wheat flour price : गेहूं आटे के दाम सातवें आसमान पर, सरकार ने लिया बड़ा फैसला
wheat price update :गेहूं के साथ ही आटे के दाम निरंतर बढ़ते ही जा रहे हैं। गेहूं के भाव ने तो ऐसी रफ्तार पकड़ ली है, जिसके चलते आटा भी दिन-प्रतिदिन महंगा होता जा रहा है। इन दोनों के आसमान छूते भावों को देखते हुए सरकार ने अब बड़ा फैसला (wheat flour price new update) ले ही लिया है। अब उम्मीद है कि जल्द ही आटे व गेहूं के भाव पर लगाम लगेगी और लोगों का बजट भी संतुलित होगा। आइए जानते हैं सरकार के इस फैसले के बारे में खबर में।

My job alarm - (wheat flour price): पिछले कई दिनों से गेहूं की कीमतों में तगड़ी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। हर राज्य में गेहूं की कीमतों (wheat flour latest price) में लगातार वृद्धि होने के कारण आम लोगों को रोटी भी महंगी पड़ रही है। आटे के दामों ने तो रसोई तक का बजट बिगाड़कर रख दिया है। बुलेट ट्रेन की रफ्तार से बढ़ रहे गेहूं व आटे के दामों को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने एक बड़ा फैसला (gehu ke rate) लिया है। सरकार के इस निर्णय से आम उपभोक्ताओं व व्यापारियों में राहत की उम्मीद जगी है।
यह कदम उठाया सरकार ने-
दरअसल, सरकार ने गेहूं के स्टॉक की लिमिट (gehu ki stock limit kitni hai) को कम किया है और इन नियमों को भी कड़ा करते हुए सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। अब तय लिमिट से ज्यादा गेहूं स्टॉक नहीं किया जा सकेगा तथा मार्केट में गेहूं की मांग के अनुसार आपूर्ति हो सकेगी, जिससे गेहूं व आटे के बढ़ते दामों पर लगाम कसी जा सकेगी। सरकार ने मुनाफावसूली, जमाखोरी और महंगाई को रोकने के लिए गेहूं स्टॉक की लिमिट (wheat stock limit new rules) को घटाया है। स्टाॅक लिमिट का यह नियम 31 मार्च 2025 तक लागू रहेगा, उसके बाद गेहूं की नई आवक होने पर रेट कम होने की अधिक संभावना है।
यह कहना है व्यापारियों का-
हालांकि सरकार ऐसा नियम पहले भी लागू कर चुकी है, जिसका कम असर दिखा था। इसलिए सरकार के ये प्रयास नाकाफी बताए जा रहे हैं। व्यापारियों का कहना है कि किसान अब भी गेहूं के रेट बढ़ने के चक्कर में बड़ा स्टॉक किए हुए हैं। सरकार को OMSS के तहत सस्ता गेहूं बाजार में उतारना चाहिए। नहीं तो गेहूं व आटे के रेट (wheat flour latest price) कई माह तक गिरने की संभावना नहीं है।
अब गेंहू स्टॉक करने की इतनी है लिमिट -
केंद्र सरकार ने खुदरा और रिटेल व्यापारियों के लिए बुधवार को निर्धारित गेहूं के स्टॉक (gehu stock krne ki nyi limit) की लिमिट पहले से घटाकर कम कर दी है। अब थोक व्यापारी 2,000 मीट्रिक टन की बजाय 1000 मीट्रिक टन गेहूं को ही स्टॉक कर सकेंगे। वहीं खुदरा व्यापारियों के लिए 100 मीट्रिक टन की लिमिट को पहले से कम करके 50 मीट्रिक टन कर दिया गया है। यानी सीधे तौर पर सरकार ने गेहूं की स्टॉक लिमिट (govt decision on wheat stock) को पहले से आधा कर दिया है।
सरकार के फैसले का यह होगा असर-
गेहूं की कालाबाजारी व जमाखोरी रोकने के लिए ही सरकार ने स्टॉक लिमिट कम करने का कदम उठाया है। यह भी देखने में आ रहा था कि उस समय भी गेहूं के दाम बढ़ जाते हैं, जब गेहूं की मात्रा पर्याप्त होती है और फिर भी बाजार में मांग के अनुसार आपूर्ति नहीं हो पाती है। सरकार के नए अपडेट के अनुसार गेहूं के स्टॉक (wheat stock new rules) को अपने पास रखने वालों को गेहूं स्टॉक लिमिट के लिए पोर्टल पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा और हर सप्ताह इस स्टॉक की जानकारी देनी होगी ताकि स्टॉक लिमिट के नियम का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जा सके। अगर कोई भी संस्था जिसने पोर्टल पर पंजीकरण नहीं करवाया या लिमिट से ज्यादा का स्टॉक (wheat stock limit) अपने पास रखा तो ऐसे में उस व्यक्ति व संस्था के खिलाफ कानूनी तौर भी कार्रवाई की जाएगी।
इन पर लागू होगा नया नियम-
अब सरकार की ओर से यह भी निर्देश दिए गए हैं कि गेहूं का स्टॉक तय लिमिट करने के लिए अधिसूचना जारी होने के 15 दिनों के भीतर अपने सभी प्रयास करने होंगे। जिनके पास इस समय अधिक स्टॉक है वे जल्द से जल्द इस बारे में समाधान खोजें। खाद्य सुरक्षा का प्रबंधन करने के लिए आवश्यक भी है। ये निर्देश सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू होंगे। इनमें व्यापारियों के अलावा थोक व खुदरा विक्रेता भी शामिल हैं। साथ ही गेहूं मिलों व प्रोसेसरों पर भी यह नियम (gehu stock krne ke niyam) लागू होगा।