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sarso tel : सरसों तेल क्यों हुआ बैन, इस्तेमाल करने वाले जान लें जरूरी बात

Sarso Tel Ke Nuksan :  नीति आयोग के अनुसार भारत में खाद्य तेल की प्रति व्यक्ति खपत अभी 20.5 किलोग्राम प्रतिवर्ष है, जबकि विकसित देशों में प्रति व्यक्ति यह खपत 25.5 किलोग्राम की है। पिछले साल भारत में 165 लाख टन खाद्य तेल आयात किया गया था। खाद्य तेल की बात करें तो इसमें सबसे ज्यादा यूज सरसों का तेल (mustard oil) किया जाता है। ज्यादातर इंडियन घरों में आज भी कुकिंग के लिए सरसों का तेल पहली पसंद है। सरसों के तेल को खाना बनाने से लेकर मालिश करने तक के लिए इस्तेमाल किया जाता है।   

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sarso tel : सरसों तेल क्यों हुआ बैन, इस्तेमाल करने वाले जान लें ये जरूरी बात

My job alarm (sarso oil) : देश में हर घर में सरसों का तेल आपको कई चीजों में यूज होता मिल जाएगा। रसोईघर से लेकर घर-आंगन के कई कार्यों में घर का लगभग हर सदस्य इसे यूज करता है। इसके बिना रसोईघर तो समझो अधूरा ही है। कुकिंग के लिए इतने उपयोगी इस तेल पर 'Not for cooking' का लेबल लगना आश्चर्य जनक है। इसे बैन किया जाना तो और भी हैरत में डालता है। सरसों के तेल को बैन (mustard oil ban) करने का जिक्र आते ही यह बात जेहन में आती है कि इससे नुकसान होते हैं। दूसरी इस बात पर भी ध्यान जाता है कि पिछले कई वर्षों से सरसों के तेल (mustard oil rate) का उपयोग थोक में होता आया है और अब अचानक बैन करने की नौबत कैसे आई। आखिर ऐसे क्या कारण रहे कि इसे बैन किया गया। इन सब सवालों का जवाब आपको इस खबर में मिल जाएगा।

 

 

अमेरिका में बैन है सरसों का तेल

 

 

हम आपको बतादें कि अमेरिका ने सरसों के तेल को बैन (mustard oil) किया हुआ है। अमेरिका में खाना पकाने के लिए सरसों का तेल नहीं बल्कि ऑलिव ऑयल, अलसी का तेल, तिल का तेल, मूंगफली का तेल समेत कई अन्य तेल उपयोग में लाए जाते हैं। अमेरिका में खाना पकाने के लिए इसे कतई यूज (mustard oil uses) नहीं किया जाता। इसकी पूरी तरह से मनाही है। हालांकि अमेरिका में सरसों का तेल बिकता जरूर है पर Not for cooking का लेबल लगाकर।

 

 

 

बैन करने का यह है कारण

 


फूड सेफ्टी विशेषज्ञों का मानना है कि सरसों के तेल (mustard oil use) में हाई इरुसिक एसिड होने के कारण इसे अमेरिका में बैन किया गया है। बताया जाता है कि हाई इरुसिक एसिड युक्त चीजों का इस्तेमाल खाने में करने से स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है। यही कारण है कि इसे अमेरिका में खाना पकाने की मंजूरी नहीं है। यह भी दावे किए जा रहे हैं कि सरसों के तेल में मौजूद हाई इरुसिक एसिड एक मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड है। जिसका अधिक उपयोग करने से फेफड़े, दिल और स्किन के घातक रोग हो सकते हैं।

सरसों के तेल का उपयोग करने के नुकसान 

अमेरिकी फूड विभाग (Food Department) के अलावा करीब 8 साल पहले FDA   ने भी सरसों के तेल को लेकर चेतावनी जारी की थी। एफडीए की ओर से यह भी कहा गया था कि सरसों के तेल में ज्यादा मिलावट की शिकायतें आ रही हैं। इससे सरसों के तेल में हाई इरुसिक एसिड (erucic acid) की मात्रा ज्यादा हो गई है। इस कारण इससे तमाम तरह के नुकसान हो सकते हैं।


1. सरसों तेल से जलन और सूजन की समस्या 


जांच करने पर यह भी पाया गया कि सरसों के तेल (sarso tel) में लिल आइसोथियोसाइनेट  ज्यादा मात्रा में होता है। इसे शरीर की मालिश, बालों में लगाने, चेहरे पर लगाने आदि में किया जाए तो सूजन और जलन  की समस्या हो सकती है। कई लोगों की त्वचा बेहद संवेदनशील होती है, उनके लिए तो और भी ज्यादा खतरा है। त्वचा पर खुजली होने के अलावा ऐसे लोगों के लिए समस्या और बढ़ सकती हैं।

2. सरसों तेल से राइनाइटिस एलर्जी का होना

सरसों के तेल (mustard oil) का ज्यादा उपयोग या सेवन राइनाइटिस एलर्जी  को बढ़ावा दे सकता है। जिससे खांसी, छींक आना और नाक से पानी टपकने जैसी कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। श्लेष्म झिल्ली में सूजन का कारण भी सरसों के तेल का अधिक यूज करना बताया गया है। 

3. सरसों तेल का एक और बड़ा नुकसान

खासकर सरसों के मिलावटी तेल में इरूसिक एसिड की मात्रा ज्यादा पाई गई है। यह सीधे तौर पर फेफड़ों को ज्यादा नुकसान पहुंचाता है। इससे सांस लेने में परेशानी हो सकती है और फेफड़ों की कई और बीमारी भी हो सकती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार सरसों के तेल में कई ऐसे तत्व भी होते हैं जो व्यक्ति के रेस्पिरेटरी सिस्टम को प्रभावित करते हैं। ऐसे में इसके अधिक उपयोग को सही नहीं कहा जा सकता।

वहीं सरसों के तेल का अधिक उपयोग (Mustard oil overuse) ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकता है। इरूसिक एसिड का सीधा असर ब्लड पर पड़ता है। इससे हाई ब्लड प्रेशर होने के कारण दिल के रोग बढ़ सकते हैं व हार्ट अटैक तक का खतरा हो सकता है।

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