं देने की बात कही है। इससे गेहूं व आटे की कीमतों पर लगाम लग सकेगी।
 

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