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Wheat Price Hike : गेहूं के भाव ने बना दिया रिकॉर्ड, 8235 रुपये पहुंचे इस गेहूं के भाव

Wheat Price Hike : देश का गेहूं भंडार हमेशा से भरा रहता था।  इसकी वजह ये है कि गेहूं भारत की प्रमुख फसल है और बड़ी संख्‍या में किसान गेहूं की खेती (wheat crop) करते हैं। सरकारी आकंड़े बता रहे हैं कि इस साल देश में रिकॉर्ड गेहूं का उत्‍पादन (wheat production) हुआ है, लेकिन बाजार में इसके दाम में लगातार बढ़ौतरी देखने को मिल रही है।  गेहूं और आटे के दाम (wheat flour price) में हो रही बढ़ौतरी के पीछे कुछ लोग ट्रेडर्स को ज‍िम्मेदार बता रहे हैं तो कुछ लोग इसकी सरकारी खरीद और गेहूं पर अंतरराष्ट्रीय हालात का हवाला दे रहे हैं। वजह चाहे जो हो लेकिन रोटी महंगी हो रही है।

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Wheat Price Hike : गेहूं के भाव ने बना दिया रिकॉर्ड, 8235 रुपये पहुंचे इस गेहूं के भाव

My job alaram - Sharbati Wheat Rate:  सबसे ज्यादा बढ़ौतरी शरबती गेहूं में देखने को मिल रही है। इस गेहूं ने एक बार फिर नया रिकार्ड बना लिया है। पूरे एमपी में सबसे महंगा शरबती गेहूं सीहोर में बिका है. सीहोर की आष्टा कृषि उपज मंडी में व्यापारी ने किसान से 8235 रुपए प्रति क्विंटल के भाव में शरबती गेहूं (Wheat price) खरीदा है। वही अशोकनगर जिले की मंडी में इस साल शरबती गेहूं 6395 क्विंटल के भाव बिकी। इससे पहले शरबती गेहूं इतना महंगा नहीं बिका था. किसान को अपनी उपज के अच्छे भाव मिलने की वजह से उत्साह के माहौल में देखा गया। 


बता दें कि प्रदेश की उन्नत मंडियों में शुमार आष्टा की ए क्लास कृषि उपज मंडी ने पूरे प्रदेश में इतिहास रच दिया है।  आष्टा कृषि उपज मंडी में सबसे महंगा शरबती गेहूं (Sharbati Wheat) खरीदा गया है। अच्छी क्वालिटी होने की वजह से मंडी के व्यापारी किसान को प्रति क्विंटल के लिए आठ हजार 235 रुपए दिए हैं। व्यापारी ने किसान से 20 क्विंटल गेहूं खरीदा है। शरबती गेंहू के प्रति क्विंटल आठ हजार 131 रुपए भाव मध्य प्रदेश (Madhya Pardesh) में अब तक के सबसे महंगे दाम है।  पिछले साल गेहूं का भाव (Wheat Price hike) 5670 रुपए था।   कृषि उपज मंडी के सचिव सुरेश कुमार साकेत का कहना है कि आष्टा कृषि उपज मंडी में अच्छी वैरायटी होने पर किसान को उसी स्तर के दाम भी दिए जाते हैं। 

 

हमेशा डिमांड में रहता है शरबती गेहूं-

मालूम हो कि मध्‍य प्रदेश के सीहोर का शरबती गेहूं (Sharbati Wheat Price) देश-विदेश में बहुत ही लोकप्र‍िय है, जो अन्‍य किसी सामान्‍य गेहूं से काफी महंगा बिकता है. माना जाता है कि इस गेहूं के आटे (wheat flour ) से बनी रोटी अधि‍क स्‍वादिष्‍ट और नरम होती है. इसलिए बाजार में महंगे दाम के बावजूद इसकी डिमांड बनी रहती है. अब शरबती गेहूं की नई किस्‍म आने से इसका दायरा बढ़ेगा और डिमांड पूरी करने में मदद मिलेगी.

 

सीहोर के शरबती को मिली यह उपाधि
 सीहोर का शरबती गेहूं (sherbati wheat) पूरे देश भर में ही फेमस है. सीहोर के शरबती की मायानगर मुंबई, दिल्ली, पुणे सहित अन्य महानगरों में खासी डिमांड रहती है. सीहोर के शरबती गेहूं की देश में सबसे प्रीमियम किस्त है. सीहोर क्षेत्र में एक काली और जलोढ़ उपजाऊ मिट्टी है जो शरबती गेहूं के उत्पादन के लिए उपयुक्त है.

सीहोर के शरबती गेहूं को विशेष उपाधि दी गई है, इसे 'द गोल्डन ग्रेन' भी कहा जाता है, क्योंकि इसका रंग सुनहरा होता है और यह हथेली पर लेने में भी भारी लगता है. इसका स्वाद भी मीठा होता है. सीहोर के शरबती गेहूं में अन्य गेहूं की तुलना में ग्लूकोज और सुक्रोज जैसे सरल शर्करा की मात्रा भी अधिक होती है. 

समय पर बोवनी, समय पर कटाई
किसान उत्तम सिंह ने बताया कि अतिरिक्त मेहनत के कारण गेहूं की क्वालिटी सुधरी है। समय पर बोवनी, सिंचाई और कटाई के कारण ही ऐसा संभव हो पाया है। बता दें कि आष्टा मंडी 1968 में बनी, तब से अभी तक कभी शरबती इस भाव पर नहीं बिका।

 

बाहरी कंपनी देती है अपना नाम
अभी बाहर की कंपनी यहां से गेहूं खरीदकर ले जाती है और अपना नाम देकर विदेशों में महंगे दामों पर बेचती है। जीआइ मिलने के बाद लोग शरबती खरीद तो सकेंगे, लेकिन अपना नाम नहीं दे सकेंगे। इसका फायदा सीधे किसानों को मिलेगा।

 

कम पानी, कम खाद
किसानों की मानें तो गेहूं में शरबती एक ऐसी किस्म है, जिसमें कम पानी और न के बराबर खाद की जरूरत होती है। तमिलनाडु, गुजरात, चेन्नई, मुंबई, हैदराबाद, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश की कई बड़ी कंपनी इसे अपने ब्रांड नेम के साथ जैविक गेहूं के रूप में निर्यात करती है। शरबती गेहूं की सबसे ज्यादा डिमांड महाराष्ट्र में रहती है और यहां इस गेहूं का भाव (Wheat Price ) भी सबसे ज्यादा रहता है।

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