My job alarm

Wheat Price : गेहूं की बढ़ती कीमतों को लेकर सरकार ने लिया बड़ा फैसला

Wheat Price : गेहूं के दाम आए दिन नए रिकॉर्ड बना रहे है। इन्ही बढ़ते हुए दामों को नियंत्रण में लाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। हाल ही में सरकार ने दामों में हो रही वृद्धि पर रोक लगाने के लिए एक फैसला लिया है। आइए जान लें सरकार के इस अहम फैसले के बारे में विस्तार से...
 
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Wheat Price : गेहूं की बढ़ती कीमतों को लेकर सरकार ने लिया बड़ा फैसला

My job alarm (Wheat Price) :  केंद्र सरकार की ओर से इस बार गेहूं का न्यूनत्तम समर्थन मूल्य (wheat minimum support price) 2275 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। लेकिन, सीजन के शुरूआत से ही गेहूं का भाव एमएसपी से ऊपर चल रहा है। गेहूं के दामों में मौजूदा वक्‍त में तगड़ी तेजी देखने को मिल रही है।  जबकि आने वाला अक्‍टूबर त्‍योहार का महीना है। ऐसे में माना जा रहा है कि त्‍योहारी सीजन तक गेहूं के भाव (wheat price) 4 हजार तक पहुंच जाएंगे। पिछले 2 महीने में गेहूं के भाव 600 से 700 रुपये क्विंटल बढ़ चुके हैं। मौजूदा समय में गेहूं का औसत भाव 2800 रुपये प्रति क्विंटल है। वहीं देश के कुछेक राज्यों में गेहूं 3500 रुपये प्रति क्विंटल से पार हो गई है।

आए दिन इनमें बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। भारतीयों का स्टेपल फूड होने के बावजूद भी इनके दाम में कोई रियायत नजर नही  आ रही है।

ऐसे में सरकार ने गेहूं के रेट को कंट्रोल (Government controlled wheat rates) करने के लिए एक अहम फैसला लिया है। सरकार के इस फैसले के अनुसार गेहूं की कीमतों को नियंत्रण (control wheat prices) में रखने के लिए ट्रेडर्स, थोक व्यापारी, रिटेलर्स और मिल मालिकों के लिए स्टॉक लिमिट घटा दी है।

यानि अब ये सभी अपने पास पहले के मुकाबले गेहूं का कम स्टॉक (stock of wheat) रख पाएंगे। सरकार ने ये फैसला घरेलू बाजार में गेहूं की सप्लाई बढ़ाने के लिए किया है जिससे कीमतों में बढ़त को नियंत्रित किया जा सके। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय (Ministry of Consumer Affairs) ने कहा कि 24 जून को घोषित स्टॉक लिमिट के प्रावधान 31 मार्च 2025 तक सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू रहेंगे।

आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि सरकार द्वारा स्टॉक लिमिट (changes in wheat stock limit) में किया गया ये बदलाव सरकार की उन कोशिशों का हिस्सा है जिसके तहत गेहूं की कीमतों को नियंत्रण में रखा जा सके और जमाखोरी पर लगाम लगाई जा सके। सरकार द्वारा जारी नई लिमिट के अनुसार ट्रेडर्स और होलसेलर के लिए स्टॉक लिमिट (Stock Limit for Traders and Wholesalers) को 3000 टन से घटा कर 2000 टन किया गया है।

 

सरकार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक इस कटौती का उद्देश्य बड़ी संस्थानों के पास रखी मात्रा को घटाना और बाजार में सप्लाई बढ़ाना है। मंत्रालय ने साथ कहा कि भारत का गेहूं उत्पादन 11.29 करोड़ टन (India's wheat production) पर पहुंचा है और देश में गेहूं के पर्याप्त भंडार हैं। सरकार अब इसके रेट घटाने के हर पर्याप्त प्रयास कर रही है जिससे कि इसे हर व्यक्ति तक पहुंचाया जा सके। 


लेकिन आपको बता दें कि सरकार के फैसले के तहत रिटेलर्स की स्टॉक लिमिट में कोई बदलाव नहीं (No change in stock limit of retailers) किया गया है वो पहले की ही तरह 10 टन प्रति रिटेल आउटलेट (wheat retail outlet) पर ही बनी रहेगी। ये कदम इसलिए उठाया गया है जिससे छोटे रिटेलर्स बिना किसी बदलाव के कामकाज जारी रखें और बाजार के स्थिर रखने में अपनी हिस्सेदारी बनाए रखें। 


इसके अलावा बिगचेन रिटेलर्स के लिए भी स्टॉक लिमिट में बदलाव (Change in stock limit for big chain retailers) किया गया है अब वो प्रति आउटलेट 10 टन गेहूं रख सकेंगे और डिपो लिमिट उनकी कुल आउटलेट संख्या का 10 गुना होगी। पहले डिपो लिमिट 3000 टन थी। प्रति आउटलेट लिमिट में बदलाव नहीं किया गया है।

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