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Tomato price today : 80 से सीधे 5 रुपये पर आ गया टमाटर

tomato price : पिछले दिनों टमाटर के दाम आसमान तक पहुंच गए थे। सिर्फ टमाटर ही नही हर एक सब्जी के भाव बढ़ गए है। लेकिन अब हाल ही मे जानकारी सामने आ रही है कि टमाटर के दाम एकदम से गिर गए हैं। आइए जान लें...
 
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Tomato price today : 80 से सीधे 5 रुपये पर आ गया टमाटर

My job alaram - टमाटर की अगर बात करे तो इसके बिना हर एक सब्जी का स्वाद अधूरा है। यहां तक कि दक्षिण भारत में भी टमाटर रसोई का माना जाता है। लोग सलाद में भी इसका खूब सेवन करते है। जितना ज्यादा लोग इसका सेवन करते है उतनी ही टमाटर डिमांड में बढ़ोतरी होती है। डिमांड में बढ़ोतरी होगी तो स्वाभाविक सी बात है कि यह मांग किसानों के लिए बहुत फायदेमंद रहेगी। लेकिन अब यही टमाटर किसानों के लिए परेशानी की वजह बन गया है। कभी किसानों के लिए फायदे की वजह रहने वाला टमाटर अब उनके सबसे बड़े नुकसान की वजह में तब्‍दील हो गया है।

टमाटर की कीमतों (tomato price) में अचानक से आई इस गिरावट ने किसानों को परेशान करके रख दिया है। किसानों का कहना है कि वो कई वजहों से कौड़‍ियों के दाम पर टमाटर बेचने को मजबूर हैं। किसानों को इस सबसे काफी ज्यादा नुकसान हो रहा है। वहीं ये चीज कहीं न कही आम जनता के लिए अच्छी है। 


बस इतनी रह गई टमाटर की कीमत (tomato rate today)


टमाटर के रेट की बात करें तो आंध्र प्रदेश राज्य में कुछ महीने पहले तक टमाटर 80 से 90 रुपये प्रति किलोग्राम (tamatar ka rate) तक पर बिक रहा था। लेकिन आज वहं रिटेल मार्केट में इसकी कीमतें (tomato retail price) 10 रुपये प्रति किलो से भी नीचे पहुंच गई हैं। जबकि किसान को टमाटर का भाव 5 रुपये भी कम मिल रहे हैं। थोक बाजार में टमाटर (tomato wholesale price) 5 रुपये प्रति किलोग्राम पर बिक रहा है।  टमाटर की कीमतों में इतनी भारी गिरावट उन्हें उगाने वाले किसानों के लिए अच्छी नहीं है।

किसानों का कहना है कि बाजार में टमाटर की कीमतों (tomato price down) में इतनी बड़ी गिरावट के बावजूद सरकार मूक दर्शक बनी हुई है। इस पर सरकार कोई कदम नही उठा रही है। किसानों के हालात बद से बदतर होते जा रहे है। टमाटर के इन गिरते दामों ने किसानो को बिलकुल निराश कर दिया है। 


किसानों के लिए लागत निकालना भी हो रहा मुश्किल 
टमाटर के भाव (tomato rate) के मामले में राज्‍य में जब वाईएसआरसीपी की सरकार थी तो उसने किसानों से 3000 करोड़ रुपये के फंड के साथ कीमतों को स्थिर करने का वादा किया था। लेकिन कुछ भी नहीं हुआ है। लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार टमाटर थोक बाजार में पहुंचे, उससे पहले ही बिचौलिए खेतों से 2 से 3 रुपए प्रति किलो की दर से इसे खरीद कर रख लेते हैं। फिर तो जाहिर सी बात है कि किसानों को उत्पादन लागत तो दूर, ट्रांसपोर्टेशन की लागत भी नहीं मिल पा रही है। किसानों का ऐसे में बहुत नुकसान हो रहा है। 
 

किसानों को क्या करना चाहिए? 
वैसे ये तो सब जानते ही है कि कीमत कम (tomato price down) हो तो फसलों को प्रिजर्वेशन सेंटर में स्टोर किया जाता है ताकि कीमत में वृद्धि होने के बाद उसे उचित दाम (tomato rate) पर बेच दिया जाए। ये प्रिजर्वेशन सेंटर प्रॉडक्‍ट की कीमतों में बढ़ोतरी करके उन्‍हें सुरक्षित रखने में मदद करते हैं। स्थानीय बाजार की ताकतें बाहरी व्यापारियों को स्थानीय किसानों से सीधे ज्‍यादा कीमत पर टमाटर खरीदने से रोकने के लिए एकजुट हैं।  मार्केट यार्ड भी किसानों के लिए खड़े होकर और बिचौलियों और यहां तक ​कि स्थानीय बाजार की ताकतों को किसानों पर शर्तें थोपने से रोककर अपनी प्रभावशाली भूमिका निभा सकते हैं। अब बता दें कि किसानों को अपनी फसल मार्केट यार्ड के जरिये से ही बेचनी चाहिए। 


हताश किसानों ने फसल के साथ किया ये काम...
अब जब फसलों के दाम कौड़यों के भाव आ गए है तो किसान बहुत ज्यादा हताश और निराश हो गए है। ऐसे में किसान अपनी फसलों को या तो काट ही नही रहे है वो उन्हे खेतों में ही सड़ने के लिए छोड़ रहे है। या फिर वो अपनी फसल फेंक रहे है। वहीं इस स्थिति से कई ऐसे सवाल पैदा होते हैं जो सरकार और प्रशासन की लापरवाही को बयां करते हैं।

इस मामले पर विशेषज्ञोंका कहा है कि जब हर साल ऐसी स्थिति पैदा होती है जो फिर किसानों के लिए कुछ दिनों तक अपनी फसल को सुरक्षित रखने और फायदे की कीमतों के मिलने तक कोल्ड स्टोरेज की सुविधा क्‍यों नहीं दी जा रही है। क्‍यों नहीं सरकार टमाटर प्रिजर्वेशन सेंटर की जरूरत की तरफ ध्‍यान देती है।

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