sarso ka bhav : 26 जुलाई सरसों का भाव
Jul 26, 2024, 18:26 IST
| My job alarm (sarso ka bhav) : जब खाने का तेल सस्ता होता है तो जहां ग्राहकों को फायदा होता है तो वहीं सरसों का उत्पादन (mustard crop) करने वाले किसानों के लिए लागत निकालना भी मुश्किल हो जाता है। एक ओर जहां हम आत्मनिर्भर भारत की बात करते हैं, तो दूसरी ओर पाम ऑयल का जमकर आयात कर रहे हैं। देश में पीछे 3 सालों में पाम ऑयल का आयात तेजी से बढ़ा है। देश में विदेशों से सस्ता पाम ऑयल आ रहा है। बाजार में सस्ता पाम ऑयल आने से देशी तेलों (sarso tel) के दाम काफी हद तक कम हो गए हैं। यही नहीं, पाम ऑयल को सरसों (mustard oil) सहित कई अन्य तेलों में मिलाकर बेचा जा रहा है। इससे लोगों की हेल्थ को भी काफी नुकसान हो रहा है। किसानों को सस्ते पाम ऑयल के काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। किसानों को अपनी सरसों न्यूनत्तम समर्थन मूल्य (mustard MSP) से नीचे बेचनी पड़ी है। सरसों के रेट (Sarso rate) दिनों-दिन गिर रहे हैं। पिछले साल सरसों का औसत भाव (sarso ka bhav) 7 हजार रुपये प्रति क्विंटल रहा था। लेकिन इस बार सरसों के औसत रेट 5000 रुपये प्रति क्विंटल रहे हैं। इससे किसानों को मुनाफा नहीं मिल रहा है। पाम ऑयल सरसों से भी आधी रेट में मिल रहा है। किसानों का कहना है कि सरकार पाम ऑयल पर 100 फीसदी आयात शुल्क लगाया ताकि सरसों का सही भाव (sarso rate today) मिल सके। आईये नीचे जानते हैं आज के सरसों मंडी के भाव (sarso ka rate) क्या रहे हैं।