wheat price : गेहूं के रेट में बंपर उछाल, इतने रुपये किलो बिक रहा आटा
wheat price :त्योहारों का सीजन चल रहा है, और इस दौरान गेहूं के दामों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। इस साल फसलों के दामों में कई दिनों से उतार-चढ़ाव हो रहा है। हालांकि, कई फसलों में मंदी और तेजी देखने को मिली है, लेकिन गेहूं के भाव पिछले कई दिनों से रिकॉर्ड स्तर पर बने हुए हैं। गेहूं की कीमतों में बढ़ोतरी का सीधा असर आम लोगों के बजट पर पड़ रहा है, क्योंकि आटे के दाम (flour price) आसमान छू रहे हैं। आइए नीचे खबर में जानते हैं ताजा भाव

My job alarm (wheat rate ) : आपने हाल ही में गेहूं या आटा किस रेट पर खरीदा था। भाव जो भी लेकिन इतना तो तय ही है कि आपको हर बार बढ़े हुए दाम का सामना करना पड़ा होगा। मतलब की रोटी महंगी हो रही है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि गेहूं के भाव (wheat price hike) आसमान में पहुंच गए हैं।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने बताया है कि इस बार किसानों को बीच किसानों को गेहूं का भाव 2518 रुपये प्रति क्विंटल मिला है। देखा जाए तो देश में इसका अधिकतम भाव 50 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। वहीं, औसत दाम 30.9 रुपये और न्यूनतम दाम 22 रुपये प्रति किलो है। उपभोक्ता मामले मंत्रालय के प्राइस मॉनिटरिंग डिवीजन ने 27 अक्तूबर को देश में गेहूं के रिटेल भाव की जानकारी दी।
मंडियों में कहां तक पहुंचा गेहूं का दाम -
कृषि मंत्रालय के अनुसार बीच कर्नाटक में गेहूं का थोक दाम (gehun mandi bhav) 3302 रुपये प्रति क्विंटल रहा, जो पिछले साल की तुलना में 8.78 फीसदी कम है। साल 2023 की इसी अवधि में यह दाम 3619.69 रुपये प्रति क्विंटल था। वहीं, महाराष्ट्र में इस साल गेहूं (Maharashtra Wheat Rate) का थोक भाव 2939.82 रुपये प्रति क्विंटल है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि से 14.79 फीसदी कम है। पिछले वर्ष गेहूं का दाम 3450.22 रुपये प्रति क्विंटल था।
हालांकि, यदि राष्ट्रीय औसत की बात करें, तो गेहूं के दाम (gehun ka bhav) में पिछले वर्ष के मुकाबले 5.19 फीसदी का इजाफा हुआ है। इस साल राष्ट्रीय औसत पर गेहूं का दाम 2517 रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि पिछले वर्ष यह केवल 2393.43 रुपये प्रति क्विंटल था।
आटा का दाम कितना है?
प्राइस मॉनिटरिंग डिविजन के अनुसार, 18 अगस्त 2024 को गेहूं के आटे का अधिकतम (wheat flour price) दाम 65 रुपये प्रति किलो था। वहीं, औसत दाम 35.78 रुपये और न्यूनतम दाम 28 रुपये प्रति किलो दर्ज किया गया। विभिन्न राज्यों में आटे के दाम में भिन्नता देखी गई है। उदाहरण के लिए, दिल्ली में आटा (delhi flour price) 32 रुपये प्रति किलो, जम्मू-कश्मीर में 41.5 रुपये प्रति किलो, हरियाणा में 33.33 रुपये प्रति किलो, और महाराष्ट्र में 43.53 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। यह भिन्नता स्थान और स्थानीय बाजार की मांग-आपूर्ति के आधार पर है।
गेहूं की आवक कितनी है?
इस वर्ष देश की ज्यादातर मंडियों (taja mandi bhav) में गेहूं की आवक कम देखने को मिल रही है। कृषि मंत्रालय ने 1 से 14 अगस्त तक के आंकड़ों का विश्लेषण करके बताया है कि पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में गेहूं की आवक 13 फीसदी कम है। इस साल अगस्त के पहले दो हफ्तों में 4,78,658 टन गेहूं बिकने आया, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह आंकड़ा 5,51,728 टन था।
यह आवक विभिन्न राज्यों की मंडियों में दर्ज की गई है, जिसमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, उत्तराखंड, हरियाणा (haryana mandi bhav), पंजाब, और तेलंगाना शामिल हैं। इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि मंडियों में गेहूं की कमी बनी हुई है, जो कि आटे के दाम पर भी प्रभाव डाल सकती है।
इस मंडी में रही गेहूं की सबसे अधिक आवक -
कृषि मंत्रालय के अनुसार, इस वर्ष गेहूं की सबसे ज्यादा आवक उत्तर प्रदेश की मंडियों (uttar pradesh gehu mandi bhav) में हुई है। यहां पर 2,78,144 टन गेहूं की आवक हुई, जो पिछले साल की तुलना में 9 फीसदी अधिक है। 2023 की इसी अवधि में उत्तर प्रदेश में 2,54,141 टन गेहूं बिकने आया था। यह राज्य देश का सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक है और यहां की मंडियों में उच्च मात्रा में गेहूं की आपूर्ति होती है।
हालांकि, देश के दूसरे सबसे बड़े गेहूं उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश में गेहूं की आवक पिछले साल की तुलना में 26 फीसदी कम हो गई है। मध्य प्रदेश की मंडियों (MP Mandi Wheat Rate) में 1,65,347 टन गेहूं की बिक्री हुई, जबकि पिछले साल की इसी अवधि में यह आंकड़ा 2,22,931 टन था। यह कमी किसानों के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि इससे उनकी आय पर असर पड़ सकता है।
राजस्थान में भी गेहूं (Rajasthan Wheat Mandi Rate) की आवक में भारी गिरावट देखी गई है। इस राज्य में पहले दो सप्ताह में 12,870 टन गेहूं बिकने आया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 57 फीसदी कम है। 2023 की इसी अवधि में यहां 29,703 टन गेहूं की आवक हुई थी। राजस्थान में उत्पादन में कमी के कारण यह स्थिति बनी है, जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
इसके अलावा, महाराष्ट्र की मंडियों (Maharashtra Mandi) में भी गेहूं की आवक में भारी कमी आई है। यहां अगस्त के पहले दो हफ्तों में केवल 5,289 टन गेहूं बिकने आया, जो पिछले साल की इसी अवधि में 19,204 टन था। यह 72 फीसदी की गिरावट है, जो राज्य में कृषि की चुनौतियों को दर्शाता है।