My job alarm (sarso tel rate) : बाजार में खाद्य तेल की कीमतों में बदलाव हुआ है। दरअसल, पिछले काफी समय से सरसों के भाव स्थिर बने हुए थे। लेकिन अब सरसों के रेट (sarson rate ) में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। जिसके चलते तेल के दाम भी तेजी से उपर की ओर दौड़ रहे हैं। इस बार सरसों का अच्छा भाव नहीं मिलने के कारण किसानों के चहरे पर मायुसी है। वो MSP के लिए भी तरसते रहे। लेकिन, अब जब वो अपनी काफी उपज बेच चुके हैं तब जाकर सरसों और के दाम थोड़े बढ़ने शुरू हुए हैं। देश के सबसे बड़े सरसों उत्पादक राजस्थान की कई मंडियों में सरसों (rajasthan sarso mandi bhav) का औसत और अधिकतम दाम इसकी MSP 5650 रुपये प्रति क्विंटल के पार पहुंच गया है। इसकी वजह से सरसों के तेल का (sarso tel rate) दाम भी बढ़ गया है। 2 सप्ताह में सरसों तेल के थोक रेट (Mustard Oil Wholesale Price) में इसके थोक दाम में 16 रुपये प्रति किलो की तेजी आ गई है।
अचानक से बढ़े सरसों के भाव
अब सवाल ये उठता है कि पिछले काफी दिनों से जिस सरसों का भाव (Sarso Rate) किसानों को सिर्फ 4500 से 5000 रुपये क्विंटल तक मिल रहा था, उसका दाम अचानक अब क्यों बढ़ने लगा है? क्या इसकी कोई अंतरराष्ट्रीय वजह है या फिर घरेलू वजह ? अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष का कहना है कि सरकारी एजेंसियों की आक्रामक खरीदी ने किसानों को राहत दिलाई है और इस सीजन में सरसों के दाम एमएसपी (Mustard MSP) के करीब या उससे ऊपर पहुंच गए हैं। राजस्थान के टोंक जिले में स्थित मालपुरा मंडी (rajasthan sarso bhav) में 14 तारीख को 2,271 क्विंटल सरसों बिकने के लिए आया था। इसके बाद न्यूनतम दाम 4,800, औसत दाम 5,980 और अधिकतम दाम 6,471 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंचा। सरसों तेल के दाम में जबरदस्त बढ़ोतरी
व्यापरियों का का कहना है कि सरसों के दाम (sarso latest price) के साथ ही इसके तेल (sarso tel price) का भाव भी बढ़ रहा है। पिछले 15 दिनों में ही सरसों के तेल में 16 रुपये प्रति किलो की तेजी आई है। सरसों का तेल (mustard oil today rate) 1030 रुपये प्रति 10 किलो से बढ़कर 1190 रुपये प्रति 10 किलो पहुंच गया है। यानी थोक में 119 रुपये किलो (Mustard Oil Wholesale Rate)। हालांकि, सरसों का एमएसपी 5650 रुपये क्विंटल है। अगर इस दाम पर खरीद होती है तो सरसों तेल का दाम कितना होगा? विशेषज्ञों का कहना है कि सामान्य तौर पर सरसों में 33 फीसदी के करीब तेल निकलता है। यानी एक क्विंटल सरसों में में 33 किलो तेल निकलता है। इस हिसाब से 171 रुपये प्रति किलो का दाम हो तब मानना चाहिए कि सरसों का तेल शुद्ध होगा। सरसों तेल के दाम बढ़ने के पीछे एक और भी कारण
ऐसे में यह भी सवाल उठता है कि इस वक्त खाद्य तेलों की ज्यादा मांग नहीं होती। यानी कि शादियों का सीजन न होने और गर्मियों के दिनों में लोग वैसे भी तेल का सेवन कम कर देते हैं। इसके बावजूद सरसों तेल के रेट (sarso tel rate) क्यों बढ़ रहा है? इस पर अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठक्कर का कहना है कि सरसों तेलों में अचानक से तेजी आने की वजह कुछ बड़े खिलाड़ियों द्वारा 'खेला' किया जाना है। ऐसा दिख रहा है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय मार्केट में तेलों के दामों में अधिक ज्यादा बढ़ौतरी वृद्धि नहीं हुई है। लेकिन फिर भी देसी तेल जिसमें खासकर मूंगफली और सरसों तेल के रेट में इजाफा देखने को मिल रहा है।