Wheat Flour Price : गेहूं आटे में 20 फिसदी की बंपर बढ़ोतरी, रोटी हुई महंगी
My job alarm (wheat price hike) : महंगाई के दौर में (inflation rate) हर चीज लोगों की पहुंच से लगभग बाहर ही हो गई है। पहले प्याज थे जो कि महंगाई के आंसू रूला रहे थे अब इनका साथ गेहूं के दाम (wheat price) भी बखूबी निभा रहे है। आम आदमी इस महंगाई के चलते अपना बजट मैनेज नही कर पा रहा है। सबसे पहले तो किचन के बजट ने ही सब गड़बड़ करके रख दिया है। कभी हरी सब्जियों के दाम में बढ़ोतरी हो रही है तो कभी खाने का तेल आलू-प्याज, टमाटर के रेट आसमान के पार पहुंच गए हैं। इन हालातों में अब आम आदमी की रोटी भी महंगी हो सकती है।
ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि बीते कुछ दिनों से गेहूं के दामों (gehoon ke daam) में तेजी देखी जा रही है। पिछले कई सप्ताह से गेहूं के आटे के दामों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। ये उछाल की गेहूं आपूर्ति प्रभावित होने के चलते देखा जा रहा है। थोक मंडियों में आटा के न्यूनतम भाव (Minimum price of flour in wholesale markets) में 20 फीसदी तक की बढोत्तरी हुई है। बढ़ते दामों से आम आदमी को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने गेहूं की स्टॉक लिमिट में संशोधन (Amendment in wheat stock limit) किया है।
गेहूं आटे का भाव (Wheat Flour Price)
अब जैसे-जैसे त्योहार नजदीक आ रहे है वैसे ही महंगाई भी बढ़ती ही जा रही है। जल्द आने वाले त्योहारों में अब नवरात्रे, दशहरा और दीवाली है। इनसे पहले आटे के बढ़ते दामों (rising prices of flour) ने आम लोगों की परेशानी को और भी बढ़ा दिया है। बता दें कि थोक मंडियों में आटा की न्यूनतम कीमत 2250 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 2800 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास पहुंच गई (Price of flour in wholesale markets) है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 18 सितंबर को गेहूं के आटे का अधिकतम दाम (wheat flour average price) 66 रुपये प्रति किलो रहा, औसत दाम करीब 36 रुपये और न्यूनतम दाम 29 रुपये प्रति किलो रहा। बात करें देश की राजधानी दिल्ली की तो यहां आटा का दाम 36, उत्तर प्रदेश में 33, जम्मू-कश्मीर में 44, हरियाणा में 33, राजस्थान में 35 और महाराष्ट्र में 44 रुपये प्रति किलो रहा।
ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि गेहूं और आटे से बनने वाले सभी प्रोडक्ट जैसे ब्रेड, मफिन, नूडल्स, पास्ता, बिस्किट, केक, कुकीज की कीमतों पर इसका असर दिख सकता (bakery products price) है।
केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर जानकारी देते हुए कहा है कि देश में इस समय गेहूं की पर्याप्त उपलब्धता (adequate availability of wheat) है।
इसके अलावा खाद्य सुरक्षा का प्रबंधन करने के साथ ही जमाखोरी और सट्टेबाजी रोकने के लिए भारत सरकार ने सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में व्यापारियों, थोक विक्रेताओं (wholesalers), खुदरा विक्रेताओं (retailers), बड़ी चेन वाले खुदरा विक्रेताओं और प्रोसेसर पर लागू होने वाली गेहूं की स्टॉक लिमिट (wheat stock limit) में संशोधन किया है। रबी 2024 के दौरान कुल 1129 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद (wheat procurement) की गई है।
गेहूं के दामों को नियंत्रित (control wheat prices) करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसी क्रम में सरकार ने सभी गेहूं स्टोरेज संस्थाओं को गेहूं स्टॉक लिमिट पोर्टल पर रजिस्टर करने को कहा गया है। वहीं हर शुक्रवार को स्टॉक की स्थिति को अपडेट करने के निर्देश दिए गए है। केंद्र और राज्य सरकारों के अधिकारी इन स्टॉक लिमिट की निगरानी (wheat stock limit) करेंगे।
देशभर की मंडियों में आज का गेहूं का भाव (wheat price today)
मध्य प्रदेश गेहूं का न्यूनतम दाम 2684 और अधिकतम 2995 रुपये क्विंटल रहा।
उत्तर प्रदेश की मंडियों में गेहूं का न्यूनतम और अधिकतम दोनों दाम 2850 रुपये प्रति क्विंटल रहा।
राजस्थान की मंडियों में गेहूं का न्यूनतम दाम 2716 और अधिकतम दाम 3240 रुपये प्रति क्विंटल रहा।
हरियाणा में गेहूं का न्यूनतम दाम 2811 और अधिकतम भाव 3160 रुपये प्रति क्विंटल रहा।
गुजरात में गेहूं का न्यूनतम दाम 3522 और अधिकतम दाम 3600 रुपये क्विंटल रहा।