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Soybean Price : सोयाबीन के भाव गिरे धड़ाम, 15 फिसदी की आई गिरवाट

Soybean Price Down : आजकल महंगाई का दौर सा ही शुरू हो गया है। जिस चीज को देखो उसके रेट आसमान को छूने को तत्पर हो रहे है। रसोई तो अब लोगों के बजट से बाहर होती नजर आ रही है। लेकिन ऐसे में एक राहत की खबर भी सामने आ रही है। सोयाबीन के भाव (soybean rate) अब 15 फिसदी तक गिर गए है। आइए जान लें आज क्या है ताजा रेट...
 
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Soybean Price : सोयाबीन के भाव गिरे धड़ाम, 15 फिसदी की आई गिरवाट

My job alaram : दाल आटा सब्जी के भाव जहां बढ़ रहे है वहीं  ये जानकारी सामने आ रही है कि सोयाबीन की कीमतों में कमी आ रही है। इसमें अब गिरवाट देखने को मिल रही है।  महंगाई के दौर में इसकी कीमतों में ये गिरावट लोगों को हैरान कर रही है। इसके भाव गिरकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से भी नीचे चले गए हैं।  पिछले साल की तुलना में सोयाबीन के भाव (soybean price) 15 फीसदी तक कम हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सोयाबीन के भाव (soybean ka bhav) आगे और भी गिरने के आसार नजर आ रहे है। 

 


जान लें देश की मंडियों में कितने गिर गए सोयाबीन के दाम
हाल ही के दिनों में लगातार सोयाबीन के रेट में गिरावट की जानकारी सामने आ रही है। इसी संदर्भ में सोयाबीन के लिए बेंचमार्क मंडी मानी जाने वाली मध्य प्रदेश की इंदौर मंडी में पिछले एक माह के दौरान सोयाबीन के भाव 4700 रुपये से घटकर 4200 रुपये और दूसरे प्रमुख सोयाबीन उत्पादक राज्य महाराष्ट्र की लातूर मंडी में इसके भाव 4750 रुपये से घटकर 4460 रुपये क्विंटल (soybean rate today) रह गए हैं। 


वहीं अगर बात करें सोयाबीन के एमएसपी  रेट की तो सोयाबीन का न्यूनत्तम समर्थन मूल्य (Soybean Minimum support value) 4,892 रुपये प्रति क्विंटल है। इस तरह देखा जाए तो इस समय सोयाबीन एमएसपी से काफी नीचे बिक रही है। सोयाबीन के वर्तमान भाव पिछले साल इन दिनों के भाव से भी कम है। पिछले साल इन दिनों इंदौर में सोयाबीन के भाव 5020 रुपये और लातूर में 5280 रुपये प्रति क्विंटल थे।


सोयाबीन के रेट में गिरावट का प्रमुख कारण
इस पर जानकारी देते हुए कमोडिटी विश्लेषक इंद्रजीत पॉल ने बताया कि सोयाबीन के भाव (soybean price) घटने की वजह चालू खरीफ सीजन में इसकी बोआई ज्यादा होना है। जाररी हुए ताजा सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस साल सोयाबीन का रकबा 128 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया, जो पिछली समान अवधि के 122 लाख हेक्टेयर से अधिक है। 


पॉल का भी यही मानना है कि सोयाबीन के भाव (soybean ka bhav) आगे घटकर 4000 रुपये से नीचे जा सकते हैं। आवक बढ़ने से भी सोयाबीन की कीमतों में गिरावट को बल मिला है। जिंसों की आवक के आंकड़े रखने वाली एजेंसी एगमार्कनेट के मुताबिक इस साल 23 जुलाई से 23 अगस्त के बीच मंडियों में करीब 3.2 लाख टन सोयाबीन की आवक हुई है, पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा करीब 2.80 लाख टन था। जाहिर है इस साल इस अवधि में आवक वृद्धि हुई है।

 

सोयाबीन किसान कहते हैं कि सोयाबीन की बोआई बढ़ने के साथ ही अभी तक फसल अच्छी स्थिति में है। इससे भी सोयाबीन के भाव घटे हैं। उन्होंने कहा कि नई फसल आने से पहले सोयाबीन के दाम (soybean price) घटकर एमएसपी से काफी नीचे आना किसानों के लिए चिंताजनक हैं। केवल इतना ही नही, अभी तो नई फसल आने पर भाव और घटेंगे। ऐसे में किसानों को नुकसान होगा। किसानों को उनकी फसल का उचित मुल्य न मिलने से उन्हे काफी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।

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