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Sarso Tel : काली या पीली, कौन सी सरसों का तेल ज्यादा फायदेमंद, जानिए ये जरूरी बात

Sarso Tel :  भारत में अधिकत्तर घरों में सरसों तेल  का इस्तेमाल होता है। सरसों तेल (mustard oil) न सिर्फ व्यंजनों का स्वाद बढ़ा देता है, बल्कि सेहत के लिए भी गुणकारी है। यह तेल स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत के रूप में जाना जाता है। सरसों तेल (mustard oil benefits) में मोनोअनसैचराइड और पॉलीयुनसैचराइड फैट होते हैं, जिसके कई फायदे होते हैं।  जिनके कई फायदे होते हैं।

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Sarso Tel : काली या पीली, कौन सी सरसों का तेल ज्यादा फायदेमंद, जानिए ये जरूरी बात

My job alaram- Mustard Oil: भारतीय रसोई में पीली और काली सरसों के बिना काम नहीं चलता। ये भी कह सकते हैं कि ये तेल (sarso tel) खाना बनाने के लिए भारतीय महिलाओं की पहली पसंद है. क्वांटिटी के हिसाब से देखें तो मसालों में सबसे ज्यादा सरसों ही होती है। 

 दानों को अलग से पीस सकते हैं या फिर मिर्च, गोलमिर्च, धनिया, जीरा, हल्दी जैसे मसालों के साथ. खाने का स्वाद बढ़ाना है तो सरसों के दाने से तड़का लगा लीजिए  सरसों के तेल को लेकर कहा जाता है कि ये हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद है.

 

लेकिन क्या वाकई में सरसों के तेल में कुकिंग करना फायदेमंद है ( Benefits of mustard oil)

 

दरअसल, अमेरिका और कनाड़ा जैसे देशों में खाना बनाने के लिए सरसों तेल का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। यहां सरसों तेल बिकता तो है लेकिन बॉटल पर ‘नॉट फोर सेल’ का लेबल लगा हुआ है. सरसों का तेल भी दो तरह का होता है- काली और पीली सरसों का.

अब कुछ लोगों के मन में ये सवाल है कि आखिर किस सरसों के तेल में कुकिंग करना ज्यादा फायदेमंद है. इसको लेकर तमाम एक्सपर्ट्स की भी अपनी-अपनी राय है। 

 

पीली और काली सरसों में हैं अलग-अलग गुण

पीली, काली और सफेद. सरसों की तीन वेराइटी देखने को मिलती है. अपने देश में सफेद सरसों का इस्तेमाल बहुत कम होता है. जबकि पीली और काली रंग की सरसों का प्रयोग अधिक होता है. काली या गहरे भूरे रंग की सरसों को राई भी कहते हैं। आमतौर पर पीली और काली सरसों के बीज से तेल निकाला जाता है। पीली सरसों मसाले के रूप में सब्जियों में डाली जाती है। इसका तेल भी काली सरसों के मुकाबले अधिक यूज होता है। जबकि काली सरसों अचार बनाने में सबसे अधिक पड़ती है।

किस सरसों का तेल है फायदेमंद

अगर एक्सपर्ट की मानें तो सरसों का तेल ( mustard oil) ही नहीं खरीदना चाहिए. सुनकर थोड़ा आप भी चौंक सकते हैं. डायटीशियन का कहना है कि सरसों के तेल में खाना बनाने से बचना चाहिए. क्योंकि दोनों ही सरसों के तेल में एक चीज कॉमन पाई गई है, जो यूरिसिक एसिड है. एक्सपर्ट कहती हैं कि ये हमारे दिल के लिए खतरनाक तत्व है. यहीं वजह है कि सरसों के तेल में कुकिंग करने से बचना चाहिए.

आप कुकिंग के लिए कैनोला तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं. ये सरसों का तेल ही होता है लेकिन इसमें यूरिसिक एसिड नहीं होता. इसे इस्तेमाल करना एकदम सेफ है.हालांकि, सरसों के तेल में पाए जाने वाले यूरिसिक एसिड से दिल को कैसे नुकसान पहुंचता है, इसको लेकर गहन अध्ययन करने की जरूरत है.

 

इन लोगों को नहीं खाना चाहिए सरसों का तेल

यदि आप थॉयराइड के रोगी हैं तो सरसों का कम से कम इस्तेमाल ( mustard oil use) करना चाहिए। सरसों के बीज और उसके पौधों में ग्वाइटरोजेंस मौजूद होते हैं। ग्वाइटरोजेंस के साथ ही थाइरोनीन्स जुड़े होते हैं जो थॉयराइड हार्मोन में गड़बड़ी पैदा करते हैं। जब लंबे समय तक खाने में सरसों के बीज या उसके तेल का इस्तेमाल किया जाता है तो थॉयराइड ग्लैंड का साइज बड़ा हो जाता है। यह ठीक से काम नहीं करता है।

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