wheat price hike : सातवें आसमान में पहुंचे गेहूं के भाव, रोटी हुई महंगी
Mandi Bhav Today : पिछले कई दिनों से देश की अनेक मंडियों में फसलों के भाव में उतार चढाव देखा जा रहा है। इसी दौरान गेहूं के भाव में जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है। इससे गरीब आदमी के लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना भी मुश्किल हो गया है। गेहूं हमारी प्रमुख खाद्यान्न फसल है। देश की अधिकतर आबादी अपने भोजन में गेहूं का इस्तेमाल करती है। इसलिए गेहूं के रेट बढ़ने से आम आदमी का बजट बिगड़ जाता है। आइये विस्तार से जानते हैं कि आने वाले दिनों में गेहूं के दामों में कितनी बढ़ोतरी होने की संभावना है और वर्तमान में गेहूं का औसतन भाव कितना है।

My job alarm - (latest crop rates) आजकल मंडियों में खरीफ की फसलों की आवक जोरों पर है। खरीफ की फसलों की जहां खरीदारी जोरों पर है, वहीं रबी की फसलों के भावों में मंदा तेजी का दौर जारी है। इन दिनों रबी की मुख्य फसल गेहूं के दामों में भारी उछाल देखा जा रहा है। गेहूं के भाव में अचानक आए उछाल से जहां गरीब आदमी की चिंता बढ़ गई है, वहीं गेहूं का (Mandi bhav of wheat) स्टॉक करने वाले व्यापारियों के चेहरे खिल गए हैं। गेहूं हमारे देश की प्रमुख खाद्यान्न फसल है।
इसलिए गेहूं के रेट बढ़ने से सबसे ज्यादा असर मध्यम और गरीब परिवारों पर पड़ता है। अगर गेहूं के दामों में बढ़ोतरी (Increase in wheat prices) बरकरार रहती है तो आम जनता के लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना मुश्किल हो जाएगा। आइये नीचे खबर में गेहूं के (gehun ka taja bhav) ताजा भाव के बारे में विस्तार से जानते हैं।
उपभोक्ताओं पर पड़ रहा गेहूं के बढे हुए रेट का असर
पिछले कई दिनों से गेहूं के दामों में लगातार हो रह बढ़ोतरी जारी है। उपभोक्ता मंत्रालय के प्राइस मॉन रिटरिंग डिवीजन की ओर से मिली जानकारी के अनुसार अब गेहूं अधिकतम रेट 49 रुपये प्रति किलो से भी ऊपर हो गया है। इसी को देखते हुए औसतन भाव जहां लगभग (wheat price in Delhi) 31 रुपये और न्यूनतम रेट 28 रुपये प्रति किलो से भी अधिक हो गया है। हालांकि गेहूं के बढ़े हुए इन दामों का असर उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। लेकिन केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अनुसार किसानों को भी इसका लाभ मिला है।
औसतन भाव में पिछले साल के मुकाबले ज्यादा बढ़ोतरी
बता दें कि गेहूं का रेट सबसे ज्यादा कर्नाटक (wheat rate) में देखने को मिल रहा है। कर्नाटक में गेहूं 3300 रुपये प्रति क्विंटल से भी ज्यादा भाव में बिक रहा है। हालांकि पिछले साल की तुलना में ये भाव कम हैं। इसी प्रकार महाराष्ट्र में गेहूं का भाव (wheat price in Maharashtra) 2938 रुपये प्रति क्विंटल से भी ज्यादा है और यहां भी पिछले साल की तुलना में गेहूं का रेट कम है। लेकिन पूरे देश में औसतन भाव की बात करें तो गेहूं के दामों में पिछले साल के मुकाबले इस साल अच्छी बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल गेहूं का औसतन भाव (wheat average price) जहां 2393 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास था और इस वर्ष गेहूं का भाव 2516 रुपये प्रति क्विंटल से भी ज्यादा है।
आटे के दाम
इस समय आटे के दाम कई जगह 50 रुपये प्रति किलो के आसपास (wheat flour rate) चल रहे हैं तो कई जगह ये आंकड़ा 60 रुपये प्रति किलो को भी पार कर गया है। आटे के औसत दाम लगभग 36 रुपये और न्यूनतम औसत दाम 30 रुपये प्रति किलोग्राम पर ट्रेड कर रहे हैं। दिल्ली में आटे के दाम 32 (wheat flour price in delhi), जम्मू-कश्मीर में 42, हरियाणा में 35 और महाराष्ट्र में 44 रुपये प्रति किलो के आसपास हैं।
देशभर में गेहूं की आवक का आंकड़ा
पूरे देश की मंडियों की बात करें तो ज्यादातर मंडियों में गेहूं (wheat price 22 october)की आवक कम ही हुई है। कृषि मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़ों को देखें तो 1 से 14 अगस्त तक इस बार देश की विभिन्न मंडियों में 13 प्रतिशत कम है। अगस्त 2024 के पहले दो सप्ताह में 4,78,600 टन से ज्यादा गेहूं मंडियों में बिक्री (wheat price update)के लिए पहुंचा। पिछले वर्ष 2023 में इसी अवधि में यह आंकड़ा लगभग 5,51,725 टन था। देश की मंडियों में गेहूं आवक का यह आंकड़ा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब और तेलंगाना की मंडियों को मिलाकर जुटाया गया है।
उत्तर प्रदेश राज्य गेहूं की आवक में रहा सबसे आगे
इस बार सबसे ज्यादा गेहूं की आवक उत्तर प्रदेश (wheat price in UP)राज्य में हुई। यहां की मंडियों में 14 अगस्त 2024 तक करीब पौने तीन लाख टन गेहूं बिकने के लिए आया। 2023 के मुकाबले इस बार आवक 9 प्रतिशत ज्यादा रही। पिछले साल 14 अगस्त तक ढाई लाख टन गेहूं ही यूपी की मंडियों में बिकने के लिए आया था। मध्य प्रदेश में पिछले साल के मुकाबले इस साल गेहूं की आवक कम हुई है। मध्य प्रदेश भारत में दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है, जबकि यूपी गेहूं के उत्पादन में नंबर वन है। मध्य प्रदेश (wheat price in MP)में इस बार 26 फीसदी कम गेहूं की आवक हुई है। 14 अगस्त तक एमपी की मंडियों में करीब 1,65,345 टन गेहूं बिकने आया, जबकि 2023 में इसी अवधि के दौरान गेहूं की आवक 2,22,000 टन से अधिक थी।
महाराष्ट्र व राजस्थान में गिरा गेहूं की आवक का आंकड़ा
राजस्थान की मंडियों में गेहूं की आवक की बात करें तो यहां पिछली बार की तुलना में इस बार 57 प्रतिशत आवक कम हुई है। इस साल अगस्त के पहले दो सप्ताह में राजस्थान (rajasthan me gehun ka rate)की मंडियों में केवल 12,870 टन गेहूं बिकने आया, जबकि 2023 में 29,700 टन से ज्यादा हुई थी। गेहूं की आवक इस साल सबसे कम महाराष्ट्र (wheat price in maharashtra)की मंडियों में हुई है। यहां आवक 72 फीसदी तक कम हो गई है। इस साल 14 अगस्त तक 5289 टन गेहूं ही मंडियों में आया है। पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह आवक करीब चार गुना यानी लगभग 19,205 टन थी।