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wheat price hike : रिकॉर्ड ऊंचाई पर गेहूं का रेट, जानिये क्या है तेजी की वजह

Wheat Price : गेहूं के भाव इस समय सातवें आसमान पर हैं। पिछले कई दिनों से गेहूं के रेट में जबरदस्त तेजी चल रही है। लगातार बढ़ते गेहूं के भाव किसानों के लिए किसी सौगात से कम नहीं हैं। दिसंबर में गहूं का भाव (Wheat Price today)और बढ़ सकता है। इस कारण ये अपने रिकॉर्ड लेवल पर भी जा सकते हैं। हालांकि सरकार बढ़ते गेहूं के रेट पर लगाम कसने का प्रयास कर रही है, लेकिन बढ़ते भावों पर रोक नहीं लग पा रही है।  

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wheat price hike : रिकॉर्ड ऊंचाई पर गेहूं का रेट, जानिये क्या है तेजी की वजह

My job alarm - (wheat price Update) इस समय गेहूं को स्टॉक करके रखने वाले किसान काफी ऊंचे दामों पर गेहूं बेचकर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। नवंबर माह में आई गेहूं के रेट में जबरदस्त तेजी के कारण किसानों के चेहरे खिले हुए हैं। हालांकि किसानों को तो रेट बढ़ने से फायदा हो रहा है लेकिन आटे के दाम बढ़ने से उपभोक्ताओं की जेब पर इसका उल्टा असर पड़ा है। इसलिए सरकार बेलगाम होते गेहूं के दामों (Wheat Price update news) पर नियंत्रण के प्रयास कर रही है, इसके बावजूद गेहूं के दाम बढ़ते ही जा रहे हैं। दिसंबर में ये और ज्यादा बढ़ने की संभावना है।

 

यह है भावों में लगातार बढ़ोतरी का कारण


देशभर में गेहूं के दामों (wheat price today )की बात करें तो दक्षिणी राज्यों में ये अधिक बढ़ोतरी पर हैं। जानकारों का मानना है कि कई राज्‍यों में बाजार में गेहूं की कमी है। इससे बाजार पर दबाव बन रहा है। इसकी आपूर्ति ही नहीं हो पा रही है।  यूपी से दक्षिण राज्यों में गेहूं की सप्लाई के कारण गेहूं के रेट हाई हो रहे हैं। दक्षिण भारत में तो गेहूं के रेट 34,000 रुपये (wheat price today 11 november) प्रति टन के रिकॉर्ड लेवल छूने वाले हैं।

 


उत्तर प्रदेश से सप्लाई हो रहा गेहूं


आटा मिल मालिकों की ओर से मांग की जा रही है कि गेहूं के लगातार बढ़ते दामों पर रोक लगाई जाए। सरकार की ओर से जल्द ही ओपन मार्केट सेल स्कीम (Open market sale scheme) लाकर कम शुल्क पर गेहूं का बड़े स्तर पर आयात किया जाए या आयात को मंजूरी दी जाए। एक रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा या पंजाब में गेहूं का इस समय अभाव है। नए गेहूं की आवक होने में अभी काफी समय लगेगा। इसलिए आपूर्ति के लिए यूपी से गेहूं (wheat price in UP)आ रहा है। इस कारण दूसरे राज्यों में रेट (gehun ke rate) बढ़ गए हैं।  

रेट पर नियंत्रण के लिए सरकार उठाए ठोस कदम


दिल्ली में इस समय गेहूं के भावों की बात करें तो ये  3,200 रुपये प्रति क्विंटल (delhi me gwhun ke rate) तक पहुंच चुके हैं। हालांकि देश की कुछ मंडियों में गेहूं के भाव 3100 रुपये प्रति क्विंटल भी हैं।  विशेषज्ञों के अनुसार इस समय गेहूं की डिमांड बढ़ रही है और आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इसका कारण है कि इस समय गेहूं निजी स्टॉकिस्टों के पास उपलब्ध है। व्यापारियों में इस बात के चर्चे भी हैं कि सरकार को गेंहू का आयात करके बढ़ते दामों पर रोक लगानी चाहिए।  इसके लिए सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए। लेकिन सरकार की ओर से सस्ते रेट (gehun ka taja bhav) पर गेहूं आयात नहीं किया जा रहा है। अभी तक इस वित्त वर्ष में ओएमएसएस को शुरू न करने से भी गेहूं के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। सरकार से ओएसएस रेट पर गेहूं आयात करने की मांग लगातार हो रही है। 


फिलहाल यह है गेहूं का रेट


इस साल केंद्र सरकार की ओर से गेहूं का एमएसपी 2,275 रुपये (wheat MSP) निर्धारित किया गया है। कृषि मंत्रालय की यूनिट एगमार्केट के आंकड़ों पर नजर डालें तो पाते हैं कि एपीएमसी यार्ड में गेहूं का औसत मूल्य लगभग 2,800 रुपये प्रति क्विंटल है। उत्तर प्रदेश में गेहूं का अधिक स्टॉक होने के कारण यह लगभग 2,800 रुपये प्रति क्विंटल है लेकिन यहां से दक्षिण राज्यों में स्पलाई होने के कारण इसके रेट (gehun ka bhav)उफान पर हैं। के भाव से मिल रहा है। यही कारण है कि कोयंबटूर, बेंगलुरु और चेन्नई में गेहूं का रेट 3,400 रुपये प्रति क्विंटल (gehun ke bhav) जा पहुंचा है।

कम शुल्क पर हो गेहूं का आयात


विभिन्न स्रोतों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार पिछले महीने खुदरा गेहूं के रेट 2.2 प्रतिशत बढ़े हैं और एक साल में देखा जाए तो गेहूं के दामों में 4.44 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। व्यापार जगत से जुड़े लोगों का मानना है कि अभी तक ओएसएस यानी ओपन सेल स्कीम (OSS)पर गेहूं का सरकार की ओर से आयात नहीं किया गया है। सस्ते रेट पर गेहूं का आयात करने से ही गेहूं के भाव पर लगाम कसी जा सकती है। 

इतना टन गेहूं बाहर से मंगाए जाने की मांग


विभिन्न राज्यों में गेहूं (gehun ka taja rate) की डिमांड और आपूर्ति को सही रखने के लिए कम शुल्क पर 4 मिलियन टन तक गेहूं के आयात किए जाने को अनुमति दिए जाने की लगातार मांग उठ रही है। कुछ एक्‍सपोर्टर्स के अनुसार अगर सरकार आयात किए जाने वाले गेहूं पर 44 प्रतिशत शुल्क भी लगाती है तो गेहूं का भाव 32,000 रुपये प्रति टन (wheat price news)होने की संभावना है। यह भारत में गेहूं के भाव के लगभग समान है। इसलिए आयात शुल्क और अधिक होने पर ही लोगों को सस्ता गेहूं पड़ेगा।

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