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sarso tel : सरसों तेल क्यों हुआ बैन, इस्तेमाल करने से पहले जान लें जरूरी बात

sarso tel ban :  मौजूदा समय में हर कोई अपने कुकिंग ऑयल को दूसरों की देखा देखी बदलने में लगा है। कभी राइस ब्रैन तो कभी सोयाबीन और अन्य खाद्य तेल। बाज़ार में भी कई अलग अलग तरह के खाद्य तेल आपको देखने को मिल जाएंगे। ये सभी हेल्दी होने का भी दावा करते हैं। यकीनन इन सब के अपने अपने फायदे और नुकसान होंगे। मगर आज भी भारत में सबसे ज्यादा सरसों तेल (mustard oil use) का ही इस्तेमाल किया जाता है। बाजार के जानकारों के मुताबिक देश में खपत के लिए रोजाना करीब 10500 टन सरसों तेल (mustard oil consumption) की आवश्यकता होती है। मिडिल क्लास वालों की रसोई में खासकर सरसों तेल का यूज ज्यादा होता है। 
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sarso tel : सरसों तेल क्यों हुआ बैन, इस्तेमाल करने से पहले जान लें जरूरी बात

My job alarm (sarso tel): भारत की हर एक रसोई में आपको सरसों का तेल देखने को मिल ही जाएगा। आधे से ज्यादा जनसंख्या इसी तेल का इस्तेमाल ज्यादातर खाना बनाने में करती है। लगभग हर रसोई में पाया जाने वाला सरसों का तेल (mustard oil) न सिर्फ खाने को स्वादिष्ट बनाता है बल्कि कहा जाता है कि  यह सेहत के मामले में भी बहुत फायदेमंद है।  वैसे भी भारतीय रसोई की पेंट्री बहुत बहुमुखी होती है जितनी आप कल्पना कर सकते हैं शायद उससे भी कही ज्यादा ही। भारतीय किचन में आपको अलग-अलग स्वाद और सुगंध वाले कई तरह के मसालों से लेकर अलग-अलग तरह के खाना पकाने के लिए कई तरह के तेलों का भंडार मिल सकता है। आज इस खबर के माध्यम से हम आपको ऐसे ही किचन के पेंट्री की विशेषताएं बताने वाले है।  

इस खबर में हम बात कर रहे है सरसों तेल की। अमूमन हर भारतीय रसोई में खाना पकाने के लिए इस तेल का इस्तेमाल  किया जाता है। वैसे भी करी बनाने के लिए इसे एक अच्छा ऑप्शन माना जाता है, खासकर अगर बात की जाए नॉनवेज खाने की तो की तो वो तो सरसों के तेल (Mustard oil uses) में ही बेहतर बनता है। इतना ही नही इसे बहुत हेल्दी भी माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस पसंदीदा चीज को भारत में तो पसंद किया जाता है लेकिन अमेरिका जैसे देश में ये तेल बैन है। जी हां आपने सही पढ़ा। खाना बनाने के लिए इसे वहां पर पूरी तरह से सरसों तेल बैन (sarso tel) किया गया है। अब आपको हैरानी हो रही होगी कि ऐसा क्यों? आइए जान लें इसका कारण...
 

यहां सरसों का तेल क्यों हुआ बैन?


फूड सेफ्टी एक्सपर्ट के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका में सरसों के तेल को मंजूरी नहीं (Mustard oil is ban) दी गई है क्योंकि इसमें इरुसिक एसिड का काफी उच्च स्तर माना जाता है। जिन लोगों को इस एसिड के बारे में जानकारी नही है उन्हे बता दें कि इरुसिक एसिड के हाई लेवल संभावित हार्ट परेशानियों, फेफड़ों और स्किन पर खराब असर पड़ता है। इन्हें अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) के निर्णय के पीछे का प्रमुख कारण माना जाता है।
 

सरसों के तेल में पाया जाने वाला इरुसिक एसिड क्या वाकई है घातक?


इस पर एक्सपर्ट का कहना हैं कि कुछ वैज्ञानिक अध्ययन पर अंध विश्वास करना समझदारी नहीं है। ऐसे अध्ययनों की क्वालिटी और उनके आर्थिक प्रोत्साहन के कारण होता है, जो इसमें बड़ी भूमिका निभा सकते हैं और यही कारण है कि आप संयुक्त राज्य अमेरिका में भारतीय किराना स्टोरों में सरसों के तेल (Mustard oil in Indian grocery stores) की बोतलें बेचते हुए पाएंगे, जिन पर केवल बाहरी उपयोग के लिए लेबल लगा होता है। 


हालांकि, वे कहते हैं कि कई भारतीय तेल की ये बोतलें खरीदते हैं और उन्हें अपने देसी व्यंजनों में इस्तेमाल करते हैं। यह सब 1970 के दशक में चूहों पर किए गए एक अध्ययन (study conducted on rats) से शुरू हुआ, लेकिन हम अक्सर यह समझने में विफल रहते हैं कि "चूहों का चयापचय मौलिक रूप से अलग होता है," वे कहते हैं। यही कारण है कि अपने भोजन के विकल्पों के बारे में सावधान रहना और संदेह मुक्त होकर अपने भोजन का आनंद लेना जरूरी है।

 

क्या इरुसिक एसिड सच में है सेहत के लिए हानिकारक? 


इसके बारे में जानकारी देते हुए एक्सपर्ट ने बताया कि इरुसिक एसिड की थोड़ी मात्रा सुरक्षित है, लेकिन लंबे समय तक इसका हाई लेवल सेवन बेहद नुकसानदायक साबित हो सकता है। सरसों के तेल (mustard oil) में ज्यादा मात्रा में पाया जाने वाला इरुसिक एसिड एक मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड है, जो जानवरों पर किए गए अध्ययनों में पाया गया है कि जब इसका बड़ी मात्रा में सेवन किया जाता है, तो यह हार्ट हेल्थ के लिए हानिकारक होता है। 
हालांकि इन अध्ययनों में सामान्य मानव उपभोग की तुलना में ज्यादा खुराक शामिल थी, लेकिन ह्यूमन में इसी तरह के प्रभावों की संभावना को पूरी तरह से खारिज नहीं किया जा सकता है, जिससे सावधानी बरती जा रही है। फूड एक्सपर्ट (food experts opinion on mustard oil uses) कहते हैं, हालांकि, अध्ययन मानव स्वास्थ्य पर इरुसिक एसिड के प्रभावों की स्पष्ट तस्वीर पेश नहीं करते है।

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