Sarso Tel : त्यौहारी सीजन से पहले सरसों तेल में तगड़ी बढ़ोतरी, 3 दिन में इतने बढ़ गए रेट
My job alarm (sarso tel) - महंगाई इन दिनों लोगों को हर रोज नया झटका दे रही है। हर चीज के दाम आसमान पर पहुंचने को हो चूके है। आम आदमी के लिए जहां रोटी महंगी हो रही (inflation rate) है वहीं अब तेल के दाम भी महंगाई की रेस में उतर चूके है। प्याज, सब्जियों और गेहूं आदि के बाद अब सरसों का तेल (mustard oil), रिफाइंड (refined) और सोयाबीन तेल (soybean oil) में बंपर इजाफा हुआ है। दावा है कि आने वाले दिनों में तेल के दाम और बढ़ सकते हैं। इसका असर लोगों के किचन से लेकर मिठाइयों के दाम पर देखने को मिल सकता है।
पिछले 3 दिन में सरसों तेल के भाव (mustard oil price hike) में 20 रुपये किलो का इजाफा हुआ है। सरसों तेल का भाव 145 से 165 रुपये प्रति किलो पहुंच गया है। वहीं सोया रिफाइंड तेल की कीमत 115 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 128 रुपये प्रति लीटर हो गयी है। पाम रिफाइंड तेल का भाव 108 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 125 रुपये प्रति लीटर हो गया है। डालडा वनस्पति तेल की कीमतों में भी 15 रुपये का इजाफा हुआ है और 105 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 120 रुपये प्रति लीटर पहुंच गई है।
जानकारी देते हुए खाद्य तेल कारोबारी सुरेश गुप्ता बताते हैं कि तेल खपत (oil consumption) की बात करें तो देश में हर साल करीब 240 लाख टन तेल की खपत होती है। इसमें से 60 प्रतिशत से ज्यादा तेल दूसरे देशों से आता है। इसके अलावा विदेशी तेल की कीमत (foreign oil price) भी यहां के तेल की अपेक्षा सस्ती होती है, लेकिन सरकार की ओर से किसानों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने तेलों पर इंपोर्ट ड्यूटी (import duty on oils) बढ़ा दी है। इसका असर अब तेलों के होलसेल मार्केट (wholesale oil market) में दिखने लगा है। रेट बढ़ते हुए नजर आने वाले है।
कीमतों में वृद्धि का कारण
अगर तेल, रिफाइंड और सोयाबीन तेल आदि के दाम में वृद्धि के कारण (Reason for increase in oil prices) के बारे में बात की जाए तो इस वृद्धि के पीछे का कारण इंपोर्ट ड्यूटी है जिसके बढ़ने के 3 दिन के अंदर ही दिल्ली के होलसेल बाजारों में सरसों के तेल (Mustard oil prices in wholesale markets of Delhi), रिफाइंड और सोयाबीन तेल के दाम में प्रति लीटर करीब 20 रुपये की बढ़ोतरी हुई है।
आने वाले सीजन में मिठाइयों से लेकर खाने पीने की दूसरी चीजों की डिमांड बढ़ जाती है। लेकिन इस बार महंगाई (inflation during festive season) का असर इन सब चीजों पर दिखने वाला है। एक कारोबारी ने बताया कि दिवाली के मौके पर मिठाइयां सबसे ज्यादा बिकती हैं। मिठाइयां, नमकीन बनाने की तैयारी चल रही है, लेकिन तेल के बढ़े दाम की वजह से लोगों को जेब ढीली हो सकती है।
सरसों तेल में बढ़ौतरी से किसानों को फायदा
आमतौर पर त्यौहारी सीजन में सरसों तेल (mustard oil) की डिमांड 20 से 25 प्रतिशत बढ़ जाती है। सरसों तेल की डिमांड बढ़ने से सरसों के भाव में भी बंपर इजाफा देखने को मिल रहा है। जहां इस बार सीजन के शुरूआत से किसानों को सरसों का भाव न्यूनत्तम समर्थन मूल्य से भी कम मिल रहा था। वहीं अब सरसों के भाव एमएसपी को पार करते हुए 6200 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गए हैं। सरकार की ओर से सरसों का एमएसपी 5650 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। व्यापारियों का कहना है कि सरसों के भाव में अभी और इजाफा देखने को मिल सकता है।