My job alarm

Wheat price hike : सातवें आसमान में पहुंचे गेहूं के भाव, 28 हजार रुपये हो गई कीमत

wheat price increases :  अगले महीने त्यौहारी सीजन शुरू होने वाला है। अक्तूबर में दशहरा तो नवंबर में दिवाली बड़े त्यौहार हैं। इस दौरान गेहूं की डिमांड बढ़ जाती है। अभी से गेहूं के भाव (wheat latest price) में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। इसे देखते हुए आने वाले दिनों में गेहूं के रेट (Wheat rate) में बंपर बढ़ौतरी देखने को मिल सकती है।  
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Wheat price hike : सातवें आसमान में पहुंचे गेहूं के भाव, 28 हजार रुपये हो गई कीमत

My job alarm (Wheat price) :  हर रोज लोग गेहूं के आटे की रोटी का ही सेवन करते है। लेकिन अब यही रोटी चिंता का विषय बनती जा रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि इन दिनों गेहूं के दाम (wheat price) आसमान छूने को जा रहे हैं। गेहूं के भाव में अब तक की सबसे तेज वृद्धि दर्ज हो रही है। और ये बढ़ौतरी अभी रूकने का नाम नही ले रही है।  पिछ्ले हफ्ते गेहूं की कीमतें लगभग 9 महीनों में अपने सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गईं जिससे त्योहारी सीजन के दौरान और महंगाई के और ज्यादा बढ़ने की आशंका है। 


गेहूं के बढ़ते हुए दाम (wheat rate) को लेकर एक्सपर्ट की राय है कि जब तक सरकार अपने सरकारी गोदामों से गेहूं का स्टॉक (wheat stock from government warehouses) जारी नहीं करेगी, तब तक कीमतों में गिरावट की कोई उम्मीद नहीं है और जब तक ऐसा नही होगा तब तक जनता को इस महंगाई से राहत नहीं मिलने वाली है। 


हाल ही में जारी रिपोर्ट के अनुसार एक प्रमुख आटा मिल मालिक ने बताया कि थोक मंडियों में गेहूं की सप्लाई (Wheat supply in wholesale markets) धीरे-धीरे कम होती चली जा रही है, जिसका सीधा असर रिटेल मार्केट पर हो रहा है। गेहूं की कुल आपूर्ति की स्थिति पिछले साल की तुलना में काफी खराब है। और अगर यही हालात रहे तो बाजार में गेहूं की किल्लत हो सकती है। ऐसे में महंगाई से राहत पाने के लिए सरकार को अपने स्टॉक से गेहूं (wheat stock) को तुरंत बाजार में जारी करना चाहिए।  

पिछले महीने के गेहूं के भाव (gehu ka bhav) दाम की बात करें तो पिछले 5 महीनों में गेहूं की कीमतों में करीब 4200 रुपये प्रति मीट्रिक टन की वृद्धि हुई है। अप्रैल में गेहूं की कीमत करीब 24000 रुपये प्रति मीट्रिक टन थी, जो अब बढ़कर 28200 रुपये प्रति मीट्रिक टन पर पहुंच गई है। सरकार ने जून 2023 से मार्च 2024 के बीच अपने भंडार से 100 लाख मीट्रिक टन गेहूं बेचा जिससे आटा मिलर्स और बिस्किट कंपनियों को सस्ती दरों पर गेहूं की आपूर्ति (wheat supply) हुई।


इस पर कुछ आटा मिल के मालिकों का भी कहना है कि सरकार ने अगस्त के अंत तक अपने सरकारी भंडार से गेहूं जारी (Wheat released from government stores) नहीं किया है, जिससे कीमतों में वृद्धि हो रही है। जानकारी के अनुसार भारत ने जुलाई से अपने राज्य के भंडार से गेहूं बेचने की योजना बनाई थी, लेकिन इसमें देरी हुई और इसके बाद कोई अपडेट नहीं आया। 
इसके अलावा कर्नाटक के एक अन्य आटा मिल मालिक (flour mill ) ने सरकार से अनुरोध किया कि वह अपने भंडार से स्टॉक खाली करने में और देरी न करे और गेहूं आयात (wheat import) पर 40 फीसदी आयात शूल्क हटाए।

 सरकारी आंकड़ों के अनुसार 26 अगस्त 2024 को गेहूं के आटे का अध‍िकतम दाम (wheat maximum price) 64 रुपये प्रत‍ि क‍िलो था, औसत भाव 35  और न्यूनतम दाम 29 रुपये प्रत‍ि क‍िलो रहा।  आज द‍िल्ली में आटा का दाम (wheat flour price) 34, जम्मू-कश्मीर में 42.5, हर‍ियाणा में गेहूं आटा भाव 34.33 और महाराष्ट्र में 44.56 रुपये प्रत‍ि क‍िलो रहा।  गेहूं की बढ़ती कीमतों के चलते आटा के रेट में और भी बढ़ोत्तरी की आंशका जताई जा रही है।


 

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