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Mustard Wheat Price : सरसों और गेहूं के सरकारी रेट में हुई बढ़ौतरी, जानिये नए भाव

Wheat-Sarso New MSP :कई दिनों से किसान अपनी फसलों का एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ने का इंतजार कर रहे थे। सरकार ने उनके इस इंतजार को खत्म करते हुए बड़ा ऐलान कर दिया है। दिवाली से पहले ही सरकार ने गेहूं, सरसों सहित कई फसलों का एमएसपी (gehun aur sarso ka nya MSP ) बढ़ाकर किसानों की त्योहारी खुशियों को दोगुना कर दिया है। बता दें कि केंद्र सरकार ने कैबिनेट की बैठक में फैसला लेते हुए रबी की 6 फसलों के लिए नए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का ऐलान किया है। आइये जानते हैं इस बारे में पूरी डिटेल इस खबर में।

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Mustard Wheat Price : सरसों और गेहूं के सरकारी रेट में हुई बढ़ौतरी, जानिये नए भाव

My job alarm - (wheat sarso price) इस त्योहारी सीजन में पहले ही किसानों को सरसों और गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य से ऊपर अच्छे दाम मिल रहे थे और इनमें बढ़ोतरी जारी है। अब केंद्र सरकार की ओर से एमएसपी में बढ़ोतरी किए जाने से किसानों के लिए एक और गुड न्यूज है। गेहूं और सरसों (gehun aur sarso ke taja bhav)के दामों में प्रति क्विंटल पर सरकार ने क्रमश: 150 और 300 रुपये की बढ़ोतरी की है।

अब किसानों को उम्मीद है कि उनको बाजार में इस एमएसपी से काफी ऊपर रेट इन फसलों के मिलेंगे। इसका कारण बताया जा रहा है कि अगले दो माह में ब्याह-शादियों के सीजन में गेहूं व सरसों की मांग बढ़ने से इनके रेट भी बढ़ सकते हैं। इन बढ़े हुए रेटों का सीधा फायदा गेहूं और सरसों को स्टॉक करके रखने वाले किसानों को मिलेगा। बता दें कि एमएसपी (gehun sarso ka MSP)बढ़ाने का यह फैसला हाल ही में हुई कैबिनेट की बैठक में सरकार की ओर से लिया गया है।

 


सरसों और गेहूं का अब इतना हुआ MSP

 


हाल ही में हुई कैबिनेट की बैठक में किसानों के लिए कई अहम फैसले लिए गए हैं। इन फैसलों की जानकारी केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव (Union Minister Ashwini Vaishnav) ने साझा की है। इस बारे में अवगत कराते हुए उन्होंने बताया कि नई एमएसपी दरों में अब गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 150 रुपए (gehun sarso ka nya MSP)और  बढ़ा दिया गया  है । अब गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,425 रुपए प्रति क्विंटल होगा। इसके अलावा सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 300 रुपये बढ़कर 5,950 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है, यह पहले 5650 रुपये था। 

 

 

यह होता है न्यूनतम समर्थन मूल्य


हर फसल का एक एमएसपी (MSP) यानी मिनिमम स्पोर्ट प्राइस केंद्र सरकार की ओर से निर्धारित किया जाता है। दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि किसानों से जिस न्यूनतम दर पर सरकार फसल लेती है या खरीदती है, उसे उस फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य कहते हैं। हालांकि बाजार में इन फसलों का रेट (sarso MSP hike) सरकार के एमएसपी से कम या ज्यादा हो सकता है। बाजार में कई बार फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक रेट मिलने से किसानों को फायदा भी होता है। एमएसपी का मतलब फसलों की सरकारी खरीद से होता है। इस एमएसपी (wheat MSP hike) पर किसानों से अनाज खरीदकर किसान सरकारी गोदामों में रखती है। यह सरकार की ओर से देश की खाद्य सुरक्षा के लिए किया जाता है।

जौ की दरें 130 रुपए तक बढ़ाई 


नई एमएसपी दरों में बढ़ोतरी के बाद अब जौ (jau ka MSP) की दरें भी  1,980 रुपए प्रति क्विंटल हो जाएंगी। बता दें कि जौ की दरों को प्रति क्विंटल के हिसाब से 130 रुपए बढ़ाया गया है। इसी तरह चना (देसी) की एमएसपी (Chana MSP) में भी 210 रुपए की बढ़ोतरी की गई है। अब चना देसी की नई दर 5,650 रुपए प्रति क्विंटल होगी। किसानों को सौगात देते हुए सरकार ने मसूर की दर 275 रुपए (masoor MSP)बढ़ा दी है। अब इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य 6,700 रुपए प्रति क्विंटल हो गया  है। वहीं तिलहन की फसल के एमएसपी की बात करें तो ये 140 रुपए बढ़ाई हैं। अब 5,940 रुपए प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य  तिलहन फसल का होगा। 


कर्मचारियों के लिए सौगात

कर्मचारियों के लिए भी कैबिनेट की बैठक में अहम निर्णय लिया गया। इस पर विचार करते हुए केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के महंगाई भत्ता (DA/DR) में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने का फैसला इस बैठक में लिया गया है। इसके अलावा वाराणसी में एक नया रेल-रोड ब्रिज बनाने की योजना को भी इस बैठक में स्वीकृति प्रदान की गई है।

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