sarso : सरसों की पैदवार में ये राज्य सबसे आगे, 5 राज्यों में होता है 89 प्रतिशत उत्पादन
Jul 30, 2024, 19:12 IST
| My job alarm (sarso) : इस बार पिछले साल के मुकाबले सरसों का उत्पादन कम हुआ है। वहीं किसानों को इस बार सरसों का सही भाव (sarso) भी नहीं मिल पाया है। केंद्र सरकार ने सरसों का न्यूनत्तम समर्थन मूल्य 5650 रुपये प्रति क्विंटल (sarso MSP) रखा है। लेकिन, किसानों को अपनी सरसों बेहद कम भाव पर बेचनी पड़ी है। सरसों (sarso) की सबसे ज्यादा पैदवार वाले राज्य की बात करें तो देश के सभी राज्यों में राजस्थान का नाम नंबर वन पर आता है। पूरे उत्तर भारत के सरसों उत्पादन का आधा हिस्से अकेले राजस्थान से ही आता है। यहां पर किसानों की आजीविका का मुख्य आधार सरसों और बाजरा की फसल ही है और यहां पर सरसों (mustard production) का अच्छा उत्पाद होता है क्योंकि यहां की जमीन का पीएच मान है जो हल्की क्षारीय प्रकृति की होने के कारण सरसों (mustard crop) के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है। दूसरी ओर जब प्रति हैक्टेअर ज्यादा उत्पादन लेने की बात आती है तो इस सूची में सबसे ऊपर गुजरात का नाम आता है। सरसों की खेती (sarso ki kheti) किसानों के लिए काफी लोकप्रिय खेती है। दरअसल, सरसों की खेती कम सिंचाई और कम लागत में आसानी से हो जाती है। वहीं सरसों की खेती से किसानों को दूसरी फसलों के मुकाबले ज्यादा मुनाफा भी होता है। मंडियों में अन्य फसलों के मुकाबले सरसों का भाव (sarso ka bhav) तेज रहता है। वहीं, भारत सरसों का तेल विदेशों में निर्यात नियात करता है। जिसके कारण बाजारों में सरसों तेल (sarso tel) की डिमांड हमेशा बनी रहती है। वैसे देखा जाए तो सरसों का उत्पादन (mustard production) भारत के लगभग सभी राज्यों में होता है, लेकिन इस मामले में राजस्थान सबसे आगे है, जबकि राजस्थान सहित पांच अन्य राज्य (5 states produce 88 percent mustard) हैं। जहां सबसे ज्यादा सरसों का उत्पादन होता है। यहां देश का कुल 89 प्रतिशत सरसों का उत्पादन किया होता है।