sarso ka bhav 23 July : सरसों में कितनी तेजी कितनी मंदी, फटाफट चेक करें आज के रेट
Jul 23, 2024, 18:26 IST
| My job alarm (sarso ka bhav) : इस बार खाद्य तेलों (edible oil) का आयात शुल्क पिछले वर्षों के मुकाबले सबसे कम रहा है। जिसकी वजह से खाने वाले तेल का कारोबार करने वालों को बाहर से तेल आयात सस्ता पड़ रहा है। रूस-यूक्रेन के बीच एक दूसरे से सस्ता सूरजमुखी तेल बेचने की स्पर्धा चल रही है। इसकी वजह से पहली बार सूरजमुखी का तेल का रेट पाम और सोयाबीन से भी सस्ता हो गया है। भारत में सूरजमुखी तेल का खूब आयात हो रहा है, इसलिए सरसों का दाम (sarso ka rate) कम रहे है। अभी 920 रुपये का 10 किलो सूरजमुखी तेल आ रहा है। अगर न्यूनत्तम समर्थन मूल्य के हिसाब से सरसों के तेल की कीमत (Sarso MSP) निकालें तो यह करीब 140 रुपये किलो पड़ेगी। ऐसे में सरसों के भाव (sarso price today) कम है। दूसरी ओर बड़े व्यापारियों और एक्सपर्ट का कहना है पिछले महीने के मुकाबले जुलाई में सरसों के भाव में बढ़ौतरी देखने को मिली है। अभी सरसों के भाव (Mustard Price Hike) में और भी इजाफा होने की संभावना है। जून के मुकाबले बाहर से तेल आयात इस महीने बेहद कम है। एक नामी तेल कंपनी के एक्जीक्यूटिव फील्ड अफसर का कहना है कि राइस ब्रान ऑयल, पॉमलीन और दूसरे तेल 20 से 25 प्रतिशत मात्रा में सरसों के तेल (Sarso tel) में मिलाए जाते थे। लेकिन पॉमलीन कितना भी अच्छा हो वो सर्दियां आते ही जमने लगता है। इस वजह से भी अब सरसों के तेल के रेट (mustard oil rate) बढ़ने वाले हैं। सरकार की ओर से इन बार सरसों का न्यूनत्तम समर्थन मूल्य 5650 रुपये रखा गया है। मार्च के बाद से सरसों के भाव में गिरवाट देखी जा रही है। किसानों को अपनी सरसों न्यूनत्तम समर्थन मूल्य से भी कम पर बेचनी पड़ी है। पिछले 10 दिन से जरूर सरसों के भाव में इजाफा हुआ है। देश के 3 राज्यों में सरसों की कीमत न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से ज्यादा हो गई है। इनमें कर्नाटक, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल शामिल शामिल है। देश के बाकी राज्यों, राजस्थान, हरियाणा, यूपी, मध्यप्रदेश और बिहार में सरसों का क्या भाव (sarso ka bhav) चल रहा है। आईये नीचे जानते हैं।