My job alarm

Edible oil : सरसों, मूंगफली और सोयाबीन तेल हो गया महंगा, जानिये कितने बढ़े रेट

edible oil price hike : महंगाई की चपेट में अब एक-एक करके सभी चीजें आती चली जा रही है। खाने के तेल के रेट भी अब आसमान पर पहुंच रहे है। जारी अपडेट के अनुसार अब खाने के तेल के दाम बढ़ते चले जा रहे है। सरसों, मूंगफली और सोयाबीन तेल अब महंगा हो गया है। आइए नीचे खबर में जान लें क्या है आज के ताजा रेट...
 
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Edible oil : सरसों, मूंगफली और सोयाबीन तेल हो गया महंगा, जानिये कितने बढ़े रेट

My job alarm-  किसानों को उनकी फसल का उचित दाम नही मिल रहा है। चाहे वो प्याज हो या कोई भी चीज इसके चलते अब बाजारों में आपूर्ति (supply in markets) की कमी की जा रही है जिसका मेन मकसद अपने उत्पाद के मुल्य को बढ़ाना है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि किसानों द्वारा नीचले दाम पर बिकवाली घटाने के कारण मंडियों में आवक कम रहने से बीते दिनों देश के तेल-तिलहन बाजार में लगभग सभी खाद्य तेल-तिलहन के दाम (prices of oil and oilseeds) मजबूत बंद हुए है।  इसके कारण सरसों, मूंगफली और सोयाबीन तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल सुधार दर्शाते बंद हुए। कल रात शिकागो एक्सचेंज मजबूत रहने से तेल तिलहन कीमतों पर अनुकूल असर हुआ। 


सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार पहले वायदा कारोबार में दाम तोड़कर किसानों के फसलों की लूट की जाती थी। अब दाम तोड़ने के लिए अफवाहें फैलायी जाती हैं कि नयी फसल आने पर दाम और टूटेंगे आदि-आदि। लेकिन किसान अब समझने लगे हैं और पहले से सोयाबीन के दाम (soybean prices) काफी कम हैं और अब वे और नीचे दाम पर बेचने से बचने के लिए फसल रोक रहे हैं। किसानों के इस कदम से अब इनकी कीमतों में उछाल देखने को मिल रहा है। 


नई सोयाबीन फसल के MSP में हुई बढ़ोतरी...
अब बात करें सोयाबीन के रेट (soybean msp prices) की तो नये खरीफ सोयाबीन फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाकर 4,892 रुपये क्विन्टल किया गया है। कीमत बढ़ने की उम्मीद में वे पहले की बची फसलों को भी बेचने से बच रहे हैं। इसे स्टोर किया जा रहा है ताकि कीमत में वृद्धि होने पर इनकी बिक्री कर मुनाफा कमाया जा सके। इससे सोयाबीन तेल तिलहन के दाम में सुधार (Improvement in oilseeds prices) है। इस बीच हरियाणा सरकार ने किसानों से कपास नरमा एमएसपी से कम दाम पर बेचने से मना किया है। 
वैसे बता दें कि इस समय कपास के दाम एमएसपी (cotton msp price) से अधिक चल रहे हैं लेकिन सरकार ने कहा है कि अगर दाम एमएसपी से नीचे गया तो किसानों की सारी फसल एमएसपी पर प्रदेश सरकार खरीदेगी। ऐसी व्यवस्था अन्य राज्यों में भी होने की उम्मीद है। जिसकी वजह से बिनौला तेल कीमतों में भी सुधार आया। 
आने वाले महीनों में त्योहारी मांग निकलने से सरसों, मूंगफली और सोयाबीन तेल तिलहन कीमतों (Mustard, Groundnut and Soybean Oil Oilseeds Prices) में भी सुधार रहा। विशेषकर कच्ची घानी वाली बड़ी तेल मिलों की सरसों की अच्छी मांग है और उन्होंने सरसों के दाम आज भी कुछ बढ़ाया है। दूसरी ओर खाद्यतेलों की पाइपलाईन खाली है और सभी खाद्यतेलों की त्योहारी मांग बढ़ी है। जो खाद्यतेल-तिलहनों (edible oil-oilseeds demand) में सुधार का मुख्य कारण है।


चेक करें तेल-तिलहनों के ताजा भाव (edible oil price)-
सरसों तिलहन - 6,125-6,155 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों तेल दादरी- 11800 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 1830-2,030 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 1830-2,055 रुपये प्रति टिन।
मूंगफली - 6375-6,750 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 15,400 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल 2210-2510 रुपये प्रति टिन।


तिल तेल मिल डिलिवरी - 18800-20500 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10350 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 10,100 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 8600 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना - 4,500-4430 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज- 4210-4335 रुपये प्रति क्विंटल।
मक्का खल (सरिस्का)- 4075 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 9000 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 9650 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10125 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 9362 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

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