Onion price : प्याज के भाव ने तोड़ा 8 महीने का रिकॉर्ड
My job alarm - जिस चीज को देखें आज वो महंगाई की आग में जल रही है। चाहे वो सोना चांदी हो या फिर किचन में इस्तेमाल होने वाले खाद्य पदार्थ, हर चीज के रेट आसमान छूने को जा रहे है। आज हम बात करने वाले है प्याज के दाम (pyaaj ke daam) की जो कि बेलगाम घोड़े की तरह बढ़ते ही चले जा रहे हैं। किचन की शायद ही ऐसी कोई वस्तु कोई खाद्य पदार्थ होगा जिसके कि रेट कम हो।
हां कुछ दिनों में महंगे हुए टमाटर के रेट (tomato price) में फर्क देखने को मिल रहा है लेकिन प्याज के दाम है कि रूकने का नाम नही ले रहे है। प्याज के दाम में बढ़ोतरी देखी जा रही है। पिछले कुछ दिनों से कई मंडियों में प्याज की कीमत (Onion rate) ने लोगों की नींद उड़ा रखी है। आपको बता दें कि एक बार फिर केरल की मंडी में प्याज का अधिकतम भाव (onion maximum price) 25500 रुपये प्रति क्विंटल पहुंच गया है। वहीं दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर भारत के कई शहरो में यह 60 से 70 रुपये किलो बिक रहा है। अब इससे आम जनता के किचन का बजट हिल गया है। कहा जा रहा है कि मांग में बढ़ोतरी के कारण महाराष्ट्र के नासिक स्थित लासलगांव कृषि उपज मंडी समिति में प्याज की किल्लत (onion shortage) हो गई है। जिससे प्याज के भाव में बंपर इजाफा हो रहा है। व्यापारियों का कहना है कि प्याज की नई फसल (new onion crop time) आने के बाद ही इसकी कीमत में गिरावट आने की उम्मीद है।
हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, मांग में बढ़ोतरी के कारण लासलगांव कृषि उपज मंडी समिति में प्याज का होलसेल रेट ही महंगा हो गया है। इससे रिटेल मार्केट में आते- आते प्याज 80 रुपये किलो तक (onion retail price) बिक रहा है। जानकारी मिली है कि लासलगांव कृषि उपज मंडी समिति में पिछले तीन सप्ताह के अंदर प्याज काफी महंगा (onion price hike) हुआ है। इसके औसत होलसेल कीमतों में 36 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पिछले हफ्ते प्याज की औसत होलसेल कीमत 3,750 रुपये प्रति क्विंटल थी, जो 22 अगस्त को बढ़कर 4750 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। खास बात यह है कि प्याज का ये (pyaaj ka rate) रेट 8 महीने में सबसे ज्यादा है।
प्याज की आपूर्ति में भयंकर गिरावट
अधिकारियों के द्वारा जारी डाटा के अनुसार , थोक मार्केट में ही सप्लाई (onion Supply in wholesale market) की तुलना में प्याज की मांग काफी बढ़ गई है। यही कारण है कि औसत होलसेल प्याज की कीमतों में वृद्धि हुई है। आमतौर पर लासलगांव कृषि उपज मंडी समिति में लगभग 15,000 क्विंटल रोज प्याज की आवक होती है, जो अब घटकर 7,000 क्विंटल प्रतिदिन रह गई है। अधिकारियों की माने तो किसान अभी खरीफ फसलों की बुवाई (sowing of kharif crops) में व्यस्त हैं। इसलिए मंडियों में प्याज बेचने के लिए नहीं आ रहे हैं। इसके चलते मंडियों में प्याज की सप्लाई प्रभावित हुई।
इसके अलावा, बागवानी उत्पाद निर्यातक संघ (Horticultural Products Exporters Association) के उपाध्यक्ष विकास सिंह का भी कहना है कि मंडियों में इन दिनों प्याज की आवक में कमी आई है, क्योंकि अधिकांश किसान अपनी उपज नहीं बेच रहे हैं। इससे नासिक शहर में भी प्याज महंगा (onion expensive) हो गया है। अभी रिटेल मार्केट में यह 50 रुपये किलो बिक रहा है।
रबी प्याज के रकबे में काफी गिरावट
प्याज के बढ़ते दामों (increasing price of onion) पर चर्चा पर अब कृषि एक्सपर्ट का कहना है कि देश में सबसे अधिक रबी प्याज का उत्पादन होता है। इसकी बुवाई दिसंबर-जनवरी में की जाती है, जबकि मार्च के बाद कटाई शुरू हो जाती है। ऐसे भी रबी प्याज की फसल आमतौर पर देश की कुल प्याज खपत का 72-75 प्रतिशत होती (onion consumption rate) है।
हालांकि, इस साल रबी प्याज के रकबे में काफी गिरावट (Significant decline in area of Rabi onion) आई है, इससे उत्पादन प्रभावित हुआ है। साल 2023 में 1.23 मिलियन हेक्टेयर की तुलना में इस साल केवल 756,000 हेक्टेयर में ही रबी प्याज की बुवाई की गई। ऐसे में केंद्र सरकार ने लगभग 19.1 मिलियन टन रबी प्याज के उत्पादन का अनुमान लगाया था, जिससे घरेलू मांग को पूरा करने की उम्मीद थी। लेकिन ऐसी नहीं हुआ, उत्पादन में गिरावट आने से आपूर्तिक प्रभावित हुई। उत्पादन में कमी और आपूर्ति में तंगी साफ-साफ प्याज की कीमतों में वृद्वि का मुख्य कारण (onion deman d and supply) है।