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Wheat Flour : पैकेट वाला गेहूं आटा खाने वाले हो जाएं सावधान, जानिए जरूरी बात

Wheat Flour :  पैकेट वाले आटे का चलन लगातार बढ़ रहा है। शहरों में आपने आटा चक्की कम ही देखी होगी लेकिन हर किराने की दुकान पर पैकेट में बिकने वाला आटा तो जरूर देखा होगा। आज के समय लोग मेहनत करने से कतराते हैं और व्यस्त लाइफस्टाइल के साथ उनके पास समय भी कम होता है। ऐसे में ज्यादातर लोग पैकेट वाला गेहूं का आटा (wheat flour) ही खरीदना और खाना पसंद करते हैं। अगर आप भी पैकेट वाला ही आटा खाते हैं तो ये खबर आपके लिए बेहद जरूरी है।

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Wheat Flour : पैकेट वाला गेहूं आटा खाने वाले हो जाएं सावधान

My job alaram (Wheat Flour) : पुराने जमाने की तो बात ही अलगी थी। खाद्य पदार्थों का स्वाद इतना अच्छा होता था कि शुद्धता जांचने की आवश्यकता ही नहीं होती थी। लेकिन, मौजूदा समय में खाने की चीजों में मिलावट लगातार बढ़ती जा रही है। खाद्य पदार्थों की बढ़ती डिमांड के बीच कई दुकानदार, ग्राहकों को असली की शक्ल में घटिया सामान पकड़ा देते हैं। गेहूं के आटे (packet wheat flour) के साथ भी कुछ ऐसा ही है. पुराने जमाने में खेतों से गेहूं मंडी पहुंचता था और मंडी से हमारे घर.

इस गेहूं (wheat) को धोकर कई दिनों तक सुखाया जाता था और ताजा आटा पीसने के लिए चक्की भेजा जाता था, लेकिन इन दिनों बाजार में कई तरह का पैकेट बंद आटा आ रहा है. हर आटे के पैकेट पर एक्सपायरी डेट भी लिखी होती है, लेकिन कुछ दुकानदार हेरफेर करके पुराने आटे को नया और अच्छा बताकर बेच देते हैं, जिसे खाने पर सेहत से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं.

इस मामले को आपको गंभीरता से लेना होगा. आप चाहें तो आटा खरीदने से पहले या पैकेट बंद आटे (Packaged Flour) की रोटियां बनाने से पहले इसकी जांच कर सकते हैं कि यह आटा शुद्ध (Pure flour) और सेहत के लिए अच्छा है भी या नहीं. इसके लिए एक्सपर्ट कुछ खास तरीक बताते हैं. जिन्हें आज आप भी आटे की रोटियां बनाने से पहले ट्राई कर सकते है.

 

गेहूं के आटे की ऐसे करें पहचान 

 

  • असली-नकली आटे की पहचान के लिए एक पानी का ग्लास ही काफी है. सबसे पहले पैकेट में से एक चम्मच आटा निकालें और इसे एक गिलास पानी में डाल दें. 10 से 20 सेकंड बाद पानी को देखें. यदि आटा पानी पर तैर रहा है तो यह नकली हो सकता है, क्योंकि असली आटा पानी में बैठ जाता है.
  • रोटी बनाते समय भी आप असली और नकली आटे की पहचान आसानी से कर सकते हैं. दरअसल, जब असली आटे को गूंथते हैं तो वह कुछ समय में ही नरम हो जाता है, जबकि घटिया या मिलावटी आटे के साथ ऐसा नहीं होता.
  • इसके अलावा मिलावटी आटे को गूंथते वक्त अत्याधिक पानी की जरूरत होती है। शुद्ध आटे की रोटियां काफी नर्म होती हैं। इसके अलावा उससे बनीं रोटियां काफी अच्छे से फूलती हैं। 
  • मिलावटी आटे की पहचान के लिए नींबू (Lemon) भी एक अच्छा ऑप्शन है. आटे को घुटने से पहले आधा चम्मच आटा लेकर उसमें नींबू का रस डालें. इस प्रयोग के बाद यदि आटे से बुलबुले निकल आएं तो समझ जाइए कि आटा नकली है. हो सकता है इस आटे में खड़िया मिलाई गई हो. कई बार आटे में बोरिक पाउडर (Boric Powder) मिलाकर भी बेचा जाता है, जो हमारी सेहत के लिए हानिकारक होता है.
  • हाइड्रोक्लोरिक एसिड (Hydrochloric Acid) से ज्यादातर खाद्य पदार्थों की जांच की जाती है. आटे को जांचने के लिए भी है सबसे अच्छा तरीका है. ये एसिड बाजार में आसानी से मिल जाता है. हाइड्रोक्लोरिक एसिड से आटे की जांच करने के लिए सबसे पहले क्लास में थोड़ा-सा एसिड लें. उसके बाद आधा चम्मच आटा डाल दें. कुछ समय बाद आटे की संरचना पर नजर डालें. अगर इस मिक्सर में खाने वाली चीज दिख रही है तो यह आटा मिलावटी है.

 

नोट : जानकारी के लिए बता देगी असली और शुद्ध आटा गूंथने के बाद नरम हो जाता है. इसकी रोटियां भी फूली हुई और नरम बनती हैं. असली आटे की यही पहचान है कि रोटियों का स्वाद बरकरार रहता है, जबकि कंकड़, भूसे, धूल, खरपतवार के बीज और पुराने अनाज से बना आटा न दिखने में अच्छा होता है और ना खाने में, इसीलिए आटे की रोटियां बनाने से पहले एक बार असली-नकली की पहचान जरूर कर लें.

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