Wheat Roti : गेहूं की रोटी खाने के 5 बड़े नुकसान, 90 प्रतिशत लोगों को नहीं है जानकारी
Wheat Roti : गेहूं की रोटी रोटी और चावल का प्रयोग भारतीय खाने में सबसे ज्यादा होता है. चावल के बारे में तो हम सब जानते है कि इसका ज्यादा सेवन शुगर से लेकर वेट तक को बढ़ा देता है. लेकिन आज हमको अपनी इस खबर में गेहूं (Wheat) रोटी के अधिक खाने के नुकसान के बारे में भी बताने जा रहे है. चलिए आइए जान लेते है
My Job alaram - Wheat Roti Side Effects: भारतीय खाने में गेहूं रोटी और चावल का प्रयोग सबसे ज्यादा होता है। रोटी हमारे भोजन का अहम हिस्सा होता है, इसके बिना कई लोगों का पेट तक नहीं भरता. अधिकतर लोगों का मानना हैं कि चावल की तुलना रोटी ज्यादा फायदेमंद होती है और इससे मोटापा नहीं बढ़ता. गेहूं की रोटी में भरपूर मात्रा में कैल्शियम और प्रोटीन पाया जाता है जो हमारे शरीर की अच्छी सेहत के लिए जरूरी है. इसके अलावा, यह हमारे पाचन को दुरुस्त रखती है।
हालांकि अगर आप सिर्फ रोटी (Wheat roti) ही खाते हैं तो आपकी सेहत को नुकसान हो सकता है. अगर आप पूरे दिनभर में सिर्फ गेहूं की रोटी ही खाते हैं तो शरीर में कई समस्याएं भी पैदा हो सकती है. आइए जानते हैं कि ज्यादा गेहूं की रोटी खाने से क्या-क्या नुकसान होते हैं।
वजन बढ़ना
सबसे पहला नुकसान है ज्यादा गेहूं की रोटी खाने से वजन बढ़ता है, क्योंकि गेहूं में मौजूद ग्लूटेन की मात्रा बढ़ने से शरीर में फैट जमने लगता है. इसके अलावा, ज्यादा रोटी आपके शरीर में कार्बोहाइड्रेट्स बढ़ा सकते हैं, जिससे मोटापा बढ़ सकता है. कई लोगों को रोटी में घी लगाकर खाने की आदत होती है. घी लगाने से उसकी कैलोरी वैल्यू कई गुना बढ़ जाती है.अगर आप स्वस्थ रहना चाहते हैं तो घी लगी आटे की रोटी न खाएं.
ज्यादा थकान
कार्बोहाइड्रेट थकान बढ़ाने का भी काम करता है. ऐसे में अगर आप ज्यादा गेहूं (Wheat) की रोटी खाते हैं तो शरीर में आलस बढ़ता है और हम थका हुआ महसूस करते हैं।
ब्लड शुगर लेवल
कार्बोहाइड्रेट के कारण गेहूं की रोटी खाने से शरीर का ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है. अगर आप ज्यादा गेहूं की रोटी खाते हैं तो आपका ब्लड शुगर लेवल अचानक से बढ़ सकता है. डायबिटीज के मरीज (Diabetic Patients) गेहूं की रोटी का कम ही सेवन करें.
पेट की समस्या
गेहूं की रोटी ज्यादा खाने से भारीपन और पेट फूलने की दिक्कत हो सकती है. कई लोग तो गैस और पाचन संबंधी समस्याओं (Digestive Problems) से जूझते हैं. इसलिए नियंत्रित मात्रा में रोटी का सेवन करना अच्छा होता है.
दिल की बीमारियां
कार्बोहाइड्रेट से दिल की बीमारियों (Heart Diseases) का भी खतरा रहता है. शरीर में जब कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक हो जाती हैं तो वह फैट में बदल जाता है, जिससे दिल की बीमारी का खतरा रहता है.
सीलिएक रोग का कारण
आटे की रोटी में ग्लूटेन नामक पदार्थ होता है. अगर यह पदार्थ शरीर में बहुत अधिक मात्रा में पहुंच जाए तो सीलिएक रोग (Celiac Disease) होने का खतरा रहता है. बता दें कि अगर आपको यह बीमारी हो गई तो समस्या का कोई अंत नहीं है. रोगी को पेट दर्द, दस्त, कमजोरी की समस्या हो सकती है.
रोटी का विकल्प क्या है?
रोटी और चावल को एक साथ मिलाकर खाने से इस समस्या का समाधान संभव है. ऐसे में एक दिन चावल खाएं और दूसरे दिन रोटी खाएं. ध्यान रहे, रोटी भी कम मात्रा में खाएं. अगर आपको भूख लगी है तो सब्जियां, फल या अन्य चीजें खाकर अपना पेट भरें। इससे आपको फायदा मिलेगा।
(Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें.)