My job alarm

mustard oil price : सरसों मूंगफली तेल के रेट गिरे धड़ाम, खाने के तेल में तगड़ी गिरावट

Mustard Groundnut Oil Latest Rate : त्योहारों का सीजन चल रहा है और ऐसे में खाद्य तेलों की मांग अधिक होती है जिसके चलते खाद्य तेल-तिलहन की कीमतों में उतार चढ़ाव देखने को मिलता है। लेकिन इसी बीच आम उपभोक्ताओं के लिए एक राहत की खबर है।  तिलहन की आवक बढ़ने से सरसों मूंगफली तेल के दाम (mustard oil price) में गिरावट आई है। वहीं, बाजार जानकारों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय कीमतों के गिरने से घरेलू बाजार में तेलों के दाम कम हो रहे हैं। आइए नीचे खबर में जानते हैं - 

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mustard oil price : सरसों मूंगफली तेल के रेट गिरे धड़ाम, खाने के तेल में तगड़ी गिरावट

My job alarm - (Mandi Bhav) : त्योहारी सीजन में खरीफ तिलहन फसलों की आवक बढ़ने से पिछले सप्ताह खाद्य तेल-तिलहन बाजार में कीमतों में गिरावट देखी गई। इस दौरान सरसों, सोयाबीन (mustard, soybean, oil rate), मूंगफली तेल-तिलहन, कच्चा पाम तेल, पामोलीन और बिनौला तेल के दाम में कमी आई। बाजार के जानकारों का कहना है कि पहले यह माना जा रहा था कि आयात शुल्क बढ़ाने से खाद्य तेल महंगे हो सकते हैं, लेकिन यह आशंका गलत साबित हुई है। 

'इसके बजाय, आयात शुल्क बढ़ने के बावजूद गुजरात और राजस्थान जैसे राज्यों में मूंगफली जैसे महंगे खाद्य तेलों के थोक दाम भी नीचे आए हैं। फसलों की अच्छी आवक और स्थिर आपूर्ति ने बाजार में संतुलन बनाए रखा है, जिससे आम उपभोक्ताओं को फायदा हो सकता है। इस गिरावट से लोगों को त्योहारों में तेल की कीमतों में राहत मिलने की उम्मीद है, जिससे उनके बजट पर अतिरिक्त भार नहीं पड़ेगा

 

रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दिनों गुजरात में जहां शुल्क बढ़ने से पहले मूंगफली तेल का थोक (Peanut Oil Price) मूल्य 148 रुपये प्रति लीटर था, अब यह घटकर 135 रुपये प्रति लीटर हो गया है। इसी तरह, राजस्थान में पहले 130 रुपये प्रति लीटर मिल रहा मूंगफली तेल अब 118 रुपये प्रति लीटर पर आ गया है। इस गिरावट के चलते मूंगफली तेल (peanut oil) और तिलहन के बाजार में भी कमी देखी गई है।


बीते सप्ताह सरसों (sarso rate) की आवक में बढ़ोतरी देखने को मिली। सूत्रों के अनुसार, पहले के सप्ताहांत में जहां सरसों की आवक लगभग 1.5 लाख बोरी थी, वहीं पूरे सप्ताह यह बढ़कर 3-3.5 लाख बोरी तक पहुंच गई। किसानों और सहकारी संस्था नेफेड के पास अच्छी मात्रा में सरसों उपलब्ध है। हालांकि, चुनौती यह है कि सरसों की खपत तभी बढ़ेगी जब इसके दाम आयातित तेलों के मुकाबले कम होंगे। आयातित तेलों की कीमतों में गिरावट के चलते सरसों तेल की मांग में कमी आ रही है। ऐसे में किसानों और नेफेड को उम्मीद है कि अगर कीमतों में सामंजस्य बना, तो सरसों की खपत भी बढ़ सकती है, जिससे बाजार में स्थिरता आ पाएगी।

 

अंतरराष्ट्रीय बाजार में महंगा हुआ सोयाबीन - 


पिछले हफ्ते अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोयाबीन की कीमतों (soybean prices) में बढ़ोतरी देखी गई। इससे पहले, सोयाबीन की कीमतें लगभग 1,110-1,115 डॉलर प्रति टन थीं, लेकिन इस हफ्ते यह बढ़कर 1,135-1,140 डॉलर प्रति टन तक पहुंच गईं। हालांकि, घरेलू बाजार में सरसों तेल की कीमत में गिरावट का असर सोयाबीन तेल पर भी देखा गया, जिससे सोयाबीन तेल और तिलहन के दाम भी कम हुए।
इस हफ्ते कच्चे पाम तेल (CPO) की कीमतों में गिरावट देखी गई। पहले सीपीओ की कीमत 1,155-1,160 डॉलर प्रति टन थी, जो अब घटकर 1,135-1,140 डॉलर प्रति टन पर आ गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सीपीओ की कीमतों में इस गिरावट का असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा है, जिससे घरेलू पामोलीन तेल के दाम कम हो गए। इसके साथ ही अन्य तेल, जैसे बिनौला तेल के दाम भी इस बदलाव के चलते नुकसान के साथ बंद हुए।


राशन की दुकानों पर मिलेगा सूरजमुखी और पामोलीन तेल का तेल


सरकार ने राशन की दुकानों से सूरजमुखी और पामोलीन तेल (Sunflower and Palmolein Oil Rate) की बिक्री शुरू करने का फैसला लिया है, जिससे कम आयवर्ग के लोगों को राहत मिल सकती है। इससे उन उपभोक्ताओं को खासतौर पर फायदा होगा जो इन तेलों की कीमतों (Oil prices) में बढ़ोतरी के चलते कठिनाई महसूस कर रहे थे। यह कदम ऐसे समय पर आया है जब तेलों की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है, और कई लोग उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार इससे महंगाई पर कुछ हद तक काबू पाएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम पहले उठाया जाना चाहिए था, ताकि लोगों को महंगे खाद्य तेलों से थोड़ी राहत मिलती।

बीते सप्ताह सरसों दाने के दाम में भी गिरावट देखी गई। सरसों दाने का थोक मूल्य 250 रुपये की गिरावट के साथ 6,400-6,450 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गया, जो तेल की कीमतों में गिरावट का संकेत देता है। इसी तरह, सरसों दादरी तेल के थोक भाव (taja mandi bhav)  में भी 875 रुपये की गिरावट आई और यह 13,100 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। इसके अलावा, सरसों पक्की और कच्ची घानी तेल का मूल्य भी क्रमश: 65 रुपये घटकर 2,115-2,215 रुपये और 2,115-2,230 रुपये प्रति टिन (15 किलो) रह गया।

सोयाबीन हुआ सस्ता - 

समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन दाने और सोयाबीन लूज का थोक भाव (Latest Mandi Bhav) 75-75 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 4,650-4,695 रुपये और 4,350-4,585 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। इसी प्रकार सोयाबीन दिल्ली, सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम के दाम क्रमश: 250 रुपये, 150 रुपये और 100 रुपये घटकर क्रमश: 13,100 रुपये, 12,650 रुपये और 9,600 रुपये क्विंटल पर बंद हुए।

आवक बढ़ने के बीच महंगे मूंगफली तेल-तिलहन कीमतों (Peanut oil-oilseed prices) में भी पिछले सप्ताहांत के मुकाबले नुकसान का रुख रहा। मूंगफली तिलहन 75 रुपये की नुकसान के साथ 6,300-6,575 रुपये क्विंटल, मूंगफली तेल गुजरात 300 रुपये की गिरावट के साथ 14,800 रुपये क्विंटल और मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल का भाव 35 रुपये की गिरावट के साथ 2,250-2,550 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ।

 बिनौला तेल में तगड़ी गिरावट -

हाल के दिनों में पामोलीन और बिनौला तेल के दामों (cotton oil prices) में महत्वपूर्ण गिरावट आई है। कच्चे पाम तेल (CPO) का दाम 200 रुपये कम होकर 11,950 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। इसी तरह, पामोलीन का भाव भी प्रभावित हुआ है। दिल्ली में पामोलीन का दाम 450 रुपये गिरकर 13,325 रुपये प्रति क्विंटल हो गया, जबकि कांडला के पामोलीन तेल का दाम 300 रुपये की कमी के साथ 12,275 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गया। इन गिरती हुई कीमतों के चलते बिनौला तेल (binola tel kimat) में भी जोरदार गिरावट देखने को मिली है। समीक्षाधीन सप्ताह में बिनौला तेल का दाम 650 रुपये घटकर 12,200 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।
 

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